दिल्ली हाईकोर्ट ने वक्फ बोर्ड को दी राहत, तब्लीगी जमात के मरकज को फिर से खोलने की इजाजत
नई दिल्ली: पिछले साल फरवरी में कोरोना महामारी ने भारत में दस्तक दी। इस बीच निजामुद्दीन स्थिति तब्लीगी जमात में बड़ी संख्या में देश-विदेश से लोग पहुंचे, लेकिन ये चर्चा में तब आया जब इसमें बड़ी संख्या में लोग कोरोना पॉजिटिव पाए गए। आरोप है कि जमात में शामिल हुए लोग देश के अलग-अलग हिस्सों में गए, जिससे कोरोना महामारी काफी ज्यादा फैली। बाद में दिल्ली पुलिस ने इसमें शामिल लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया और इसे बंद करवा दिया। अब एक साल बाद दिल्ली हाईकोर्ट ने मरकज को फिर से खोलने की इजाजत दे दी है।
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इस मामले में दिल्ली वक्फ बोर्ड ने दिल्ली हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की थी। जिसके तहत उन्होंने आग्रह किया कि शबे बरात आने वाली है, जिसमें मुस्लिम समुदाय के लोग प्रार्थना और इबादत करते हैं। इसके अलावा रमजान का पवित्र महीना भी शुरू होने वाला है। इस सुनवाई के दौरान दिल्ली वक्फ बोर्ड के स्टैंडिंग काउंसिल वजीह शफीक, वरिष्ठ वकील रमेश गुप्ता मौजूद रहे, जबकि दिल्ली सरकार की ओर से वकील नंदिता राव ने पक्ष रखा। वहीं एडीशनल सॉलिसटर जनरल चेतन शर्मा और वकील रजत नायर केंद्र का पक्ष रखने के लिए वर्चुअली जुड़े।
अपने वतन लौट सकेंगे तबलीगी जमात के 35 विदेशी सदस्य, कोर्ट ने दिए पासपोर्ट जारी करने के आदेश
मामले की सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने वक्फ बोर्ड को राहत देते हुए मरकज को फिर से खोलने का आदेश दे दिया। हालांकि कोरोना महामारी को देखते हुए कोर्ट ने कई शर्तें रखी हैं। जिसके तहत सिर्फ 50 लोगों को ही मरकज में प्रवेश करने की इजाजत रहेगी। साथ ही जो लोग शामिल होंगे उनके नाम और पते स्थानीय पुलिस थाने में जमा करवाए जाएंगे, जहां से स्थानीय थाना इंचार्ज अनुमति पत्र जारी करेंगे।
लखनऊ
में
9
जमातियों
को
राहत
पिछले
साल
तब्लीगी
जमात
को
जब
कोरोना
वायरस
फैलाने
का
कलस्टर
बताया
गया,
तो
देशभर
में
जमातियों
के
खिलाफ
केस
दर्ज
किए
गए।
लखनऊ
में
इसी
तरह
के
एक
मामले
में
गिरफ्तार
9
लोगों
को
बरी
किया
गया
है।
कोर्ट
ने
कहा
कि
पुलिस
आरोपियों
के
खिलाफ
कोई
सबूत
नहीं
पेश
कर
पाई,
ऐसे
में
उन्हें
छोड़ा
जा
रहा
है।
ये
सभी
जमाती
थाईलैंड
से
आए
थे।