Profile: रॉकेट मैन के नाम से विख्यात सिवान बने ISRO के नए अध्यक्ष, जानिए उनके बारे में विस्तार से
नई दिल्ली। देश के जाने-माने वैज्ञानिक के. सिवान को भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) का अध्यक्ष नियुक्त किया गया है, सिवान एएस किरण कुमार की जगह लेंगे। मंत्रिमंडल की नियुक्ति संबंधी समिति ने अंतरिक्ष विभाग में सचिव पद और अंतरिक्ष आयोग के अध्यक्ष पद पर उनकी नियुक्ति को मंजूरी दे दी है आपको बता दें कि के. सिवान का कार्यकाल तीन साल का होगा।
चलिए जानते हैं उनके बारे में विस्तार से...
रॉकेट मैन के नाम से विख्यात के सिवान इस वक्त विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र में निदेशक हैं। सिवान ने साल 1980 में मद्रास इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग में स्नातक और 1982 में बेंगलुरु के आईआईएससी से एयरोस्पेस इंजीनियरिंग में स्नातकोत्तर किया है।
आईआईटी बॉम्बे से की पढ़ाई
तमिलनाडु के छोटे से गांव Nagercoil में जन्में सिवान ने आईआईटी बॉम्बे से वर्ष 2006 में एयरोस्पेस इंजीनियरिंग में पीएचडी पूरी की है, सिवान वर्ष 1982 से इसरो में काम कर रहे हैं।
पीएसएलवी परियोजना
सिवान ने ही इसरो में पीएसएलवी परियोजना पर काम शुरू किया, उन्होंने एंड टू ऐंड मिशन प्लानिंग, मिशन डिजाइन, मिशन इंटीग्रेशन ऐंड ऐनालिसिस में काफी योगदान दिया है।
डॉक्टर ऑफ साइंस की उपाधि
सिवान के कई जर्नल पेपर में प्रकाशित हुए हैं और उन्हें कई पुरस्कारों से भी नवाजा गया है, उन्हें अप्रैल 2014 में चेन्नई की सत्यभामा यूनिवर्सिटी से डॉक्टर ऑफ साइंस की भी उपाधि मिली है और वर्ष 1999 में श्री हरी डॉ विक्रम साराभाई रिसर्च अवॉर्ड से भी सम्मानित किया जा चुका है।
104 सैटेलाइट
सिवान इससे पहले 104 सैटेलाइट को एक साथ अंतरिक्ष में भेजने में इसरो की मदद कर चुके हैं।
अभी दिमाग में इसरो के सौवें रॉकेट लांच का प्रोजेक्ट चल रहा है ..
अध्यक्ष बनाए जाने पर सिवान ने मीडिया से कहा कि अभी हमारे दिमाग में इसरो के सौवें रॉकेट लांच का प्रोजेक्ट चल रहा है और मैं अभी कुछ और नहीं सोच रहा।