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सुभाष बाथम दो दिन तक पुलिस से ले सकता था टक्कर, घर में था गोला-बारूद का जखीरा

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फर्रुखाबाद। उत्तर प्रदेश के फर्रुखाबाद जिले में 8 घंटे तक चला हाई वोल्टेज ड्रामा अब समाप्त हो गया है। वहीं, अब जो जानकारियां मिल रही है वह काफी हैरान करने वाली है। ताजा जानकारी के अनुसार, सुभाष बाथम ने पूरी प्लानिंग के साथ यह साजिश रची थी। उसने अपनी बेटी गौरी (5) के जन्मदिन के बहाने आसपास के 21 बच्चों को अपने घर में इकट्ठा किया और उन्हें बंधक बना लिया। पुलिस की मानें तो सुभाष बाथम के पास इतना बड़ा ज़खीरा था कि वो इस लड़ाई को अगले दो दिनों तक लड़ सकता था।

बेटी गौरी के जन्म दिन पर सभी बच्चों को बुलाया घर

बेटी गौरी के जन्म दिन पर सभी बच्चों को बुलाया घर

30 जनवरी को फर्रुखाबाद के मोहम्मदाबाद कोतवाली के करथिया गांव में सुभाष बाथम की बेटी गौरी (5) का जन्मदिन था। सुभाष ने बेटी के जन्मदिन को धूमधाम से मनाने का निर्णय किया। उसने जन्म दिन के बहाने गांव के 21 बच्चों को अपने घर बुला लिया। कुछ देर बाद बच्चो ने बाहर जाने की मंशा जाहिर की सुभाष ने उसे रोक दिया और घर के सभी दरवाजे बंद कर दिए। घर के अंदर उसकी पत्नी भी मौजूद थी।

गांव वालों ने की थी समझाने की कोशिश

गांव वालों ने की थी समझाने की कोशिश

काफी देर तक जब बच्चे घर नहीं लौटे तो पड़ोसी आदेश की पत्नी बबली अपनी पुत्री खुशी और बेटे आदित्य को बुलाने के लिए उसके घर पहुंच गई। उसने दरवाजा खटखटाया तो सुभाष ने खोलने से मना कर दिया। जब उसने ज्यादा जिद की तो वह गाली गलौज करने लगा। इस पर बबली अपने घर आई और परिजनों को जानकारी दी। जिसके बाद गांव वालों ने बात करने की कोशिश की तो सुभाष ने एक ग्रामीण के पैर में गोली मार दी। वो बच्चों को बम से उड़ाने की धमकी दे रहा था।

पुलिस को दी सूचना

पुलिस को दी सूचना

लोगों को समझ नहीं आया क्या करें? आखिरकार पुलिस को घटना की जानकारी दी गई। पुलिस के लिए 21 मासूमों को सही सलामत वापस निकालना चुनौती थी। मुश्किल यहीं खत्म नहीं हुई, सुभाष ने पुलिस पर भी फायरिंग शुरू कर दी। इतना ही नहीं उसने हथगोले भी फेंके। इस हमले में पुलिस के दो जवान घायल हो गए। हालांकि आठ घंटो के लंबे संघर्ष और सुभाष के एनकाउंटर के बाद सभी बच्चों को सुरक्षित निकाल लिया गया, लेकिन यह मामला बढ़ भी सकता था।

दो दिनों तक पुलिस के कर सकता था लड़ाई

दो दिनों तक पुलिस के कर सकता था लड़ाई

आठ घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद पुलिस ने सभी बच्चों को सुरक्षित निकाल तो लिया, लेकिन यह लड़ाई लंबी खिंच सकती थी। सुभाष का पहले से ही आपराधिक रिकॉर्ड था। बच्चों को बंधक बनाने के लिए उसने अपने घर में एक तहखाना बनाया हुआ था। घर के बाहर बारूद बिछाया हुआ था। घर में हथघोले और हथियारों का इतना बड़ा ज़खीरा था कि इस लड़ाई को अगले दो दिनों तक लड़ा जा सकता था।

बरामद हुए ये हथियार

बरामद हुए ये हथियार

पुलिस ने बताया कि सुभाष के पास इतनी गोला-बारूद थी कि वो अगले दो दिनों तक पुलिस से अकेले ही मुकाबला कर सकता था। सुभाष के घर से 25-30 गोलियां, एक कंट्री मेड तमंचा, एक राइफल और बड़ी संख्या में बारूद था। सुभाष ने कई सुतली बम भी बना रखे थे और वो तहखाने में एक साथ सभी बच्चों को उड़ाने की धमकी दे रहा था।

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English summary
Farrukhabad Hostage Case: subhash Batham has enough arms and explosives in his house
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