Ayodhya: लावारिश शवों का अंतिम संस्कार करने वाले मोहम्मद शरीफ की बिगड़ी तबीयत, बोले- अभी तक नहीं मिला पद्मश्री
Ayodhya News, अयोध्या। 83 वर्षीय मोहम्मद शरीफ, जिन्हें लोग 'चाचा शरीफ' के नाम से जानते है वो इस वक्त बेड पर पड़े है और इलाज का इंतजार कर रहा है। आर्थिक तंगी के चलते वह अपना इलाज भी नहीं करा पा रहे हैं। मीडिया द्वारा जैसे ही खबर जिला प्रशासन को मिली तो प्रशासन के आला अफसर उनके घर पहुंचे और इलाज की व्यवस्था की। बता दें कि, चाचा शरीह वही हैं, जो पिछले 27 सालों से राम की नगर अयोध्या में लावारिस शवों का अंतिम संस्कार कर रहे हैं।
अभी तक नहीं मिला पद्मश्री
चाचा शरीफ उर्फ मोहम्मद शरीफ ने एएनआई न्यूज एजेंसी से बात करते हुए कहा कि पद्मश्री पुरस्कार उन्हें अभी तक नहीं मिला है। उन्होंने बताया कि मैंने टीवी पर इसके बारे में समाचार पर सुना है, लेकिन अब तक पुरस्कार नहीं मिला है। मैं लगभग दो महीने पहले बीमार हो गया था। बता दें कि मोहम्मद शरीफ काफी समय से बीमार है और बिस्तर पर ही रहते हैं। वहीं, उनकी आर्थिक स्थिति इन दिनों काफी बदतर हो गई है। पैसे न होने की वजह से वो अपना इलाज भी नहीं करवा पा रहे थे।
पिछले कई दिनों से बीमार है चाचा शरीफ
हालांकि, मीडिया में जैसे ही यह खबर आई और डीएम अनुज कुमार झा को इसकी जानकारी हुई तो उन्होंने तुरंत एक टीम को उनके घर भेजा दिया। एडीएम सिटी वैभव शर्मा और जिला अस्पताल की एक टीम शरीफ चाचा के घर पहुंची और उनका इलाज करवाया। जिला अस्पताल के डॉ. वीरेंद्र वर्मा ने कहा कि मो. शरीफ के पेट मे सूजन है, उनका इलाज किया जा रहा है। वहीं शरीफ चाचा का कहना है कि पिछले पांच दिन से ज्यादा समय से वह बीमार हैं। सर्दी की वजह से उनके सीने में दर्द है।
बीजेपी सांसद और विधायक आए आगे
लावारिस लाशों का अंतिम संस्कार करने वाले शरीफ चाचा को उनका पद्मश्री अवॉर्ड दिलाने के लिए बीजेपी सांसद और विधायक आगे आए हैं। अयोध्या से विधायक वेद गुप्ता और सासंद लल्लू सिंह ने वादा किया है कि वह केंद्र को पत्र लिखकर उनके खराब स्वास्थ्य हवाला देते हुए पद्मश्री पुरस्कार घर तक भिजवाने का आग्रह करेंगे। इतना ही नहीं, विधायक वेद गुप्ता ने शरीफ चाचा के लिए फंड जुटाने करने का आश्वासन दिया और यह भी बताया कि उन्होंने राज्य सरकार से शरीफ चाचा के लिए मासिक भत्ता देने और फ्री राशन मुहैया कराने की बात की है।
..तो इसलिए कर रहे लावारिस लाशों का अंतिम संस्कार
83 वर्षीय मोहम्मद शरीफ पिछले 27 सालों से लावारिस शवों का अंतिम संस्कार कर रहे हैं। मीडिया से बात करते हुए उन्होंने इस वजह भी बताई। बताया कि, उनके बड़े बेटे रईस की एक हादसे में मौत हो गई थी, जिसका पुलिस वालों ने लावारिस में अंतिम संस्कार कर दिया था। तभी से वो हर लावारिस शव का अंतिम संस्कार उसके धर्म के मुताबिक करते रहे हैं। शरीफ चाचा के सामाजिक योगदान को देखते हुए केंद्र सरकार ने साल 2019 में उन्हें पद्मश्री अवार्ड देने का ऐलान किया था।