यूपी का जर्जर प्राइमरी स्कूल, जाड़े में खुले आसमान के नीचे पढ़ रहे बच्चे
इटावा। उत्तर प्रदेश के इटावा में वर्षों से बने प्राथमिक विद्यालयों के भवन अब जर्जर स्थिति में पहुंच चुके हैं। स्कूल में बच्चों को इतनी ठंड में मजबूरी में खुले असमान के नीचे जमीन पर बैठकर पढ़ाई करनी पड़ रही है। स्कूल प्रबंधन कई बार शिक्षा विभाग के अधिकारियों से लिखित और मौखिक रूप से शिकायत कर चुका है। लेकिन पैसा न होने की वजह से स्कूल के भवनो की मरम्मत का कार्य नहीं कराया जा रहा है। बढ़पुरा ब्लॉक के नगला गौर क्षेत्र में प्राथमिक विद्यालय की ऐसी तस्वीर देखने को मिली जहां स्कूल भवन की कक्षाओं की हालत देखकर सरकार की शिक्षा व्यवस्था देखकर आप दंग रह जाएंगे।
स्कूल भवन इतने जर्जर हो चुके हैं कि उसके अंदर बैठकर बच्चों को पढाने में शिक्षकों की रूह कांप रही है। मजबूरी में अध्यापिकाएं सर्दी के मौसम में भी खुले असमान के नीचे नौनिहालों को पढाने के लिए मजबूर है।
कब सुधरेगी सरकारी शिक्षा व्यवस्था ?
प्राथमिक विधालय की प्रधानाध्यापिका रेखा भदौरिया बताती हैं कि उनके स्कूल का भवन इतनी जर्जर स्थिति में पहुंच गया है कि विद्यालय के कमरों के अंदर बैठकर बच्चों को पढाने में उन्हें डर लगता है। मजबूरी में बच्चों को खुले असमान के नीचे बैठकर पढ़ाना पड़ता है। भवनों के मरम्मत कार्य के लिए कई बार संबंधित अधिकारियों को लिखित में शिकायत की जा चुकी है लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही है।
विद्यालय में पढ़ा रही अध्यापिका भावना सोलंकी ने बताया कि भवन जर्जर होने के कारण बच्चों को खुले में बैठाकर पढ़ाना पड़ रहा है। अगर भवन के अंदर बैठकर बच्चों को पढ़ाया जाए तो कोई हादसा हो जाये तो विभागीय अधिकारी हादसे के लिए उन्हें ही जिम्मेदार ठहरा देंगे इसलिए मजबूरी में बच्चों को असमान के नीचे बैठाकर पढ़ाना पड़ रहा है।
बीएसए अजय कुमार सिंह ने बताया कि जनपद के ऐसे जर्जर भवनों की सूची जिलाधिकारी महोदया को सौंपी जा चुकी है। जल्द ही शासन से पैसा मिलते है ऐसे भवनों को ध्वस्त कर नए भवनों का निर्माण करवाया जायेगा।
ये भी पढ़ें- अयोध्या के संत-महंत बोले, राम भक्तों के आक्रोश के कारण राज्यों में हार गई भाजपा