क्विक अलर्ट के लिए
नोटिफिकेशन ऑन करें  
For Daily Alerts
Oneindia App Download

14 साल से कम के बच्चे को काम पर रखा, तो खैर नहीं..

By पत्र सूचना कार्यालय
Google Oneindia News

नई दिल्ली। श्रम एवं रोजगार मंत्रालय ने इस सप्‍ताह संसद द्वारा पारित किए गए बाल श्रम (निषेध एवं विनियमन) संशोधन विधेयक 2016 के कुछ प्रावधानों के बारे में कुछ संगठनों की टिप्‍पणियों पर गंभीर चिंता व्‍यक्‍त की है। मंत्रालय ने कहा है कि ऐसी टिप्‍पणियां निराधार हैं और मूलभूत बाल श्रम (निषेध एवं विनियमन) कानून 1986 और संशोधन विधेयक, 2016 के प्रावधानों और प्रभावों को बिना समझे की गयी हैं और गुमराह करने वाली हैं लेकिन श्रम एवं रोजगार मंत्रालय का वक्‍तव्‍य इस मामले में अलग है।

संशोधन विधेयक, 2016 ने ही पहली बार परिवार के उद्यमों में 14 साल के कम आयु के बच्‍चों को काम पर रखने की अनुमति दी है। आईये जानते है इस विधेयक के बारे में खास बातें...

14 से कम उम्र के बच्चे नहीं करेंगे काम

14 से कम उम्र के बच्चे नहीं करेंगे काम

1986 के मूलभूत कानून की (धारा 7) 14 साल से कम आयु के बच्‍चों को शाम 7 बजे से सुबह 8 बजे तक काम पर नहीं लगाने का स्‍पष्‍ट उल्‍लेख करती है, वहीं पारिवारिक उद्यमों और स्‍कूलों को इस प्रावधान को लागू करने से छूट प्रदान करती है।

स्‍कूल के घंटों का उल्‍लेख

स्‍कूल के घंटों का उल्‍लेख

1986 के मूलभूत कानून के प्रावधानों के साथ यह छूट, स्‍कूल के घंटों का उल्‍लेख किए बिना बच्‍चों को परिवार के उद्यमों में शामिल करने की व्‍यापक अनुमति प्रदान करती है, और इसमें बच्‍चों की स्‍कूली पढ़ाई, शिक्षा और स्‍वास्‍थ्‍य को गंभीर रूप से प्रभावित करते हुए उन्‍हें परिवार के उद्यमों में चौबीसों घंटे कार्य करने की अनुमति प्रदान करने की क्षमता है।

बच्चों को दी जायेगी शिक्षा

बच्चों को दी जायेगी शिक्षा

संशोधन विधेयक, 2016 स्‍पष्‍ट रूप से 14 साल से कम आयु के बच्‍चों को काम पर रखे जाने पर समग्र और पूर्ण रूप से प्रति‍बंध लगाता है। हालांकि देश में मौजूद सामाजिक-आर्थिक परिस्थितियों और विश्‍व के बहुत से हिस्‍सों में बच्‍चों द्वारा अपने परिवार के उद्यमों में सहायता करने की प्रचलित पद्धतियों पर गौर करते हुए, संशोधन विेधेयक इस बात का प्रावधान करता है कि बच्‍चे केवल गैर-जोखिमपूर्ण व्‍यवसायों में ही अपने परिवार की सहायता कर सकते हैं और वह भी केवल स्‍कूल की छुट्टी होने के बाद या छुट्टियों के समय, इस प्रकार यह विधेयक परिवार के उद्यमों में बच्‍चों को काम पर लगाए जाने को सीमित करता है।

सभी प्रकार के व्‍यवसायों पर प्रतिबंध

सभी प्रकार के व्‍यवसायों पर प्रतिबंध

जहां एक ओर, मूलभूत कानून बच्‍चों को कुछ विशेष प्रकार के व्‍यवसायों में काम पर लगाने पर प्रतिबंध लगाता है, वहीं संशोधन विधेयक इन्‍हें सभी प्रकार के व्‍यवसायों में काम पर लगाने पर प्रति‍बंध लगाता है।

समय निर्दिष्‍ट किया जायेगा

समय निर्दिष्‍ट किया जायेगा

शिक्षा का अधिकार सुनिश्चित करने सहित 14 साल से कम आयु के बच्‍चों के हितों की रक्षा से आगे बढ़ते हुए, संशोधन विधेयक, 2016 में जोखिम भरे व्‍यवसायों में 14-18 साल की उम्र वाले किशारों को काम पर रखने पर प्रतिबंध लगाते हुए पहली बार उनके संरक्षण का प्रावधान किया गया है और केवल कुछ ही व्‍यवसायों में उन्‍हें शामिल करने की अनुमति दी जाएगी, जिन्‍हें यथा समय निर्दिष्‍ट किया जाएगा।

क्या होगा गिरफ्तारी के बाद

क्या होगा गिरफ्तारी के बाद

मूलभूत कानून के विपरीत, संशोधन विधेयक, 2016 को लागू करने के लिए बहुत कठोर प्रावधान किए गए हैं। बच्‍चों के अधिकारों के किसी भी तरह के उल्‍लंघन को संज्ञेय अपराध बनाया गया है, जिसके अंतर्गत उल्‍लंघन के आरोपी को बिना वारंट के गिरफ्तार किया जा सकता है, जबकि मूलभूत कानून में इस तरह का उल्‍लंघन असंज्ञेय अपराध है, जिसके अंतर्गत आरोपी को गिरफ्तार करने के लिए मेजिस्‍ट्रेट की अनुमति प्राप्त करना अनिवार्य है।

किशोरों के संदर्भ में

किशोरों के संदर्भ में

जोखिमपूर्ण व्‍यवसायों/प्रक्रियाओं की सूची के बारे में, यह स्‍पष्‍ट किया गया है कि मूलभूत कानून में उल्लिखित 18 व्‍यवसाय और 65 प्रक्रियाएं जोखिमपूर्ण पद्धतियों की सूची नहीं है, बल्कि कुछ खास व्‍यवसायों/प्रक्रियाओं की केवल एक श्रेणी भर है, जिसमें बच्‍चों को काम पर रखना प्रति‍बंधित है।

पुनर्वास का प्रावधान

पुनर्वास का प्रावधान

जहां एक ओर मूलभूत कानून में प्रतिबंधित रोजगार से मुक्‍त कराए गए बच्‍चों के पुनर्वास के लिए कोई प्रावधान नहीं था, वहीं संशोधित विधेयक विशेष तौर पर बच्‍चों और किशोरों के लाभ के लिए पुनर्वास कोष का प्रावधान करता है। इस कोष को भेजी गयी रकम में उल्‍लंघन करने वालों से वसूला गया जुर्माना और 15000/ रुपये प्रति बालक और किशोर, राज्‍यों का योगदान शामिल होगा और इसका उपयोग शिक्षा सहित उनके कल्‍याण के लिए उपयोग में लाया जाएगा।

गुमराह ना हों

गुमराह ना हों

इस प्रकार संशोधन विधेयक, 2016 के प्रावधान 14 साल से कम आयु के बच्‍चों और 14-18 वर्ष की आयु वाले किशारों के ‘शिक्षा का अधिकार' सहित हितों की रक्षा हेतु ज्‍यादा केंद्रित, सख्‍त और कठोर बनाए गए हैं। ऐसी टिप्‍पणियां 1986 के मूलभूत कानून और संशोधन विधेयक, 2016 के प्रावधानों और प्रभावों को पूरी तरह समझे बिना की गयी हैं, ऐसी टिप्‍पणियां जनता को गुमराह कर सकती हैं और इन्‍हें नजरंदाज किए जाने की जरूरत है।

Comments
English summary
India's parliament has approved a controversial law that would allow children to work for family businesses, despite widespread concern by the UN and other rights advocates that it will push more minors into labour.
देश-दुनिया की ताज़ा ख़बरों से अपडेट रहने के लिए Oneindia Hindi के फेसबुक पेज को लाइक करें
For Daily Alerts
तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X
X