Chhattisgarh के किसानों को तेलंगाना की बीज कम्पनी ने दिया धोखा, नर-नारी धान के ख़राब बीज का किया वितरण
Chhattisgarh में किसानों के साथ बीज कंपनियों द्वारा धोखाधड़ी का मामला थमने का नाम नहीं ले रहा है। बेमेतरा जिले में तेलंगाना की सीडवर्क्स इंटरनेशनल प्राइवेट लिमिटेड कंपनी ने किसानों से हाईब्रिड किस्म के नर-नारी धान की खराब बीज देकर धोखाधड़ी की है। जिसका असर किसानों के उत्पादन में देखने को मिला। किसानों की खेतों में धान की पैदावार मानक से भी कम हुई। अब किसान मुआवजे कि मांग को लेकर सड़कों पर उतर आए हैं।
किसानों
से
किया
एग्रीमेंट,
12
क्विंटल
उत्पादन
का
किया
दावा
नर
नारी
किस्म
के
हाइब्रिड
धान
के
लिए
पहले
कंपनी
ने
तेलंगाना
की
सीड्स
कम्पनी
के
एजेंटों
ने
पहले
किसानों
को
अपने
झांसे
में
लिया।
उसके
बाद
करीब
300
एकड़
में
नर
नारी
धान
की
खेती
करवाई।
कंपनी
ने
प्रति
एकड़
10
से
12
क्विंटल
धान
के
उत्पादन
होने
का
दावा
किया
था।
इस
धान
को
9500
रुपये
प्रति
क्विंटल
की
दर
से
खरीदने
के
लिए
किसानों
से
एग्रीमेंट
किया।
जिसमें
कम
उत्पादन
होने
पर
किसानों
को
35
हजार
रुपये
मुआवजा
देने
की
बात
कही
गई
थी।
किसानों
का
आरोप,
खराब
बीज
का
किया
वितरण
कम्पनी
के
दावे
के
विपरीत
खेतों
में
3
क्विंटल
से
भी
कम
धान
का
उत्पादन
हुआ
है।
वहीं
प्रति
एकड़
उत्पादन
3
क्विंटल
से
कम
उत्पादन
होने
पर
किसानों
को
लागत
भी
नहीं
मिल
पा
रहा
है।
किसानों
का
आरोप
है
कि
नर
बीज
खराब
होने
के
कारण
प्रति
एकड़
में
2
से
3
क्विंटल
धान
का
उत्पादन
हुआ
है।
बेमेतरा
जिला
कलेक्टर
जितेंद्र
शुक्ला
से
इसकी
शिकायत
की
है।
कम्पनी
ने
मई
माह
में
धान
का
उठाव
किया।
लेकिन
अब
तक
न
ही
धान
की
राशि
मिली
औऱ
न
ही
नुकसान
का
मुआवजा
मिल
सका।
इसके
कारण
किसान
4
महीने
से
भटक
रहें
हैं।
अमानक बीज किया वितरित, किसानों को हुआ नुकसान
किसानों ने बताया बीज कम्पनियां किसानों को धोखा देकर अमानक बीजों का वितरण कर रहीं है। जिसका नुकसान किसानो को झेलना पड़ रहा है। वहीं जानकारी मिली है कि सीड वर्क्स इंटरनेशनल प्राइवेट लिमिटेड ने बीज की बिक्री के बेचने लिये कृषि विभाग से अनुमति भी नहीं ली थी। बेरला ग्राम सोंढ़ के किसान प्रमोद साहू ने अपने खेत के 8 एकड़ में नर नारी धान की फसल ली थी। जिसका उत्पादन सिर्फ 28 क्विंटल हुआ है। सामान्य धान की फसल लेने पर ही खेत में 150 क्विंटल धान होता है, हमे लागत मुल्य भी नहीं मिल पाया है।
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ने
की
समीक्षा
धान
की
विशेष
प्रजाति
होती
है
नर
नारी,
इस
तरह
होती
है
खेती
यह
एक
विशेष
प्रकार
के
धान
की
प्रजाति
होती
है
जिसे
नर-नारी
कहा
जाता
है।
इसकी
बुआई
में
नर
धान
को
नारी
धान
के
बीच
बीच
में
निर्धारित
दूरी
पर
कतार
बद्ध
तरीके
से
बुआई
की
जाती
है।
फिर
15
दिनों
तक
धान
को
रस्सी
से
हिलाकर
नारी
धान
से
क्रॉसिंग
परागण
किया
जाता
है।
इस
धान
का
उत्पादन
इसी
तरह
किया
जाता
है।
धान
के
चावल
का
उपयोग
सुगर
आदि
के
मरीज
करते
हैं।
एक
साल
पहले
भी
बायर
सीड
कम्पनी
ने
दिया
था
धोखा
इसी
तरह
दुर्ग
के
धमधा
में
बायर
सीड्स
नामक
कम्पनी
ने
किसानों
से
धोखाधड़ी
की
गई
थी।
कम्पनी
ने
200
किसानो
को
ठगी
का
शिकार
बनाया
है।
धमधा
व
बेरला
ब्लाक
में
लगभग
500
एकड़
में
इसकी
खेती
की
गई
थी।
नर
बीज
की
गुणवत्ता
खराब
होने
के
कारण
किसानों
को
करोड़ों
रुपये
का
नुकसान
हुआ
था।
कृषि
मंत्री
और
कलेक्टर
की
दखल
के
बाद
किसानों
को
प्रति
एकड़
35
हजार
मुआवजा
दिया
गया
था।