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BHILAI : BSP में हादसे रोकने के लिए बनाया था टास्क फोर्स, टास्क ही भूल गए अधिकारी, सेफ्टी में 22 करोड़ खर्च

छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले में भिलाई स्टील प्लांट में लगातार हादसों के बाद आनन- फानन में सभी यूंनियन नेताओं से चर्चा कर भिलाई इस्पात संयंत्र के डायरेक्टर इंचार्ज अनिर्बन दासगुप्ता ने टास्क फोर्स का गठन किया था

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दुर्ग, 11 अगस्त। छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले में भिलाई स्टील प्लांट में लगातार हादसों के बाद आनन- फानन में सभी यूंनियन नेताओं से चर्चा कर भिलाई इस्पात संयंत्र के डायरेक्टर इंचार्ज अनिर्बन दासगुप्ता ने टास्क फोर्स का गठन किया था लेकिन लगता है की बीएसपी प्रबंधन और अधिकारी टास्क ही भूल गए हैं। मई से जूलाई के बीच लगातार चार बड़े हादसे और दो मौत ने बीएसपी प्रबंधन को चिंता में डाल दिया था। बीएसपी प्रबन्धन ने इसके लिए टास्क फोर्स बनाकर पीड़ितों को मुआवजा देकर अपनी कुर्सी बचाने में कामयाब रहे। वही टास्क फोर्स के गठन के बाद न टास्क का पता और न ही फोर्स का।

BSP HADASA

डायरेक्टर इंचार्ज ने यूनियनों से की थी चर्चा
बीएसपी में हादसे रोकने के लिये इंचार्ज ने यूनियनों से सुझाव मांगा था। कि कैसे संयंत्र के अंदर हादसों को रोक जा सकता है। आमतौर पर यूनियन नेताओं को खुद से दूर रखने वाले डायरेक्टर अनिर्बान दासगुप्ता ने अपनी इस चिंता को लेकर यूनियन नेताओं के पास पहुच गए थे । इंचार्ज ने दूसरी इकाइयों में हो रही किरकिरी का रोना रोया। आनन-फानन में टास्क फोर्स गठित किया।

एक स्पताह में सौपना था रिपोर्ट
बीएसपी आफिसर्स एसोसिएशन के सदस्य और ट्रेड यूनियन के नेताओं को विभागीय अधिकारियों की अध्यक्षता में टास्क फोर्स में शामिल किया गया। दावा किया गया था कि एक सप्ताह के भीतर रिपोर्ट तैयार कर इस पर अमल किया जाएगा। लेकिन आज तक कोई रिपोर्ट सामने नहीं आई और न ही कोई मीटिंग हो सकी। टास्क फोर्स के सदस्यों ने विभागों का दौरा किया था। खामियों को सूचीबद्ध भी किया। लेकिन प्रबन्धन रिव्यू मीटिंग नहीं करा सकी।
चुनाव को बताया कारण
जिम्मेदार अधिकारियों का कहना है कि यूनियन चुनाव की वजह से बैठक नहीं हो सकी। दूसरी ओर कर्मचारियों का आरोप है कि प्रबंधन हादसे रोकने का नाटक कर रहा है। भिलाई इस्पात संयंत्र के इंचार्ज अनिर्बन दास गुप्ता के आदेश पर टास्क फोर्स बनाया गया। उस टास्क फोर्स का हाल बेहाल है, बाकी आदेशों का क्या होता है इसका अंदाजा आप खुद ही लगा सकते हैं।
अधिकारीयों को प्रबन्धन के बुलावे का इंतजार
वहीं, टास्क फोर्स के सदस्यों का कहना है कि रिपोर्ट बनी हुई है, सिर्फ कंपाइल करना बाकी है। प्रबंधन बैठक बुलाए तो वह काम भी जल्द कर लिया जाएगा। जबकि चुनाव 30 जुलाई को समाप्त हो चुका है। टास्क फोर्स के सदस्यों के दौर में लापरवाही, सुपरवाइजरी कमी, मेंटेनेंस का अभाव आदि विषय सामने आया था।
सेफ्टी के नाम पर 22 करोड़ ख़र्च

दरअसल भिलाई स्टील प्लांट में हादसो को रोकने के लिए कंसल्टेंसी एजेंसी की मदद तक ली गई थी। इसके लिए 22 करोड़ रुपए खर्च किए जा चुके हैं। इसके साथ ही सयंत्र के सभी विभाग में 500 सीसीटीवी कैमरे, जीपीएस सिस्टम व अन्य तकनिकी संसाधन लगाए गए इसके बाद भी हादसे थम नहीं रहे हैं।

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English summary
BHILAI: Task force was formed to prevent accidents in BSP, officers forgot the task, 22 crores spent in safety
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