बच्चों की बदरंग दुनिया: सीरिया में 8,803 तो गाजा में 500 बच्चों की मौत
सीरिया, इराक और गाजा में चल रहा खूनी संघर्ष और खौफनाक मंजर में तबदील होता जा रहा है। इंसानियत यहां खून के आंसू रो रही है।
सीरिया में राष्ट्रपति बशर अल असद सरकार और विरोधियों के बीच पिछले तीन वर्षों से खूनी संघर्ष जारी है। सीरिया गृहयुद्ध में जहां वहां के आम लोगों को खामियाजा भुगतना पड़ रहा है। वहीं, इराक में आईएसआईएस ने तमाम लोगों समेत बच्चों को भी अपना निशाना बनाया हुआ है। आईएसआईएस आतंकियों ने अब तक हजारों की संख्या में बच्चों को जिंदा जमीन में गाड़ दिया है।
इजरायल और गाजा में भी स्थिति कुछ अलग नहीं है। गाजा पट्टी में इजरायल के लगातार हमलों ने न जाने कितनों का घर उजाड़ दिया और कितने ही मासूमों की जिंदगी लील ली। इजरायल और आतंकी संगठन हमास के संघर्ष में गाजा के लाखों लोगों को खूनी खेल का हिस्सा बनना पड़ रहा है।
स्लाइडर में देखें इन देशों में किस तरह बच्चों की दुनिया बदरंग होती जा रही है। कहीं वे बिलखते नजर आते हैं तो कहीं मां-बाप से बिछड़े तन्हा। इन देशों में अब तक हजारों बच्चों की मौत हो चुकी है।
8,803 बच्चों की मौत
सीरिया गृहयुद्ध में तीन सालों में अब तक 1,91,000 से भी ज्यादा लोगों मौत हो चुकी है, जिनमें 8,803 मासूम शामिल हैं।
बच्चों की हालत बुरी
ये आंकड़ें मार्च 2011 से अप्रैल 2014 के बीच की है। जुलाई 2013 के बाद संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार कार्यालय द्वारा जारी की गई ये पहली रिपोर्ट है।
बच्चों की हालत दयनीय
लाखों की संख्या में गाजा के नागरिकों को इजरायल के हमले का शिकार बनना पड़ रहा है। खासकर यहां बच्चों की हालत बहुत ही दयनीय है।
गाजा में 496 बच्चे की मौत
यूनिसेफ की रिपोर्ट के मुताबिक इजरायल- गाजा संघर्ष में अब तक कुल 496 बच्चे मारे जा चुके हैं।
गंभीर स्थिति
गाजा में बच्चों ने परिवार के साथ सामान्य बातचीत करना छोड़ दिया है। उन्हें भयंकर सपने आते हैं, वे अपने माता-पिता को भी बाहर नहीं जाने देना चाहते हैं।
2,165 बच्चों की उम्र 10 साल से कम
सीरिया में संघर्ष के दौरान जान गंवाने वालों में अधिकतर पुरुष हैं, जबकि 9.3 प्रतिशत महिलाएं भी शामिल हैं। मरने वालों में 8,803 नाबालिग हैं, जिनमें से 2,165 बच्चों की उम्र 10 साल से कम है।