दिल्ली में वायु प्रदूषण कम करने के लिए लॉकडाउन लगाने से नहीं सुधरेंगे हालात, स्थाई समाधान की जरूरत- विशेषज्ञ
वायु प्रदूषण के बढ़ते स्तर को कम करने के लिए दिल्ली सरकार लॉकडाउन लगाने पर विचार कर रही है। वहीं विशेषज्ञों ने इसको लेकर कहा कि लॉकडाउन लगाने से प्रदूषण की स्थिति में कोई सुधार नहीं होगा।
नई दिल्ली, 16 नवंबर। कोरोना के बाद अब बढ़ता वायु प्रदूषण दिल्लीवासियों पर सितम ढा रहा है। हाल ही में दिल्ली-एनसीआर में किए गए एक अध्ययन के मुताबिक पिछले 1 हफ्ते में दिल्ली में मरीजों की संख्या में 100% का उछाल आया है। बढ़ते वायु प्रदूषण के स्तर को कम करने के लिए दिल्ली सरकार ने सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में एक हलफनामे में बताया कि अगर दिल्ली से सटे अन्य राज्य अपने यहां लॉकडाउन लगाने पर राजी होते हैं तो वह भी राज्य में लॉकडाउन लगाने को तैयार है। वहीं, लॉकडाउन को लेकर विशेषज्ञों का मानना है कि इससे वायु प्रदूषण की स्थिति में बहुत ज्यादा सुधार होने की उम्मीद नहीं है, बल्कि उल्टा इससे आर्थिक गतिविधियां प्रभावित होंगी और पुराने हालात वापस आ सकते हैं।
सुप्रीम
कोर्ट
ने
दिया
था
लॉकडाउन
का
सुझाव
बता
दें
कि
दिल्ली
में
वायु
प्रदूषण
की
स्थिति
पर
असंतोष
जताते
हुए
सुप्रीम
कोर्ट
ने
सरकार
को
लॉकडाउन
पर
विचार
करने
को
कहा
था,
जिसके
जवाब
में
केजरीवाल
ने
कोर्ट
में
हलफनामा
दायर
कर
कहा
था
कि
यदि
अन्य
पड़ोसी
राज्य
ऐसा
करने
पर
सहमत
हैं
तो
वह
राजधानी
में
लॉकडाउन
लगाने
को
तैयार
है।
हालांकि
कोर्ट
ने
केवल
दिल्ली
में
लॉकडाउन
का
सुझाव
दिया
था
और
इसके
पीछ
तर्क
यह
था
कि
इससे
वाहनों
और
उद्योगों
से
होने
वाले
उत्सर्जन
और
सड़क
की
धूल
पर
अंकुश
लगेगा।
यह भी पढ़ें: दिल्ली में अब प्रदूषण का कहर, हफ्तेभर में 100% बढ़े श्वांस, खांसी के मरीज- सर्वे
लॉकडाउन
से
स्थिति
में
बदलाव
की
संभावना
नहीं
वहीं
विशेषज्ञों
का
मानना
है
कि
लॉकडाउन
कोई
स्थाई
उपाय
नहीं
है
और
इससे
स्थिति
के
गंभीर
हो
जाने
के
बाद
कोई
सुधार
होने
की
संभावना
नहीं
है।
IIT
दिल्ली
के
मुकेश
खरे
जो
भंग
हो
चुकी
पर्यावरण
प्रदूषण
रोकथाम
और
नियंत्रण
प्राधिकरण
के
एक
पूर्व
विशेषज्ञ
सदस्य
हैं
ने
कहा
कि
यदि
रिसर्च
के
मुताबिक
प्रदूषण
के
स्तर
पर
लॉकडाउन
से
कोई
असर
पड़ता
है
तो
ही
इसे
लागू
करना
चाहिए।
उन्होंने
कहा,
'हमारे
पास
पूर्वानुमान
प्रणाली
है
(forecasting
systems)
जो
बता
सकती
है
कि
हवा
की
गुणवत्ता
कब
खराब
होगी
और
कब
सही।
ग्रैप
(ग्रेडेड
रिस्पांस
एक्शन
प्लान)
के
तहत
लॉकडाउन
यदि
आवश्यक
हो
और
इससे
कुछ
फायदा
हो
तभी
इसे
लगाना
चाहिए।
दिल्ली
सरकार
का
प्रतिनिधित्व
कर
रहे
वरिष्ठ
वकील
राहुल
मेहरा
ने
सोमवार
को
अदालत
को
बताया
कि
जब
तक
यूपी
और
हरियाणा
के
आसपास
के
एनसीआर
क्षेत्रों
में
इसे
लागू
नहीं
किया
जाता
है,
तब
तक
लॉकडाउन
का
कोई
फायदा
नहीं
होगा।
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वहीं एक अन्य विशेषज्ञ ने लॉकडाउन सुझाव को एक घुटने के बल चलने वाला विचार बताया। उन्होंने कहा कि यदि ऐसा होता है तो लॉकडाउन हटने के बाद प्रदूषण के वे स्रोत एक बार फिर लौट आएंगे और यह केवल एक अस्थाई समाधान है। हमें एक पूर्णकालिक समाधान तलाशना होगा।