अटलबिहारी वाजपेयी Birthday Special: सियासी मंच या कविता पथ.. हर जगह अटल हैं अटल
बेहतरीन कवि, महान नेता और सफल पीएम के रूप में अपनी पहचान बनाने वाले अटल बिहरी बाजपेयी आज भले ही सशरीर राजनीति से दूर हों लेकिन उनके आदर्श और बातें आज भी लोगों के दिलों में जिंदा हैं।
लखनऊ। आज देश के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी का 92वां जन्मदिन है। अटल बिहारी बाजपेयी भाजपा पार्टी का वो आदर्श चेहरा है जिसके आगे सारी सियासी पार्टियां भी नतमस्तक हो जाती हैं।
जानिए जयललिता, सोनिया और बाजपेयी सरकार का टी-कनेक्शन
छंदों
की
मिठास
ने
फैलाई
सियासत
में
मिठास
अटल
जी
के
अंदर
एक
सुंदर
कवि
भी
है,
जो
समय-समय
पर
लोगों
के
बीच
उपस्थित
होता
है।
उनके
छंदों
की
मिठास
का
ही
फल
है
कि
उनकी
कविता
को
कभी
सदी
के
महानायक
अमिताभ
बच्चन
अपनी
आवाज
देते
हैं
तो
कभी
बॉलीवुड
के
किंग
शाहरुख
खान
पर्दे
पर
चरितार्थ
करते
हैं।
जन्मदिन
मुबारक
हो...
खुद
भारत
को
फील
गुड
का
अनुभव
कराने
वाले
अटल
बिहारी
बाजपेयी
को
वनइंडिया
परिवार
भी
जन्मदिन
की
बहुत
सारी
शुभकामनाएं
देता
है।
आईये
डालते
है
अटल
जी
महान
व्यक्तित्व
पर
एक
नजर
जो
कि
हमें
विकीपीडिया
से
हासिल
हुई
है।
जन्म 25 दिसंबर 1924
अटल बिहारी वाजपेयी का जन्म 25 दिसंबर 1924 को हुआ है वे भारत के पूर्व प्रधान मंत्री हैं। वह भारतीय जनसंघ की स्थापना करने वालों में से एक है और1968 से 1973 तक वह उसके अध्यक्ष भी रहे थे। वह जीवनभर भारतीय राजनीति में सक्रिय रहे। उन्होने लम्बे समय तक राष्ट्रधर्म, पांचजन्य और वीर अर्जुन आदि राष्ट्रीय भावना से ओत-प्रोत पत्र-पत्रिकाओं का सम्पादन किया।
1968 से 1973 तक
वह भारतीय जन संघ की स्थापना करने वालों में से एक है और 1968 से 1973 तक वह उसके अध्यक्ष भी रह चुके हैं । 1955 में पहली बार लोकसभा चुनाव लड़ा, सफलता नहीं मिली लेकिन, 1957 में बलरामपुर (जिला गोण्डा, उत्तर प्रदेश) से जनसंघ के प्रत्याशी के रूप में विजयी होकर लोकसभा में पहुचे। 1957 से 1977 तक ( जनता पार्टी की स्थापना तक) जनसंघ के संसदीय दल के नेता रहे। 1968 से 1973 तक वे भारतीय जनसंघ के राष्टीय अध्यक्ष पद पर आसीन रहे। मोरारजी देसाई की सरकार में वह 1977से 1979 तक विदेश मंत्री रहे और विदेशों में भारत की छवि बनाई।
19 अप्रैल, 1998
1980 में जनता पार्टी से असंतुष्ट होकर इन्होंने जनता पार्टी छोड़ दी और भारतीय जनता पार्टी की स्थापना में मदद की। 6 अप्रैल, 1980 में बनी भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष पद का दायित्व श्री वाजपेयी को सौंपा गया। दो बार राज्यसभा के लिए भी निर्वाचित हुए। लोकतंत्र के सजग प्रहरी अटल बिहारी वाजपेयी ने 1997 में प्रधानमंत्री के रूप में देश की बागडोर संभाली। 19 अप्रैल, 1998 को पुनः प्रधानमंत्री पद की शपथ ली और उनके नेतृत्व में 13 दलों की गठबंधन सरकार ने पांच वर्षों में देश ने प्रगति के अनेक आयाम छुए।
भारत उदय
सन 2004 के लोकसभा चुनावों में भाजपा के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय लोकतांत्रिक गठबन्धन ने वाजपेयी के नेतृत्व में चुनाव लड़ा और भारत उदय का नारा दिया। इस चुनाव में किसी भी पार्टी को बहुमत नहीं मिला। ऐसी स्थिति में वामपंथी दलों के समर्थन से कांग्रेस ने भारत की केन्द्रीय सरकार पर कायम होने में सफलता प्राप्त की और भाजपा विपक्ष में बैठने को मजबूर हुई। आज वे राजनीति से सन्यास ले चुके हैं।
हार नहीं मानूंगा, रार नहीं मानूंगा
टूटे
हुए
सपने
की
कौन
सुने
सिसकी
अंतर
की
चिर
व्यथा
पलकों
पर
ठिठकी
हार
नहीं
मानूंगा,
रार
नहीं
मानूंगा
काल
के
कपाल
पर
लिखता-मिटाता
हूं
गीत
नया
गाता
हूं,गीत
नया
गाता
हूं...
ये केवल उनकी रचित लाईनें नहीं हैं बल्कि उनके व्यक्तित्व को भी बयां करती हैं...
अटल जी की पसंद
- पसंदीदा पोशाक- धोती कुर्ता
- पसंदीदा रंग- नीला
- पसंदीदा जगह- मनाली, अल्मोड़ा और माउंट आबू।
- पसंदीदा भोजन- मछली, चायनीज, खिचड़ी, खीर और मालपुआ।
- दिल्ली में खाने की पसंदीदा जगह- पराठे वाली गली।
- पसंदीदा गायक और वाद्ययंत्र- भीमसेन जोशी, अमजद अली खान का सरोद वादन, हरि प्रसाद चौरसिया की बांसुरी।
- पसंदीदा गीत-एसडी बर्मन की आवाज में ओरे मांझी और मुकेश-लता की आवाज में कभी-कभी मेरे दिल में ख्याल....