दिल्ली के बत्रा अस्पताल में नहीं हुई आक्सीजन सप्लाई, एक डॉक्टर समेत 12 मरीजों की गई जान
नई दिल्ली, मई 1: कोरोना महामारी की भारत में दूसरी लहर में हर दिन लाखों की संख्या में नए पॉजिटिव केस आ रहे हैं। वहीं राजधानी दिल्ली की स्थिति दिन पर दिन और खराब होती जा रही है। अस्पताल में बेड, दवा, आक्सीजन की कमी के कारण हर दिन कई मरीजों की जान जा रही है। ऐसी ही परेशान कर देने वाली खबर दिल्ली के बत्रा अस्पताल से आई है। जहां एक घंटे तक आक्सीजन की सप्लाई न होने से कारण एक साथ कुल 12 कोरोना मरीजों की मौत हो गई, मरने वालों में एक डॉक्टर भी थे।
ये खुलासा बत्रा अस्पताल ने शनिवार को दिल्ली उच्च न्यायालय को बताया। अस्पताल प्रशासन ने बताया वह एक घंटे से अधिक समय तक ऑक्सीजन की आपूर्ति अस्पताल में नहीं हुई जिसके परिणामस्वरूप एक डॉक्टर सहित 12 कोविड-19 रोगियों की मौत हो गई। उच्च न्यायालय को बताया, "हमें समय पर ऑक्सीजन नहीं मिली। हमारे अस्पताल में दोपहर 12 बजे ऑक्सीजन खत्म हो गई थी। हमें दोपहर 1:35 बजे ऑक्सीजन मिली। आक्सीजन देर से मिलने के कारण हम अपने अस्पताल के डॉक्टर समेत 8 मरीजों को नहीं बचा सके। आक्सीजन न मिलने के कारण उन्होंने तड़प-तड़प कर दम तोड़ दिया। वहीं अस्पाल प्रशासन द्वारा दिए गए बाद के अपडेट में बताया कि 8 नहीं 12 मरीजों की समय पर मरीजों को आक्सीजन न मिल पाने के कारण मौत हो गई।
बत्रा अस्पताल के चिकित्सा निदेशक डॉ एससीएल गुप्ता ने कहा, "हमने बिना ऑक्सीजन की आपूर्ति के लगभग एक घंटे तक मरीजों को बचाने की कोशिश की लेकिन 12 मरीजों को नहीं बचा सके। बत्रा अस्पताल ने पहले ही एक सूचना जारी की थी कि, "ऑक्सीजन अगले 10 मिनट तक चलेगा। इस अस्पताल में 326 मरीज हैं।"
बाद में दिल्ली के मंत्री राघव चड्ढा ने कहा, "लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन ले जाने वाला हमारा एसओएस क्रायोजेनिक टैंकर 5 मिनट के भीतर बत्रा पहुंच रहा है। कथित तौर पर ऑक्सीजन की नियमित आपूर्ति 'ऑक्सीजन की आपूर्ति में कमी' के कारण फिर से डिफ़ॉल्ट हो गई है और इसे सुधारा जा रहा है।"बाद में अस्पताल में ऑक्सीजन की आपूर्ति की गई, लेकिन अस्पताल ने कहा कि उस समय तक 12 मरीजों की मौत हो चुकी थी।इस बीच, एनकेएस सुपर स्पेशलिटी अस्पताल ने भी उच्च न्यायालय को बताया कि वो गंभीर रूप से परेशानियों से जूझ रहे हैं।
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हाई कोर्ट ने अस्पतालों से सभी रोगी विवरण प्रस्तुत करने के लिए कहा उच्च न्यायालय ने सभी चिकित्सा अधीक्षकों, मालिकों और सभी दिल्ली अस्पतालों और नर्सिंग होम के निदेशकों को निर्देश दिया है कि वे 1 अप्रैल से भर्ती सभी कोविड -19 रोगियों का पूरा विवरण प्रस्तुत करें।जानकारी में ये भी बताया जाए कि रोगी को कब बेड दिया गया और उसे कब तक डिस्चार्ज किया जा सकेगा। एमिकस राजशेखर राव को अस्पतालों के लिए एक प्रारूप तैयार करने के लिए कहा गया है ताकि वे चार दिनों के भीतर उक्त जानकारी प्रस्तुत कर सकें।