दुर्ग न्यूज़ के लिए
नोटिफिकेशन ऑन करें  
Oneindia App Download

बलरामपुर: तीखी मिर्च ने महिलाओं की जिंदगी में भरी मिठास, मिर्च की खेती कर महिला समूहें बनी आत्मनिर्भर

बलरामपुर(Balrampur) जिले के शंकरगढ़ विकाखंड की महिलाओं ने खेत में हरी व तीखी मिर्च की विशेष प्रजाति लगाई। कम लागत में मिर्च की खेती से महिलाओं ने 12 गुना तक लाभ अर्जित किया है।

Google Oneindia News

बलरामपुर, 04 अगस्त। छत्तीसगढ़ सरकार की महत्वाकांक्षी योजना नरवा, गरुवा, घुरूवा, बाड़ी के माध्यम से गांवों में महिला समूहों के माध्यम से विभिन्न आजीविकामुलक कार्य प्रारम्भ किए गए हैं। जिसके तहत बलरामपुर जिले में भी महिला स्वसहायता समूह की महिलाएं सामूहिक खेती कर स्वयं को आर्थिक रूप से सक्षम बना रहीं है। साथ ही गौठान की सामुदायिक बाड़ी में खेती कर समूह की महिलाएं सब्जी उत्पादन के क्षेत्र में अपनी अलग पहचान बना रहीं हैं। इसी कड़ी में बलरामपुर(Balrampur) जिले के शंकरगढ़ विकाखंड की महिलाओं ने खेत में हरी व तीखी मिर्च की विशेष प्रजाति लगाई। कम लागत में मिर्च की खेती से महिलाओं ने 12 गुना तक लाभ अर्जित किया है।

green chilli

महिला समूहों को विभाग ने दी ट्रेनिंग

छत्तीसगढ़ के बलरामपुर-रामानुजगंज जिले के शंकरगढ़ ब्लॉक के टिकनी गोठान की निराला एवं गुलाब महिला स्व सहायता समूह के सदस्यों द्वारा गौठान के लगभग 1.50 एकड़ भूमि में मिर्च की खेती की गई है। खेती शुरू करने से पहले जिले के उद्यानिकी विभाग द्वारा अच्छी पैदावार लेने लिए महिलाओं को आवश्यक जानकारी व ट्रेनिंग दी गई तथा बाड़ी में मिर्च की जेके-46 की प्रजाति लगाने का सुझाव दिया गया।

chilli balrampur

मिर्च की खेती की कुछ इस तरह हुई शुरुआत
महिला स्व सहायता समूह की महिलाओं ने उद्यानिकी विभाग से ट्रेनिंग लेकर स्वयं के समूह से ऋण लेकर मिर्च की खेती की गई, जिसमें गुलाब महिला स्व-सहायता समूह द्वारा 12 हजार 840 रुपए एवं निराला स्व-सहायता समूह द्वारा 7 हजार 530 रुपए की लागत लगाकर मिर्च की खेती (chilli Crops) की गई। गौठान समिति द्वारा महिलाओं को डेढ़ एकड़ की भूमि सामुदायिक बाड़ी के लिए दी गई। सामुदायिक बाड़ी में महिलाओं ने मिर्च का उत्पादन शुरू किया।

chilli mirch

महिला समूह ने बेचा दो लाख रुपए का मिर्च
उद्यानिकी विभाग के सतत मार्गदर्शन और अच्छी देखभाल एवं विभाग के अधिकारियों के द्वारा दी गई सलाह पर अमल करते हुए खेती करने पर अच्छी फसल प्राप्त हुई। मिर्च को बाजारों में बेचकर अच्छे दाम मिले। जिसे बाजार में विक्रय करने पर गुलाब स्व-सहायता समूह को 92 हजार 980 रूपए तथा निराला स्व-सहायता समूह को 86 हजार 830 रूपए का मुनाफा प्राप्त हुआ।

balrampur mirch

तीखी मिर्च की खेती से महिलाएं बन रही आत्मनिर्भर
महिलाओं का कहना है कि इस तरह सामूहिक बाड़ी में खेती करने से उनके जीवन में बदलाव आया। बलरामपुर के शंकरगढ़ विकासखंड में दो महिला समूह में लगभग 30 महिलाएं काम कर रही हैं। इस समूह की महिलाएं अब आत्मनिर्भर हो रही हैं। अब उन्हें परिवार चलाने के लिए मजदूरी करने की जरूरत नहीं पड़ती वे अपने परिवार के संचालन में अपनी भी सहभागिता निभा रही है।
स्थानीय थोक व्यापारी बाड़ी से ले जाते हैं मिर्च
समूह की महिलाओं ने बताया कि अभी तक उनके द्वारा चार बार मिर्च की तोड़ाई की गई है तथा आने वाले समय में 04 से 05 बार मिर्च की तोड़ाई और की जा सकेगी। उन्होंने कहा कि मौसम अनुकूल एवं मण्डी में मिर्च की आवक कम होने पर और आमदनी प्राप्त होगी। समूह के सदस्यों ने बताया कि अम्बिकापुर के थोक विक्रेता नियमित रूप से बाड़ी में पहुंचकर उनसे मिर्च की खरीदी करते हैं जिससे उन्हें बाड़ी में ही मिर्च का उचित दाम मिल जा रहा है।

Comments
English summary
Balrampur: Hot chillies added sweetness to women's lives, women's groups became self-sufficient by cultivating chillies
देश-दुनिया की ताज़ा ख़बरों से अपडेट रहने के लिए Oneindia Hindi के फेसबुक पेज को लाइक करें
For Daily Alerts
तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X
X