संयुक्त किसान मोर्चे ने कहा- सरकार सभी मांगों को नहीं मान लेती, तब तक चलेगा आंदोलन
नई दिल्ली। संयुक्त किसान मोर्चा समेत किसान संगठनों के विभिन्न नेताओं ने अपना आंदोलन वापस लेने से मना कर दिया है। उनका कहना है कि, पहले सरकार सभी मांगों को माने, तभी विरोध-प्रदर्शन बंद होंगे। दिल्ली में दोपहर की बातचीत के बाद हरियाणा के किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी ने कहा कि, ''किसानों का विरोध तब तक जारी रहेगा, जब तक सरकार हमारी सभी मांगों को स्वीकार नहीं कर लेती...।
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गुरनाम
चढूनी
आगे
बोले,
'आज
अगर
हम
अपना
विरोध
वापस
लेते
हैं
तो
हमारे
लिए
समस्या
होगी,
क्योंकि
शायद
वे
किसानों
से
केस
वापस
न
लें।
इसलिए,
पहले
सरकार
केस
वापस
लेने
की
समय-सीमा
घोषित
करे।
कायदे
से
उन्हें
अभी
समय-सीमा
घोषित
करनी
चाहिए।
उधर,
किसान
नेताओं
द्वारा
संदेह
जताने
पर
सरकार
ने
अपना
एक
नया
प्रस्ताव
भेजा
है।
वहीं,
संयुक्त
किसान
मोर्चा
ने
बुधवार
को
कहा
कि,
विरोध
कर
रहे
किसानों
के
लंबित
मुद्दों
के
समाधान
के
लिए
केंद्र
द्वारा
भेजे
गए
मसौदा
प्रस्ताव
में
"कुछ
खामियां"
थीं।
संयुक्त
किसान
मोर्चा
की
पांच
सदस्यीय
समिति
के
सदस्य
अशोक
धवले
ने
बुधवार
को
कहा
कि,
कल
रात,
हमने
इसे
कुछ
संशोधनों
के
साथ
वापस
भेज
दिया,"
किसान नेताओं की बैठक आज: राकेश टिकैत बोले- आंदोलन आगे कैसे बढ़ेगा हम इस पर बात कर रहे हैं
सूत्रों के अनुसार, सरकार ने संयुक्त किसान मोर्चा की 5 सदस्यीय समिति के फीडबैक को ध्यान में रखते हुए एक नया मसौदा प्रस्ताव भेजा। हालांकि, समिति ने प्रस्ताव पर विचार करने के बाद असंतुष्टता जाहिर की है।
सिंघु
बॉर्डर
पर
3
बजे
संयुक्त
किसान
मोर्चा
की
बैठक
वहीं,
संयुक्त
किसान
मोर्चा
की
दिल्ली
के
सिंघु
बॉर्डर
पर
बैठक
हो
रही
है।
एक
किसान
नेता
ने
बताया
कि,
ऑल
इंडिया
किसान
सभा
के
दफ्तर
में
संयुक्त
किसान
मोर्चा
की
पांच
सदस्यीय
कमेटी
की
बैठक
हो
रही
है।
इसके
बाद
दोपहर
तीन
बजे
सिंघु
बॉर्डर
पर
संयुक्त
किसान
मोर्चा
की
बैठक
में
आगामी
निर्णय
लिया
जाएगा।
कहा
जा
रहा
है
कि,
एमएसपी
कमेटी,
मुकदमे
वापसी
और
मुआवजे
के
प्रस्ताव
में
शर्तों
पर
किसान
आंदोलन
का
मामला
उलझा
हुआ
है।
किसानों
ने
सरकार
से
भेजे
गए
प्रस्ताव
पर
स्पष्टीकरण
मांगा
था।
वहीं,
पता
चला
है
कि
मोर्चा
की
बैठक
से
ठीक
पहले
सरकारी
नुमाइंदों
ने
मोर्चा
कमेटी
से
गुपचुप
बैठक
की
थी।
अब
उम्मीद
है
कि
तीन
बजे
आंदोलन
समाप्ति
का
ऐलान
हो
सकता
है।