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Republic Day: मिस्र के राष्ट्रपति अल सिसी होंगे मुख्य अतिथि, जानिए ‘धार्मिक मुस्लिम, पूर्व सैनिक’ की कहानी

इस बार भारत ने साल 2023 के गणतंत्र दिवस पर मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फतह अल-सिसी को मुख्य अतिथि के तौर पर शामिल होने का न्यौता दिया है। जिसे राष्ट्रपति अल-सिसी ने स्वीकार कर लिया है।

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Republic Day 2023: 26 जनवरी 1950 को भारत के पहले राष्ट्रपति डॉ. राजेन्द्र प्रसाद ने 21 तोपों की सलामी लेने के बाद भारतीय राष्ट्रीय ध्वज को फहराकर भारतीय गणंतत्र के ऐतिहासिक जन्म की घोषणा की थी। इसी दिन भारत का संविधान देश में लागू हुआ था। तब से इस दिन को राष्ट्रीय पर्व के रूप में मनाया जाता है। कई मौकों पर अन्य देशों के राष्ट्राध्यक्षों को भी गणतंत्र दिवस की परैड में बतौर मुख्य अथिति के रूप में बुलाया जाता रहा है और इस बार मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फतह अल सिसी को आमंत्रित किया गया है।

Republic Day 2023 Chief Guest Egyptian President Abdel Al-Sisi

गणतंत्र दिवस पर क्यों बुलाया जाता है मेहमानों को

गणतंत्र दिवस पर मुख्य अतिथि को बुलाने की परंपरा पुरानी है। हालांकि यूं ही किसी देश के राष्ट्रपति या प्रधानमंत्री को गेस्ट के तौर पर नहीं चुना जाता है। कौन मेहमान आएगा, इसका प्रोसेस छह महीने पहले ही शुरू हो जाता है और यह पूरी प्रक्रिया विदेश मंत्रालय की ओर से की जाती है।

भारत का उस देश के साथ कैसा रिश्ता है, यह देखा जाता है जैसे- आर्थिक, राजनीतिक, सामरिक रिश्ते आदि। फिर मंत्रालय लंबी प्रक्रिया के जरिए कई चीजों को ध्यान में रखते हुए एक देश का चयन करता है।

इसके बाद प्रधानमंत्री और फिर राष्ट्रपति का अप्रूवल लिया जाता है। इसके बाद अधिकारियों की ओर से आमंत्रण भेजा जाता है। भारत में गणतंत्र दिवस के मौके पर विदेशी नेता को आमंत्रित करने का मुख्य उद्देश्य द्विपक्षीय संबंधों को बढ़ावा देना और भारतीय संस्कृति की विविधता और समृद्धि को दिखाना है।

कौन हैं अब्देल फतेह अल-सिसी

अब्देल फतह अल-सिसी का जन्म 19 नवंबर 1954 को हुआ था। वे मिस्र के छठे राष्ट्रपति है। साल 2014 में वे पहली बार मिस्र के राष्ट्रपति बने और साल 2018 में दोबारा वहां सत्ता पर काबिज हुए।

इससे पहले, राष्ट्रपति अल सिसी 2013-2014 तक मिस्र के उप-प्रधानमंत्री भी रह चुके है। साल 2012-13 में वे रक्षा मंत्री के तौर पर भी जिम्मेदारियां निभा चुके हैं। इसके अलावा, राष्ट्रपति अल-सिसी, सेना में बड़े अधिकारी भी रहे हैं और उन्हें फील्ड मार्शल की पदोन्नति भी प्रदान की गयी थी।

मुंह जुबानी याद है 'कुरान'

राष्ट्रपति अल-सिसी के पिता फर्नीचर, सीप और लकड़ी के सजावटी गहने बनाने वाले कारोबारी थे। उनका पूरा परिवार बेहद ही धार्मिक है। मीडिया रिपोर्ट्स में अक्सर यह दावा किया जाता है कि काहिरा के पुराने शहर के यहूदी क्वार्टर के किनारे मौजूद एक गली में पले-बढ़े राष्ट्रपति अल-सिसी को कुरान मुंह जुबानी याद है। कम पैसे से जिंदगी का सफर करने वाले मिस्र के मौजूदा राष्ट्रपति पढ़ाई में तेज होने के साथ-साथ महत्वाकांक्षी थे। यही महत्वकांक्षा उन्हें पढ़ाई के लिए मिस्र की सैन्य अकादमी में खींच लाई थी।

क्या है राष्ट्रपति अल-सिसी और प्रधानमंत्री मोदी का कनेक्शन

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मिस्र के राष्ट्रपति अल सिसी के बीच कई समानताएं हैं। जिसमें सबसे खास है कि यह दोनों ही 2014 में सत्ता में आए और अपने-अपने मुल्क में छा गए। साथ ही दूसरे कार्यकाल में भी दोनों नेताओं को स्पष्ट ही नहीं बल्कि भारी बहुमत एवं जनसमर्थन मिला।

वहीं साल 2016 में प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति अल-सिसी की मुलाकात हो चुकी है। उस वक्त दोनों नेताओं ने आतंकवाद और कट्टरपंथ जैसी चुनौतियों से निपटने के लिए आपसी रक्षा एवं सुरक्षा सहयोग बड़े पैमाने पर बढ़ाने का फैसला लिया था।

ट्रंप ने बताया था 'पसंदीदा तानाशाह'

द वॉल स्ट्रीट जर्नल के मुताबिक साल 2019 में तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और राष्ट्रपति अल-सिसी की एक द्विपक्षीय बैठक तय थी। उस दौरान राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा था कि मेरा पसंदीदा तानाशाह कहां है? हालांकि, डोनाल्ड ट्रंप के इस बयान पर व्हाइट हाउस ने कुछ कहने से इंकार कर दिया था।

कब-कब कौन बने गणतंत्र दिवस के मेहमान

साल 1950 में इंडोनेशिया के राष्ट्रपति सुकर्णो गणतंत्र दिवस पर भारत के पहले विदेशी मेहमान थे। जिनको गणतंत्र दिवस की परेड में मुख्य अतिथि के तौर पर बुलाया गया था। इसके बाद नेपाल, भूटान, पाकिस्तान, यूनाइटेड किंगडम, जापान, रूस, चीन, डेनमार्क, कंबोडिया, बुल्गारिया, बेल्जियम, मॉरीशस, फ्रांस, श्रीलंका, ऑस्ट्रेलिया, स्पेन, ब्राज़ील, दक्षिण अफ्रीका जैसे कई देशों के प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति को मुख्य अतिथि के तौर पर बुलाया गया।

अब तक यूनाइटेड किंगडम और फ्रांस के प्रतिनिधियों को सबसे अधिक 5-5 बार आमंत्रित किया गया है। एक खास बात यह है कि साल 2018 में गणतंत्र दिवस के मौके पर दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों के संघ (आसियान) के सभी 10 देशों के नेताओं को गणतंत्र मुख्य अतिथि के तौर पर बुलाया गया था।

पिछले कुछ सालों में आए ये बड़े नेता

भारत में अब तक पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा (2015), रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (2007), पूर्व फ्रांसीसी राष्ट्रपति निकोलस सरकोजी (2008) और फ्रांस्वा ओलांद (2016) भी गणतंत्र दिवस समारोह में मुख्य अतिथि रह चुके हैं। गौरतलब है कि साल 2021 में तत्कालीन ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन को मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित किया गया था, लेकिन ब्रिटेन में बढ़ते COVID-19 मामलों के कारण उनकी यात्रा रद्द करनी पड़ी थी।

यह भी पढ़ें: कौन हैं आयतुल्लाह अली खामेनेई, जिनकी भांजी ने दुनिया से ईरान से संबंध तोड़ने की अपील की है?

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English summary
Republic Day 2023 Chief Guest Egyptian President Abdel Al-Sisi
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