समलैंगिक संबंधों पर बनी फिल्म 'का बॉडीस्केप्स' को सेंसर बोर्ड ने नहीं दिया सर्टिफिकेट
बोर्ड के आदेश में कहा गया है कि फिल्म हिंदू धर्म को गलत ढंग से पेश कर रही है और इसमें एक मुस्लिम महिला के किरदार को हस्तमैथुन करते दिखाया गया है।
कोच्चि। केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (CBFC) ने मलयालम फिल्म 'का बॉडीस्केप्स' को सर्टिफिकेट देने से इनकार कर दिया है। बोर्ड ने कहा है कि फिल्म गे और समलैंगिक संबंधों को महिमा मंडन कर रही है। फिल्म तीन युवाओं की कहानी है जो अपने सपने और खुशी की तलाश में इधर-उधर भटकते हैं। फिल्म को सर्टिफिकेट न मिलने पर डायरेक्टर ने नाराजगी जाहिर की है।
सेंसर बोर्ड ने गिनाईं ये वजहें
बोर्ड के आदेश में कहा गया है कि फिल्म हिंदू धर्म को गलत ढंग से पेश कर रही है और इसमें एक मुस्लिम महिला के किरदार को हस्तमैथुन करते दिखाया गया है। फिल्म में किरदार गाली-गलौच की भाषा का इस्तेमाल करते हैं। इसलिए इसे अनुमति देना सही नहीं है। फिल्म के डायरेक्टर जयन चेरियन को तिरुवनंतपुरम में CBFC की क्षेत्रीय अधिकारी ए. प्रतिभा की ओर से भेजे गए पत्र में इस बात की जानकारी दी गई है। READ ALSO: इन वजहों से शादी के लिए रिजेक्ट हुईं पाकिस्तानी लड़कियां, ट्विटर पर बयां की हकीकत
फेसबुक पर जताया गुस्सा
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'फिल्म से कानून व्यवस्था बिगड़ सकती है'
आदेश के मुताबिक, कमेटी का मानना है कि फिल्म गे और समलैंगिक संबंधों का गुणगान करती है। फिल्म में न्यूडिटी है और पुरुषों के अंगों को क्लोज शॉट में दिखाया गया है। फिल्म में हिंदू धर्म को गलत ढंग से पेश किया गया है, खासकर भगवान हनुमान को गे की तरह दिखाया जाना गलत है। इससे कानून व्यवस्था बिगड़ सकती है।'
'हिंदू संगठनों पर भी निशाना'
आदेश में यह भी कहा गया है, 'फिल्म में महिलाओं के खिलाफ अपशब्द इस्तेमाल किए गए हैं और हिंदू संगठनों पर अप्रत्यक्ष तौर पर कटाक्ष करती है, इससे स्थिति बिगड़ने के आसार हैं। फिल्म में पुरुषों के अंगों को काफी करीब से पेंटिंग में दिखाया गया है। फिल्म में अभद्रता भी है।'