Gold Reserves: क्या होता है गोल्ड रिजर्व? भारत समेत अन्य देशों में इसे बढ़ाने की क्यों लगी होड़?
भारत एक बार फिर से सोने की चिड़िया बनने की तैयारी में है। पिछले कुछ सालों में भारत के गोल्ड रिजर्व में तेजी से वृद्धि हुई है और सबसे ज्यादा गोल्ड रिजर्व वाले टॉप-10 देशों में शामिल हो गया है।
Gold Reserves: पीएम नरेन्द्र मोदी ने नवंबर 2015 में सोने के भंडारण को लेकर तीन गोल्ड स्कीम - गोल्ड मोनेटाइजेशन स्कीम, सोवर्जिन गोल्ड बॉन्ड स्कीम और इंडियन गोल्ड कॉइन स्कीम लांच की थी। इन स्कीम को लांच करते समय पीएम मोदी ने कहा था कि भारत को पता नहीं क्यों लोग गरीब देश कहते हैं, यहां लोगों के घरों में 20 हजार टन से ज्यादा सोना हैं। पीएम का कहना था कि "भारतीय समाज में महिलाओं के सशक्तिकरण में सोने का अहम योगदान रहा है। देश के लोग सरकार द्वारा चलाई जा रही इन गोल्ड स्कीम्स में हिस्सा लेकर देश के गोल्ड रिजर्व को बढ़ा सकते हैं।" गौरतलब है कि इन स्कीमों के बाद से देश के गोल्ड रिजर्व में वृद्धि देखी जा रही है। हालांकि गोल्ड रिजर्व में ज्यादा वृद्धि रिजर्व बैंक द्वारा सोने की खरीद के कारण हुई है।
भारत टॉप-10 गोल्ड रिजर्व रखने वाले देशों में शामिल
भारत में इस समय 760 टन से ज्यादा सोने का भंडार है और वह गोल्ड रिजर्व (Gold Reserve) रखने वाले टॉप-10 देशों में शामिल हो गया है। पिछले चार सालों (2018 से 2022) में भारत का गोल्ड रिजर्व 36.8 प्रतिशत से ज्यादा बढ़ा है। पिछले दो दशक की बात करें तो भारत का गोल्ड रिजर्व साल 2000 के मुकाबले दोगुना हो गया है। सबसे हैरानी की बात यह है कि इस समय जहां पूरी दुनिया एक कथित आर्थिक मंदी और अन्य इकोनॉमिक क्राइसिस के दौर से गुजर रहे हैं, वहीं भारत तेजी से अपना गोल्ड रिजर्व लगातार बढ़ा रहा है।
क्या होता है गोल्ड रिजर्व
गोल्ड रिजर्व सरकार या सरकारी बैंक द्वारा जमा किया गया सोना होता है, जिसे राष्ट्रीय मुद्रा यानी नेशनल करेंसी को सपोर्ट करने के लिए इकट्ठा किया जाता है। वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल का अनुमान है कि अब तक खनन किए गए सोने की मात्रा दो लाख टन से ज्यादा है। दुनियाभर के सेंट्रल बैंकों में पिछले कुछ साल से सोना खरीदने की होड़ सी लग गई है। वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल की रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले साल यानी 2022 की तीसरी तिमाही में सैंट्रल बैंकों ने 1181 टन से ज्यादा सोने की खरीदारी की है, जो 1967 के बाद सबसे ज्यादा है।
भारत यूरोपीय देश नीदरलैंड को पीछे छोड़ते हुए गोल्ड रिजर्व रखने वाले टॉप-10 देशों में शामिल हो गया है। कभी देश का गोल्ड रिजर्व गिरवी रखकर अमेरिकी डॉलर खरीदने वाला देश एक बार फिर से गोल्ड रिजर्व बढ़ाने की तरफ रूख कर रहा है। यह बदलाव रातों-रात नहीं आया है। इस समय केन्द्र सरकार ने अपना पैसा गोल्ड रिजर्व बढ़ाने पर लगा दिया है।
2022 में भारत का गोल्ड रिजर्व 2021 के 705 टन के मुकाबले 768 टन से ज्यादा हो गया है। महज एक साल में गोल्ड रिजर्व में 9 प्रतिशत से ज्यादा की बढ़ोतरी हुई है। 2018 के जून में भारत का गोल्ड रिजर्व 561 टन था। कोरोना महामारी के दौरान जहां सभी देश आर्थिक मंदी की तरफ बढ़ रहे थे, वहीं भारत ने पिछले तीन साल में गोल्ड रिजर्व को तेजी से बढ़ाया है। सरकार देश के विदेशी मुद्रा भंडार में विविधता लाने की कोशिश कर रही है। यही कारण है कि जुलाई 2021 से जून 2022 के बीच भारत ने 63 टन गोल्ड खरीदा है।
क्यों रखते हैं गोल्ड रिजर्व?
गोल्ड रिजर्व विकास की रेस में भागते हुए देशों को मुद्रास्फीति के खिलाफ एक सुरक्षा कवच प्रदान करता है। आने वाली आर्थिक मंदी की आहट के बीच एकत्रित किया गया सोना देश की इकोनॉमी को संभालने के लिए एक मजबूत अल्टर्नेटिव साबित हो सकता है। यही कारण है कि भारत समेत कई देश सोने का भंडार यानी गोल्ड रिजर्व रख रहे हैं।
2022 की दूसरी तिमाही में ग्लोबल सेंट्रल बैंकों ने करीब 180 टन गोल्ड की खरीदारी की थी। ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है कि इस साल भारत समेत अन्य देशों के सेंट्रल बैंक 270 टन से ज्यादा सोना खरीदेंगे। पिछले साल तुर्की ने सबसे ज्यादा 63 टन गोल्ड खरीदा है, जबकि इजिप्ट और इराक ने क्रमशः 44 टन और 34 टन गोल्ड खरीदा है। भारत में भी इस दौरान 15 टन गोल्ड रिजर्व बढ़ा है। वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल (WGC) द्वारा किए गए एक सर्वेक्षण के मुताबिक, 25 प्रतिशत देशों के केन्द्रीय बैंक अपने सोने का भंडार अगले 12 महीनों में बढ़ाने वाले हैं।
किन देशों में सबसे ज्यादा है गोल्ड रिजर्व?
वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल की रिपोर्ट के मुताबिक, इस समय 8133 टन गोल्ड के साथ अमेरिका सबसे बड़ा गोल्ड रिजर्व वाला देश है। इस समय अमेरिका के पास कुल विदेशी मुद्रा भंडार का 80 प्रतिशत गोल्ड रिजर्व है। अमेरिका के बाद जर्मनी के पास 3363 टन से ज्यादा का गोल्ड रिजर्व है, जो जर्मनी की कुल विदेशी मुद्रा भंडार का 75 प्रतिशत है। गोल्ड रिजर्व रखने के मामले में यूरोपीय देश इटली तीसरे नंबर पर है। इटली के पास करीब 2451 टन गोल्ड रिजर्व है, जो देश की विदेशी मुद्रा भंडार का 70 प्रतिशत है। वहीं, फ्रांस के पास करीब 2436 टन गोल्ड है, जो उसकी विदेशी मुद्रा भंडार का 65 प्रतिशत है।
इन विकसित देशों के साथ-साथ पांचवें नंबर पर काबिज रूस के पास 2299 टन सोना है, जो कुल विदेशी मुद्रा भंडार का महज 6.7 प्रतिशत है। वहीं, गोल्ड रिजर्व के मामले में चीन छठे स्थान पर है। चीन के पास 1948 टन गोल्ड रिजर्व है, जो देश के कुल विदेशी मुद्रा भंडार का 3.3 प्रतिशत है। गोल्ड रिजर्व के मामले में स्विट्जरलैंड सातवें नंबर पर है। स्विट्जरलैंड के पास कुल 1040 टन सोना है, जो देश के विदेशी मुद्रा भंडार का 6.7 प्रतिशत है।
जापान गोल्ड रिजर्व के मामले में आठवें स्थान पर है। जापान के पास इस समय 845 टन सोने का भंडार है, जो देश के विदेशी मुद्रा भंडार का 3.3 प्रतिशत है। वहीं, भारत इस सूची में नौवें नंबर पर आता है। भारत के पास इस समय 768 टन सोने का भंडार है। भारत में जमा कुल विदेशी मुद्रा का 7.6 प्रतिशत हिस्सेदारी गोल्ड रिजर्व की है। वहीं, नीदरलैंड के पास 612 टन सोना है और वह गोल्ड रिजर्व के मामले में 10वें नंबर पर काबिज है।
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