नेशनल मेडिकल कमीशन के इंटर्नशिप मसौदे का IMA ने किया विरोध, पत्र लिखकर कही यह बात
नई दिल्ली, 15 जुलाई: नेशनल मेडिकल कमीशन (NMC) की ओर से एक आदेश तैयार किया गया है, जिसके तहत मेडिकल छात्रों को एक हफ्ते की भारतीय चिकित्सा प्रणाली या आयुष में इंटर्नशिप करनी होगी। जिसका अब इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) ने विरोध जताकर राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग को एक पत्र लिखा है।
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राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग की अनिवार्य रोटेटिंग इंटर्नशिप 2021 के लिए मसौदा विनियमन पर टिप्पणी करते हुए आईएमए ने लिखा कि आधुनिक चिकित्सा में प्रशिक्षित एक इंटर्न के लिए यह समझदारी नहीं है कि वह दवा की एक ऐसी प्रणाली में भाग लें और उसका अभ्यास करें, जिसे उसने ग्रेजुएशन स्तर की पढ़ाई के साथ नहीं सीखा है।
@IMAIndiaOrg sends Observations on draft regulation for compulsory Rotating Internship 2021, placed into the public domain for opinion by National Medical Commission New Delhi. (IMA has written to Chairman @NMC_IND Dr. Suresh Sharma in this regard) pic.twitter.com/a63kpGzBus
— Indian Medical Association (@IMAIndiaOrg) July 15, 2021
एनएमसी को लिखे अपने पत्र में आईएमए ने तर्क देते हुए कहा कि क्या हम एक हफ्ते के लिए इंजीनियरिंग और कृषि विज्ञान को भी जोड़ रहे हैं, क्योंकि यह उसे एक आदर्श इंसान बना देगा? विशेष रूप से चिकित्सा की एक अन्य प्रणाली में एक हफ्ते की एक्सपोजर केवल आधे पके हुए मिक्सोपैथ बनाएंगी, जो जो देश के लिए विनाशकारी साबित हो सकता हैं।
आपको बता दें कि राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग की तरफ से एक मसौदा तैयार किया गया है, जिसके अनुसार मेडिकल छात्रों को जरूरी इंटर्नशिप करनी होगी, जिसमें छात्र आयुष के लिए इंटर्न आयुर्वेद, योग, यूनानी, सिद्धा, होम्योपैथी में से किसी भी एक को एक हफ्ते के लिए चुनकर उसका प्रशिक्षण ले सकते हैं। अनिवार्य रोटेटिंग इंटर्नशिप 2021 के अनुसार छात्रों को ग्रेजुएशन की पढ़ाई पूरी होने के बाद 12 महीने की यह ट्रेनिंग करनी होगी, जिसका अब विरोध किया जा रहा है।