बदन सिंह फरारी मामले में एक दरोगा समेत 6 पुलिसकर्मी सस्पेंड
Farrukhabad news, फर्रुखाबाद। हत्या के दोष में सजा काट रहे कुख्यात गैंगस्टर बदन सिंह बद्दो की पुलिस कस्टडी से फरारी मामले में कार्रवाई करते हुए दरोगा समेत 6 पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर दिया गया है। गाजियाबाद कोर्ट में पेशी के दौरान एक लाख का इनामी बदन सिंह फरार होने में कामयाब हो गया। ऐसी जानकारी सामने आ रही हैं कि इस घटना को उसे सांठगांठ और साजिश के बाद अंजाम दिया।
आजीवन कारावास की सजा काट रहा था
वकील रविंद्र सिंह मर्डर केस में उम्रकैद की सजा काट रहा बदन सिंह बद्दो फतेहगढ़ जेल में बंद था। बताया जाता है कि उसका फर्रुखाबाद इलाके में अच्छा-खासा दबदबा और नेटवर्क है। वह फतेहगढ़ जेल में मिलने आने वाले अपने करीबियों के साथ मिलकर कई दिनों से भागने की प्लानिंग कर रहा था, उसने जनपद के प्रभावी लोगों पर कानपुर स्थित उर्सला अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती कराने का भी दबाव बनवाया था।
बदन सिंह ने बिछाया जाल
सूत्रों के अनुसार, उर्सला में भर्ती होने की सेटिंग न होने के बाद बद्दो के साथियों ने फतेहगढ़ पुलिस के कुछ कर्मियों को लंबी रकम का ऑफर देकर यह जाल बिछाया था। तभी बद्दो के तीन साथी फतेहगढ़ से ही पीछे-पीछे दूसरी कार में आ रहे थे। एक लाख के कुख्यात इनामी बदमाश के पुलिस कस्टडी से भाग जाने के बाद पुलिसिया कार्रवाई पर सवाल उठने लगे है।
इन 6 पुलिस कर्मियों पर हुई कार्रवाई
एसपी डॉक्टर अनिल कुमार मिश्र के अनुसार, बदन सिंह बद्दो को सब इंस्पेक्टर देशराज त्यागी, हेड कांस्टेबल संतोष कुमार, राजकुमार,सुनील कुमार और कांस्टेबल ओमवीर सिंह व डाइवर उपेंद्र के साथ पर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था के साथ भेजा गया था, लेकिन यह सब गाजियाबाद कोर्ट में पेशी के बाद अपराधी के साथ मेरठ गए और वह इनकी कस्टडी से भाग निकला। इस मामले में उक्त पुलिसकर्मियों की संलिप्ता को देखते हुए निलंबन की कार्रवाई की गई है। इसके अलावा क्राइम ब्रांच प्रभारी संजय मिश्रा को मौके पर भेजा गया है।
1996 में हुई थी हत्या
मेरठ के अधिवक्ता रविंद्र गुर्जर की साल 1996 में हुई हत्या के मामले में गौतमबुद्धनगर अदालत ने बदन सिंह बद्दो को 21 साल बाद 26 अक्तूबर 2017 को उम्रकैद की सजा सुनाई थी। बदन सिंह व उसके भाई किशन सिंह के खिलाफ रविंद्र के भाई देवेंद्र सिंह ने केस दर्ज कराया था। वारदात के बाद पुलिस ने दोनों को गिरफ्तार किया था। दोनों को जमानत मिल गई थी। केस की सुनवाई के दौरान किशन की मृत्यु हो गई थी। पीड़ित पक्ष की याचिका पर हाईकोर्ट ने 2015 में केस मेरठ से गौतमबुद्ध नगर अदालत ट्रांसफर करने का आदेश दिया था। इसके बाद बद्दो को सजा सुनाई गई। कुछ माह बद्दो को नोएडा से फर्रुखाबाद जेल स्थानांतरित कर दिया गया था।