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Saif Ali Khan Birthday: सैफ अली खान को क्यों नहीं पसंद 'नवाब' टैग? बोले- ना कभी पॉकेटमनी मिली और ना ही...

सैफ अली खान को अपना 'शाही' टैग नहीं पसंद। उनके मुताबिक, अगर लोग ऐसा मानते भी हैं तो सही है। लेकिन वे हमेशा से एक फिल्म स्टार जैसा जीवन जीते आए हैं।

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मुंबई, 16 अगस्त: बॉलीवुड के नवाब सैफ अली खान किस खानदान से ताल्लुक रखते हैं, ये बात जगजाहिर है। ऐसे में फैंस का ऐसा सोचना एकदम जायज है कि बचपन से ही उन्हें ऐसे ऐशो आराम की आदत रही होगी, या यू कहें कि शाही घराने के शाही तौर-तरीकों से ही उनकी परवरिश हुई होगी। अपने नवाब या शाही 'टैग' को लेकर खुद सैफ अली खान ने भी बात कही है और अपनी परवरिश से जुड़े कुछ सच बताकर फैंस की सोच को थोड़ा बहुत गलत भी ठहराया है। आज सैफ अपना जन्मदिन मना रहे हैं। ऐसे में उनके एक पुराने इंटरव्यू को लेकर बात करते हैं, जब सैफ ने बचपन के दिनों को याद कर लोगों के सामने अपनी जिंदगी से जुड़े कुछ अहम खुलासे किए थे।

शाही घराने से रखते हैं ताल्लुक

शाही घराने से रखते हैं ताल्लुक

सैफ अली खान बॉलीवुड के शानदार एक्टर हैं। इंडस्ट्री के नामी-गिनामी लोगों की लिस्ट में शामिल होने के अलावा सिर्फ परिवार की बात की जाए, तो एक्टर शाही घराने से ताल्लुक रखते हैं। सैफ को बॉलीवुड का नवाब भी कहा जाता है।

नॉर्मल बच्चों जैसी हुई परवरिश

नॉर्मल बच्चों जैसी हुई परवरिश

हिंदुस्तान टाइम्स की खबर के मुताबिक खुद पर लगे शाही टैग के बारे में बात करते हुए सैफ बताते हैं कि उन्हें याद है कि बड़े होने के दौरान शायद ही कभी उनके माता-पिता ने उन्हें पॉकेटमनी दी हो। उन्होंने ये भी कहा कि उनके पिता मंसूर अली खान पटौदी पर एक बायोपिक जरूर बननी चाहिए, क्योंकि उनका जीवन सिनेमैटिक है।

सबसे बड़े बेटे हैं सैफ

सबसे बड़े बेटे हैं सैफ

बताते चलें कि सैफ अली खान शर्मिला टेगौर और क्रिकेटर मनसूर अली खान के सबसे बड़े बेटे हैं। उनकी दो छोटी बेटियां भी हैं। सबा अली खान और सोहा अली खान। मंसूर को साल 1971 तक पटौदी के नवाब की उपाधि मिली रही।

'शाही' टैग पर क्या बोले?

'शाही' टैग पर क्या बोले?

एशियन एज संग एक इंटरव्यू में सैफ ने कहा कि जाहिर तौर पर शाही खानदान से ताल्लुक रखता हूं लेकिन मेरे माता-पिता ने मुझे कभी पॉकेट मनी नहीं दी। एक्टर ने आगे कहा कि मेरी परवरिश भी सामान्य तरीके से ही हुई है। ये टैग बस फिल्मों में है। मेरे पिता मंसूर अली खान आखिरी नवाब थे।

'छवि से लड़ा नहीं जा सकता'

'छवि से लड़ा नहीं जा सकता'

वे खुद को मानते भी नहीं थे। ये इमेज इसलिए नहीं बनी, के मैं एक नवाब हू्ं या शाही परिवार से ताल्लुक रखता हूं। बल्कि इसलिए बनी के मैं एक फिल्म स्टार जैसा लाइफस्टाइल जीता हूं। कभी-कभी आप अपनी छवि से लड़ नहीं सकते। ठीक ही है। अगर ये छवि सही है, तो मेरे लिए ये कुछ नहीं है।

पिता पर बननी चाहिए बायोपिक

पिता पर बननी चाहिए बायोपिक

अपनी मां शर्मिला टैगोर की बायोपिक को लेकर सैफ ने कहा कि मेरे पिता थोड़े सेनेमेटिक ज्यादा थे। उनकी जिंदगी में काफी उतार-चढ़ाव आए। मेरी मां आर्टिस्ट थीं, जो सुपरस्टार बनीं और सालों तक रही भीं। उन्होंने स्पोर्ट्समैन से शादी की और खुशहाल जिंदगी जी। मेरे पिता का अंदाज काफी स्टाइलिश था। ऐसे में उनपर एक फिल्म होनी चाहिए।

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सैफ की अपकमिंग फिल्म

सैफ की अपकमिंग फिल्म

सैफ अली खान को आखिरी बार फिल्म बंटी और बबली 2 में देखा गया था। ये फिल्म साल 2005 में आई फिल्म बंटी और बबली का सीक्वल है। सैफ के अपकमिंग प्रोजेक्ट्स की पाइपलाइन में कई फिल्मे हैं। इसमें एक विक्रम वेधा भी है। फिल्म में सैफ के अलावा ऋतिक रोशन और राधिका आप्टे भी हैं और ये इसी साल 30 सितंबर को रिलीज होने जा रही है।

Comments
English summary
Happy birthday Saif Ali Khan actor dont like his Nawab tag, says i had normal upbringing
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