दिल्ली: AIIMS ने कहा- हमारे यहां भर्ती है राम रहीम, वजह बताई- क्यों लाया गया
नई
दिल्ली।
डेरा
सच्चा
सौदा
प्रमुख
गुरमीत
राम
रहीम
एक
बार
फिर
जेल
से
बाहर
आ
गया
है।
इस
बार
राम
रहीम
को
दिल्ली
के
अखिल
भारतीय
आयुर्विज्ञान
संस्थान
(एम्स)
में
देखा
गया।
एम्स
के
अधिकारी
ने
कहा
कि,
उसे
एंडोस्कोपी
के
लिए
लाया
गया
है।
यहां
अब
उसे
निगरानी
में
रखा
जाएगा
व
जरूरी
चेकअप
होंगे।
मालूम
हो
कि,
राम
रहीम
पिछले
एक
साल
में
कई
दफा
जेल
से
बाहर
आया
है।
कभी
मां
को
देखने
के
लिए
तो
कभी
खुद
को
कोरोना
संक्रमित
बताकर,
कभी
कैंसर
की
आशंका
तो
कभी
पेट
की
दिक्कत...अब
एम्स
पहुंचने
के
पीछे
की
वजह
उसकी
खराब
तबियत
ही
बताई
जा
रही
है।
कई दफा अस्पताल जा चुका राम रहीम
पिछले महीने राम रहीम गुड़गांव के मेदांता अस्पताल में भर्ती था, जहां से कई दिनों बाद डिस्चार्ज किया गया। डॉक्टरों ने उसके शरीर की जांच की और बताया कि राम रहीम के पैंक्रियाज में गांठ है। वहीं, उसके वकील ने कहा कि, शुगर अनियंत्रित होने से उसे पेट दर्द की समस्याएं हो रही हैं। बताया जा रहा है कि, बीते 3 जून को उसकी एंजियोग्राफी, सीटी स्कैन व फाइब्रोस्कैन जांच हुई थी। जिसके बाद राम रहीम के पैंक्रियाज में गांठ मिलने पर डॉक्टरों ने कैंसर का शक जताया। जून के ही महीने में ऐसी खबरें आई थीं कि राम रहीम की टेस्ट रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव है। उसे गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल लाया गया था। हालांकि, बाद में गुरुग्राम के मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डॉ वीरेंद्र यादव ने बताया कि, राम रहीम ठीक है और उसकी जांच रिपोर्ट कोरोना निगेटिव आई है।
27 अगस्त 2017 से भुगत रहा उम्रकैद
सजा राम रहीम रेप और हत्या के मामलों में उम्रकैद भुगत रहा है। साध्वी दुष्कर्म मामले में उसे 20 साल की सजा हुई थी। 25 अगस्त 2017 को उसे पंचकूला की अदालत में पेश किया गया था। CBI की विशेष अदालत ने दोषी करार देते हुए उसे रोहतक की सुनारियां जिला जेल भेज दिया था। 27 अगस्त को जेल में ही CBI की अदालत लगाई गई। जहां उसकी सजा तय की गई और तब से ही यही जेल उसका ठिकाना हो गई। हालांकि, तब से राम रहीम कई दफा पैरोल पर बाहर आ चुका है।
गुरुग्राम के अस्पताल में राम रहीम, हनीप्रीत भी आ पहुंची
पत्रकार मामले में भी आया फैसला
जेल के एक अधिकारी ने बताया कि, CBI की अदालत ने 2 महिलाओं से बलात्कार के आरोप में राम रहीम को 20 साल कैद की सजा सुनाई थी, दोनों मामलों में उसे 10-10 साल की सजा सुनाई गई थी। ये सजा उसे एक के बाद एक भुगतनी होगी। जनवरी 2019 में भी, उसे और तीन अन्य लोगों को 16 साल पहले एक पत्रकार की हत्या के लिए आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी। हनीप्रीत को भी उसकी मदद करने एवं हिंसा भड़काने के आरोप में जेल हुई थी।