कोरोना को लेकर दिल्ली HC में याचिका, घर पर आइसोलेट मरीजों को इलाज मुहैया करवाने की मांग
नई दिल्ली, अप्रैल 30: कोरोना महामारी की दूसरी लहर ने राजधानी दिल्ली की स्वास्थ्य व्यवस्था की पोल खोल दी है, जहां अब अस्पतालों में बेड तक नहीं बचे। अगर मरीज किसी तरह से बेड पा भी जा रहे, तो उन्हें ऑक्सीजन और जीवन रक्षक दवाओं की किल्लत का सामना करना पड़ रहा है। अस्पताल फुल होने की वजह से ज्यादातर मरीज घरों में ही आइसोलेट हैं, लेकिन जरूरी सुविधाएं उनको भी नहीं मिल पा रहीं है। ऐसे में शुक्रवार को ये मामला दिल्ली हाईकोर्ट पहुंचा। जिसमें घर पर आइसोलेट मरीजों को इलाज मुहैया करवाने की मांग की गई।
जनहित याचिका में कहा गया कि अस्पतालों में बेड नहीं मिलने पर लोग घरों में ही इलाज करवा रहे हैं, ऐसे में उन्हें स्वास्थ्य सुविधाएं जैसे ऑक्सीजन सिलेंडर, मेडिकल सुझाव, इंजेक्शन, टेटिंग, प्लाज्मा थिरेपी आदि उपलब्ध करवाई जाए। याचिकाकर्ता के मुताबिक लोग अपने मर्जी से घरों पर नहीं हैं, बल्कि अस्पतालों में एडमिशन ना मिलने की वजह से उनको मजबूरन ये कदम उठाना पड़ रहा है। ऐसे में दिल्ली हाईकोर्ट सरकार को आदेश दे कि वो घर पर रह रहे मरीजों का भी पूरा ख्याल रखे।
ऑक्सीजन
सप्लायरों
को
नोटिस
वहीं
एक
दिन
पहले
गुरुवार
को
हाईकोर्ट
ने
दिल्ली
के
सभी
ऑक्सीजन
सप्लायरों
को
नोटिस
जारी
किया।
हाईकोर्ट
ने
दिल्ली
के
सभी
ऑक्सीजन
सप्लायरों
को
कहा
है
कि
वो
अदालत
में
पेश
हों।
साथ
ही
उन्होंने
किस
अस्पताल
को
कितना
ऑक्सीजन
इस
संकट
के
समय
में
दिया
है,
उसकी
भी
पूरी
जानकारी
अदालत
को
दी
जाए।
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SOS
के
मैसेज
हुए
कम
दूसरी
लहर
में
जैसे
ही
मरीजों
की
संख्या
बढ़ी,
वैसे
ही
स्वास्थ्य
व्यवस्था
चरमरा
गई।
जिसमें
सबसे
ज्यादा
ऑक्सीजन
की
किल्लत
हुई।
कुछ
दिनों
पहले
दिल्ली
के
हर
अस्पताल
से
दिन
में
दो-तीन
बार
ऑक्सीजन
के
लिए
आपातकालीन
मैसेज
(SOS)
भेजे
जाते
थे,
लेकिन
अब
केंद्र
ने
राजधानी
का
कोटा
बढ़ा
दिया
है,
ऐसे
में
दो-तीन
दिन
ने
SOS
कम
हो
गए
हैं।
दिल्ली
में
कितने
केस?
कुल
मरीजों
की
संख्या-
11,22,286
मौतें-
15,772
रिकवरी-
10,08,537
एक्टिव
केस-
97,977