एक्सपर्ट्स ने बताया-वैक्सीन से चलते दिल्ली में कम आ रहे हैं कोरोना मामले
नई दिल्ली, 16 अक्टूबर: दिल्ली में कोरोना के मामले के मामलों में लगातार गिरावट देखने को मिल रही है। इसे लेकर अब एक स्टडी सामने आई है। एक्सपर्ट्स के अनुसार, टीकाकरण की स्थिर गति और बड़ी संख्या में लोगों के पहले से कोरोना संक्रमित होने के चलते दिल्ली में लगभग साढ़े तीन महीनों में दैनिक मामलों 100 के आंकड़े को भी पार नहीं कर पाए हैं। 29 जून को राष्ट्रीय राजधानी में 101 मामले और चार मौतें हुई थीं। जिसके बाद से लगातार मामलों में भारी गिरावट देखने को मिली है।

आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार पिछले महीने दिल्ली में केवल पांच कोरोना से मौतें हुई हैं । 7, 16 और 17 सितंबर को कोरोना से सिर्फ एक-एक मौतें हुई जबकि 28 सितंबर को कोरोना से दो मौतें हुई हैं। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, इस महीने दिल्ली में 2 और 10 अक्टूबर को अब तक कोरोना से सिर्फ दो ही मौतें हुई हैं। शहर में कोविड-19 के कारण मरने वालों की संख्या 25,089 हो गई है।
राष्ट्रीय राजधानी में 1 अक्टूबर को 32 मामले, 2 और 3 अक्टूबर को 33 मामले, 4 अक्टूबर को 34, 5 अक्टूबर को 27, 6 अक्टूबर को 26 और 7 अक्टूबर को 44 मामले दर्ज किए गए। 8 अक्टूबर से 15 अक्टूबर के बीच कुल मामलों की संख्या 240 थी। राष्ट्रीय राजधानी में शुक्रवार को संक्रमण के कारण 26 मामले और शून्य मौतें दर्ज की गईं। त्योहारी सीजन और कई आर्थिक गतिविधियों के फिर से शुरू होने के बावजूद संक्रमणों की संख्या कम बनी हुई है।
एलएनजेपी के चिकित्सा निदेशक डॉ सुरेश कुमार ने कहा कि टीकाकरण की अच्छी गति मामलों की कम संख्या के पीछे का कारण है, लेकिन इसके साथ ही उन्होंने चेतावनी भी जारी की है। दिल्ली में एक बहुत ही मजबूत और आक्रामक टीकाकरण कार्यक्रम चल रहा है। बड़ी संख्या में लोग पहले ही वायरस के संपर्क में आ चुके हैं। लेकिन हम अपने बचाव को कम नहीं कर सकते। अगले दो-तीन महीने महत्वपूर्ण हैं। अगर हम सावधान रहें, तो हम संभावित तीसरी लहर से खुद को बचा सकते है।
दिल्ली में कोरोना के हालात कंट्रोल में, 24 घंटों में सिर्फ 21 नए मरीज
आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, राष्ट्रीय राजधानी में अब तक 1.95 से अधिक वैक्सीन खुराक दी जा चुकी हैं, जिसमें 68.04 लाख से अधिक लोगो दोनों खुराके ले चुके हैं। इंद्रप्रस्थ अपोलो हॉस्पिटल्स के सीनियर कंसल्टेंट डॉ राजेश चावला ने कहा, दिवाली का त्योहार लिटमस टेस्ट है। कई लोगों का टीकाकरण किया जा चुका है। कई ऐसे हैं जो पहले ही संक्रमित हो चुके हैं। संक्रमण की संख्या में कमी आई है। दिवाली एक अग्निपरीक्षा है अगर दिवाली के बाद भी यही सिलसिला जारी रहता है, तो हम कोरोना पर काफी हद तक काबू पा सकते हैं। लेकिन हमें सभी कोविड मानदंडों का पालन करना होगा।