VIDEO: कृषि कानून वापस होने पर किसानों का जश्न, बॉर्डर पर बंटी जलेबियां, खुशी से नाचीं महिलाएं
नई दिल्ली। केंद्र सरकार के 3 कृषि कानूनों के विरोध में सालभर से राजधानी दिल्ली से लगी सीमाओं पर आंदोलनरत किसानों को आखिरकार राहत मिल ही गई, जब आज सुबह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने कानूनों को वापस लेने की घोषणा की। सरकार का फैसला पलटने पर किसान अब देशभर में जश्न मना रहे हैं। कहीं धरनास्थलों पर किसान जिंदाबाद के नारे लग रहे हैं तो कहीं मिठाइयां बांटी जा रही हैं। कुछ स्थानों पर किसान महिलाओं के साथ नाच-गान भी कर रहे हैं। दिल्ली के गाजीपुर बॉर्डर से किसानों के जश्न की तस्वीरें आई हैं, आप देख सकते हैं कि प्रदर्शनकारी जलेबियां बांट रहे हैं।
गाजीपुर बॉर्डर पर बंटी जलेबी
किसान आंदोलनकारी गाजीपुर बॉर्डर स्थित धरना-प्रदर्शन स्थल पर तरह-तरह की मिठाइयां बांट रहे हैं। एक समूह ने जलेबियां मंगवाईं और आपस में एंजॉय कीं। इस दौरान महिलाओं ने नारेबाजी की और खुशी से नृत्य करते नजर आईं।
किसान नेता राकेश टिकैत क्या बोले?
किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि, आखिरकार सरकार को अपनी जिद से पीछे हटना पड़ा। राकेश टिकैत ने कहा कि, अभी हमारा आंदोलन नहीं रुकेगा, अभी हम उस दिन का इंतज़ार करेंगे, जब कृषि कानूनों को संसद में रद्द किया जाएगा।
अब सरकार एमएसपी का लाभ दे
किसान नेता ने कहा कि, अब सरकार एमएसपी के साथ-साथ किसानों के दूसरे मुद्दों पर भी बातचीत करे। वहीं, संयुक्त किसान मोर्चा के एक पदाधिकारी बोले कि, हमारी मांग है कि, सरकार किसानों को फसलों पर एमएसपी का लाभ दे। इसके लिए लिखित में वादा किया जाए।
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संयुक्त किसान मोर्चा का बयान
संयुक्त किसान मोर्चा ने तीनों किसान विरोधी कानूनों को निरस्त करने के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के फ़ैसले का स्वागत भी किया। पदाधिकारी ने कहा कि, अब हम संसदीय प्रक्रियाओं के माध्यम से घोषणा के प्रभावी होने की प्रतीक्षा करेंगे। अगर ऐसा होता है तो यह भारत में एक साल के किसान संघर्ष की ऐतिहासिक जीत होगी।
किसान बेहद नाराज थे
वहीं, किसान नेता नरेश टिकैत ने कहा कि, सरकार से किसान बेहद नाराज थे। हमारा किसान आंदोलन इतिहास बन गया, किसानों पर पूरी दुनिया की निगाह टिकी। मुझे लगता है कि, किसानों को लंबा संघर्ष करना होगा..। किसान अपनी सीमा को मजबूत करें।
आंदोलन जल-जंगल और जमीन को बचाने का
एक किसान नेता बोले कि, खुशी है अब तीनों काले कानूनों की वापसी हो गई, लेकिन जब तक एमएसपी पर गारंटी कानून नहीं बनता तब तक आन्दोलन जारी रहेगा। हम ये कह रहे थे कि, बिल वापसी ही घर वापसी है, चूंकि यह आंदोलन जल-जंगल और जमीन को बचाने का आंदोलन रहा।