अनुपम खेर हैं क्या.. एक अभिनेता..एक नेता या फिर...कुछ और?
नई दिल्ली। आज चारों ओर केवल अनुपम खेर की ही बातें हो रही हैं। हिंदी फिल्मों का यह दिग्गज आज लोगों को एक नेता लगने लगा है क्योंकि इस नेता ने बिना निर्माता-निर्देशक के देश के अहिसुष्णता के खिलाफ खुले मंच से जंग छेड़ दी है।
बोले खेर..जो देश राहुल गांधी को झेल सकता है वहां इन्टॉलरेंस कैसे?
उनके भाषण को तेजी से इंटरनेट से वायरल करने वाले लोगों में से आधे उन्हें भाजपाई और आधे उन्हें कांग्रेसी विरोधी कह रहे हैं लेकिन दोनों का ही कहना है कि कश्मीर के इस पंडित की बात में वाकई दम है।
अनुपम खेर एक कश्मीरी पंडित हैं..
आईये फिर हिमाचल के जन्में और जिंदगी में 'कुछ भी हो सकता है'.. को मानने वाले अनुपम खेर के बारे में विस्तार से बातें करते हैं नीचे की स्लाइडों में..
जन्म शिमला में
अनुपम खेर का जन्म 7 मार्च 1955 को शिमला में हुआ था। इनके पिता पुष्कर नाथ एक कश्मीरी पंडित थे, वे पेशे से क्लर्क थे।
राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय (एनएसडी)
शिमला में प्रारंभिक शिक्षा प्राप्त करने के बाद राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय (एनएसडी) से स्नातक पूरी की।
एक्टिंग का कीड़ा
अनुपम खेर ने बचपन में 'दिल एक मंदिर' और 'उपकार' फिल्म देखी थी जिसके बाद उनके अंदर एक्टिंग का कीड़ा घुस गया।
टीचर की नौकरी
फिल्मों में कोई गॉडफादर ना होने की वजह से अनुपम खेर को शुरूआती जीवन में काफी धक्के खाने पड़े। रोजी के चक्कर में खेर ने मुंबई में टीचर की नौकरी की।
महेश भट्ट ने दिया ब्रेक
लेकिन इस नायाब हीरे पर पहली नजर पड़ी निर्माता-निर्देशक और लेखक महेश भट्ट की जिन्होंने अनुपम खेर को अपनी फिल्म सारांश में पहला ब्रेक किया।
फिल्म 'सारांश'
फिल्म 'सारांश' में अनुपम खेर को एक 65 साल के व्यक्ति का रोल प्ले करना था जो कि रिटायर हो चुका था और उसे अचानक पता चलता है कि उसका इकलौता बेटा मर गया है।
38 की उम्र में 65 साल के व्यक्ति का रोल
इस मुश्किल रोल को करने के लिए अनुपम खेर ने रात-दिन एक कर दिया क्योंकि 38 साल की उम्र में 65 साल के व्यक्ति का रोल करना ना तो आसान था और बहुत बड़ा रिस्क भी था।
अनुपम खेर
लेकिन खुदा की विशेष नेमत से बक्शे गये अनुपम खेर ने इस रोल को पर्दे पर जींवत कर दिया बल्कि हर किसी को अपना मुरीद भी बनवा लिया। इस फिल्म के लिए अनुपम खेर बेस्ट एक्टर के अवार्ड से नवाजे गये।
देश की राजनीति को प्रभावित किया
फिल्मों में हीरो से ज्यादा वाहावाही बटोरने वाले इस महान दिग्गज अभिनेता ने पिछले कुछ समय से देश की राजनीति को अपने बयानों और मार्च से प्रभावित किया है।
अहिसुष्णता के खिलाफ जंग
कभी वो कश्मीर पंडितों के हक की बात करते हैं तो कभी देश में अहिसुष्णता के खिलाफ फैली जंग के खिलाफ आवाज उठाते हैं।
अवार्ड वापसी का विरोध
देश की राजनेताओं के बीच अनुपम खेर उस समय सुर्खियां बन गये जब वो दिल्ली में उन लोगों के खिलाफ मार्च निकालने लगे जिन लोगों ने देश में अहिसुष्णता की बात कहकर अवार्ड वापसी की थी।
अहिसुष्णता शब्द कांग्रेस की देन
हाल ही में एक इवेंट में अनुपम खेर ने जस्टिस गांगुली और कांग्रेस के खिलाफ जमकर बयानबाजी की है और कहा है कि अहिसुष्णता शब्द इन्हीं 5 स्टार में बैठे लोगों की देन है।
भाजपा समर्थक का आरोप
अनुपम खेर की पत्नी अभिनेत्री किरण खेर खुद चंडीगड़ से भाजपा की सांसद हैं इस कारण अनुपम खेर पर भाजपा समर्थक होने का भी आरोप लगता है जिसका खंडन करते हुए खेर ने कई बार अपने विरोधियों को दो टूक जवाब दिया है।
अनुपम खेर हैं क्या.. एक अभिनेता..एक नेता या फिर...कुछ और?
इसलिए आज लोगों के मन में यह सवाल कौंधने लगा है कि वाकई में अनुपम खेर हैं क्या.. एक अभिनेता..एक नेता या फिर...कुछ और.. फैसला आप कीजिये और उत्तर नीचे के कमेंट बॉक्स में लिखिये।