
JNU एक बार फिर विवादों में, क्या थे जेएनयू से जुड़े कुछ अन्य विवाद?

जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में इन जातिवादी नारों के खिलाफ विश्वविद्यालय प्रशासन ने कार्रवाई का आदेश दिया है और डीन, स्कूल ऑफ इंटरनेशनल स्टडीज, ग्रीवेंस कमेटी को जल्द से जल्द उप कुलपति को एक रिपोर्ट देने के लिए कहा गया है। गौरतलब है कि जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय की गिनती देश के प्रमुख शिक्षण संस्थानों में होती है। हालांकि पिछले कुछ सालों में यह प्रतिष्ठित संस्थान कई विवादों के चलते भी सुर्खियों में छाया रहा है।
भाजपा नेता नूपुर शर्मा के मामलें में JNU का विरोध-प्रदर्शन
जून 2022 में जब भाजपा की पूर्व नेता नूपुर शर्मा द्वारा पैगंबर मोहम्मद पर विवादित टिप्पणी के बाद उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में हिंसा हुई, तो हिंसा के मास्टरमाइंड जावेद अहमद के घर को स्थानीय प्रशासन द्वारा गिरा दिया गया।
जावेद अहमद की बेटी आफरीन फातिमा JNU की पूर्व छात्र रह चुकी थी। अतः जुलाई 2022 में JNU में इस कार्यवाही के विरोध में जबरदस्त नारेबाजी की गयी। छात्रसंघ - JNUSU के सदस्यों ने उत्तर प्रदेश सरकार के खिलाफ "स्टॉप टारगेटिंग मुस्लिम्स", 'स्टॉप बुल्डोजर राज' जैसे कई नारे लगाये। यह मामला सोशल मीडिया पर बहुत वायरल हुआ।
रामनवमी को लेकर कैम्पस में झगड़े
10 अप्रैल 2022 को राम नवमी के अवसर पर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) से जुड़े छात्रों, भारतीय राष्ट्रीय छात्र संघ (NSUI) और वामपंथ छात्र संगठनों के बीच परिसर में झड़प हो गई। दरअसल, यह विवाद ABVP द्वारा विश्वविद्यालय परिसर में रामनवमी के अवसर पर मेस में मांसाहारी भोजन नहीं बनाने की मांग को लेकर हुआ। ABVP ने NSUI और वामपंथी छात्रों पर आरोप लगाया कि उन्हें रामनवमी पर पूजा करने से रोका जा रहा है। एक ABVP कार्यकर्ता ने कहा कि "वामपंथी छात्रों और NSUI के कार्यकर्ताओं ने यूनिवर्सिटी में पूजा के दौरान हंगामा किया। उन्हें रामनवमी के अवसर पर कार्यक्रमों से समस्या है।" इस झड़प पर लगभग 6 लोग घायल हो गए। यह मामला सोशल मीडिया पर बहुत चर्चा में बना रहा।
दिल्ली दंगों से जुड़ा कनेक्शन
14 सितंबर 2020 को JNU के पूर्व छात्र उमर खालिद को दिल्ली दंगों को भड़काने के चलते गिरफ्तार किया गया था। दरअसल, फरवरी 2020 में, पूर्वी दिल्ली में सांप्रदायिक हिंसा हो गयी, जिसके कारण लगभग 53 लोगों की मौत हुई थी।
दिल्ली पुलिस ने अपनी चार्जशीट में बताया है इन दंगों से पहले ताहिर हुसैन ने उमर खालिद और 'यूनाइटेड अगेंस्ट हेट' के खालिद सैफी से शाहीन बाग में CAA विरोध-प्रदर्शनों के दौरान मुलाकात की थी और उमर ने उन्हें तत्कालीन अमरीकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रम्प की भारत यात्रा के समय दंगों के लिए तैयार रहने के लिए कहा था। उमर खालिद पर गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (UAPA) के तहत मामला दर्ज किया गया था।
CAA के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन
20 जनवरी 2020 को ऑल इंडिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन (AISA) और अन्य संगठनों ने नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA), राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (NRC) और राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (NPR) के खिलाफ विरोध मार्च निकाला। विरोध प्रदर्शन के दौरान JNU का पूर्व छात्र उमर खालिद भी मौजूद था और वहां इस CAA अधिनियम के खिलाफ नारे लगाए गए।
ये विरोध प्रदर्शन कई दिनों तक कैम्पस में चले जिसके चलते पढ़ाई भी प्रभावित हुई। इन विरोध-प्रदर्शनों से जुड़ी कई तस्वीरें उन दिनों सोशल मीडिया में तेजी से वायरल हुई थी।
अभिनेत्री दीपिका पादुकोण पहुंची JNU, मचा सोशल मीडिया पर हंगामा
7 जनवरी 2020 को CAA-NRC पर विरोध प्रदर्शन के दौरान बॉलीवुड अभिनेत्री दीपिका पादुकोण ने JNU परिसर में 5 जनवरी को हुई हिंसा के विरोध में छात्रों के साथ शामिल हुईं। बॉलीवुड अभिनेत्री दीपिका पादुकोण को छात्रों के साथ खड़े देखा गया जब प्रदर्शनकारी आपत्तिजनक नारे लगा रहे थे।
हालांकि, अभिनेत्री ने न तो कोई बयान जारी किया और न ही छात्रों को संबोधित किया। दीपिका के जेएनयू जाने सोशल मीडिया में हर तरह की प्रतिक्रिया दिखाई दी। दीपिका के अलावा, डायरेक्टर अनुराग कश्यप और सिंगर विशाल ददलानी भी JNU के उन प्रदर्शनों में शामिल हुए थे।
कैम्पस में हिंसा
5 जनवरी 2020 को JNU के कई हॉस्टलों में वामपंथी संगठनों से जुड़े छात्र-छात्राओं ने भारी उत्पात मचाते हुए हिंसा की और कई छात्रों पर हमला किया। इसके बाद उनके विरोधी पक्ष के छात्रों ने भी हिंसा की। जेएनयू छात्र संघ (JNUSU) की अध्यक्ष आइशी घोष स्वयं हिंसा में भाग लेते हुए वीडियो में देखी गई।
हालांकि बाद में दोनों गुटों ने दावा किया कि बाहरी छात्रों ने जेएनयू में घुसकर हिंसा की थी। इस पूरे मामले में ABVP, NSUI और वामपंथी संगठन एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप करते रहे। उस समय कई वीडियो वायरल हुए थे जिनमें छात्रों के एक समूह को अपने चेहरे को ढंके हुए देखा जा सकता था। वहीं कुछ छात्र छात्राओं द्वारा हिंसा में घायल होने के दावों के वीडियो देखकर सोशल मीडिया पर लोगों ने उन्हें झूठे दावे कह दिया।
स्वामी विवेकानंद की मूर्ति को निशाना बनाया
JNU परिसर में स्वामी विवेकानंद की एक प्रतिमा का अनावरण जनवरी 2020 में होना था। मगर उससे पहले, 14 नवंबर 2019 को उसे अज्ञात लोगों ने क्षतिग्रस्त कर दिया गया। प्रतिमा के आगे बने चबूतरे पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को निशाना बनाते हुए आपत्तिजनक शब्द लिखे गए। स्वामी विवेकानंद की ये प्रतिमा विश्वविद्यालय के प्रशासनिक ब्लॉक में स्थित थी।
शुल्क बढ़ाने पर जबरदस्त हंगामा
12 नवंबर 2019 को विश्वविद्यालय शुल्क वृद्धि को लेकर विरोध बढ़ने पर JNU में वामपंथी छात्र संगठनों ने विरोध-प्रदर्शन करना शुरू कर दिया। हंगामा और उत्पात इतना मचा कि परिसर में पुलिस को तैनात करना पड़ा। कई मौकों पर पुलिस और छात्रों के बीच भी तनातनी के मामलें सामने आये। इन छात्र संगठनों ने 'हमें चाहिए आजादी कर्फ्यू से, ड्रेस कोड से' जैसे नारों के साथ कई दिनों तक विरोध-प्रदर्शन किये।
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अफजल गुरु और मकबूल भट्ट का समर्थन
9 फरवरी 2016 को JNU के वामपंथी छात्र संगठनों ने 2001 के भारतीय संसद हमले के दोषी अफजल गुरु और आतंकवादी मकबूल भट्ट को मिले मृत्युदंड के खिलाफ परिसर में विरोध-प्रदर्शन किया। गौरतलब है कि कुछ छात्रों द्वारा प्रदर्शन के दौरान भारत-विरोधी नारे भी लगाए गए। परिसर में इस प्रकार के कार्यक्रमों को रोकने को लेकर ABVP ने JNU प्रशासन से मांग की। इसी बीच, इन छात्र संगठनों में आपसी झड़पें हो गयी। घटना के चार दिन बाद, JNUSU के तत्कालीन अध्यक्ष कन्हैया और उमर खालिद सहित कई अन्य छात्रों को दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था।