Bhilai Nigam: संचित निधि से भुगतान की नहीं मिली अनुमति, कर्मचारियों को 20 दिन बाद मिला वेतन
छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले में नगर पालिक निगम भिलाई की आर्थिक स्थिति का अंदाजा आप इस बात से लगा सकते हैं। कि निगम के पास अब अपने कर्मचारियों को वेतन देने के लिए भी फंड नहीं है। दीपावली से पहले संचित निधि की राशि का इस्तेमाल कर जैसे-तैसे कर्मचारियों का वेतन किया गया था। लेकिन अब कर्मचारी वेतन की मांग को लेकर आंदोलन करने लगे हैं। जिससे निगम का कामकाज भी प्रभावित हो रहा है। लेकिन हर माह निगम प्रबंधन को इस समस्या से जूझना पड़ रहा है।
कर्मचारियों
ने
दिया
धरना,
कमिश्नर,
मेयर
पहुंचे
रायपुर
नगर
पालिक
निगम
भिलाई
के
कर्मचारियों
ने
पिछले
2
दिनों
से
निगम
कार्यालय
में
कामकाज
बंद
कर
मुख्यालय
के
सामने
धरना
प्रदर्शन
किया।
इस
प्रदर्शन
का
कारण
वेतन
भुगतान
में
हो
रही
देरी
है।
जिससे
निगम
कर्मचारी
परेशान
है।
समय
पर
वेतन
न
मिलने
से
घर
की
व्यवस्था
पर
असर
पड़
रहा
है।
इस
आंदोलन
के
बाद
मेयर
नीरज
पाल
और
निगम
कमिश्नर
रोहित
व्यास
ने
रायपुर
नगरीय
प्रशासन
से
चर्चा
की
थी।
20
दिन
की
देरी
से
मिला
वेतन,
ठेका
कर्मचारी
परेशान
नगर
पालिक
निगम
भिलाई
के
लगभग
960
से
अधिक
कर्मचारियों
को
इस
बार
20
दिन
की
देरी
से
वेतन
भुगतान
किया
गया।
हर
माह
1
से
5
तारीख
के
बीच
वेतन
का
भुगतान
किया
जाता
था।
निगम
के
960
कर्मचारियों
को
3
करोड़
30
लाख
रुपये
का
भुगतान
किया।
साथ
ही
इस
बार
5
प्रतिशत
महंगाई
भत्ते
का
भी
भुगतान
कर्मचारियों
को
किया
गया
है।
यह
भुगतान
निगम
ने
प्राप्त
राजस्व
एवं
अन्य
बचत
से
किया
है।
जिससे
निगम
कर्मचारी
तो
खुश
हैं।
लेकिन
प्लेसमेन्ट
और
सफाई
कर्मचारियों
का
भुगतान
अब
भी
बाकी
है।
Durg MLA अरुण वोरा ने निगम में मनाया बर्थडे, भाजपा नेताओं ने किया चक्काजाम, दो भाजपा नेता झुलसे
संचित
निधि
से
नहीं
खर्च
कर
सकेंगे
राशि
निगम
में
प्रतिमाह
खर्च
की
अगर
बात
करें
तो
लगभग
8
करोड़
रुपये
का
वेतन
भुगतान
नियमित
,
ठेका,
प्लेसमेंट
के
कर्मचारियों
को
किया
जाता
है।
इनमें
960
नियमित
कर्मचारी
है,
तो
वहीं
सफाई,
गार्ड
और
प्लेसमेंट
के
1500
कर्मचारी
हैं।
इस
बार
निगम
कर्मचारियों
ने
संचित
निधि
से
वेतन
भुगतान
की
मांग
की
थी।
लेकिन
संचित
निधि
में
सिर्फ
5.5
करोड़
की
राशि
होने
के
कारण,
निगम
प्रबन्धन
को
सरकार
ने
अनुमति
नहीं
मिली।
क्योंकि
संचित
निधि
के
नियमानुसार
निगम
के
स्थापना
व्यय
से
तीन
गुना
राशि
होने
पर
ही
आपातकालीन
स्थिति
में
नगरीय
प्रशासन
द्वारा
इसके
खर्च
की
अनुमति
दी
जाती
है।
हालांकि
दीपावली
के
पहले
9
करोड़
रूपए
की
राशि
निकालने
की
अनुमति
दी
गई
थी।