दिल्ली का वकील रोहित टंडन गिरफ्तार, कोटक महिंद्रा के ब्रांच मैनेजर को नोटबंदी के बाद दिए थे 51 करोड़
नोटबंदी के बाद से लगातार हो रही छापेमारी के चलते काले धन के कई कुबेर सामन आ रहे हैं। इसी कड़ी में दिल्ली के वकील रोहित टंडन को प्रवर्तन निदेशालय ने गिरफ्तार किया।
नई दिल्ली। नोटबंदी के दौरान आयकर विभाग, प्रवर्तन निदेशालय और केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) समेत तमाम एजेंसियों की ओर से लागातार छापा मारा जा रहा है। इस बीच बुधवार को प्रवर्तन निदेशालय की टीम ने बड़ी कार्रवाई करते हुए दिल्ली के केजी मार्ग स्थित कोटक महिंद्रा बैंक के ब्रांच मैनेजर को गिरफ्तार कर लिया था। अब इसी मामले से जुड़े दिल्ली के वकील रोहित टंडन को भी ईडी ने गिरफ्तार कर लिया।
रोहित
की
गिरफ्तारी
बुधवार-बृहस्पतिवार
की
देर
रात
हुई।
रोहित
को
आज
अदालत
में
पेश
किया
जाएगा।
रोहित
पर
मनी
लॉन्ड्रिंग
का
आरोप
है।
बता
दें
कि
बुधवार
को
गिरफ्तार
किए
गए
कोटक
महिंद्रा
बैंक
के
बैंक
मैनेजर
आशीष
कुमार
ने
फर्जी
नाम
से
38
करोड़
रुपए
का
ड्राफ्ट
बनाया।
हालांकि
आयकर
विभाग
ने
इसे
रद्द
कर
दिया।
ईडी
के
सूत्रों
ने
दावा
किया
है
कि
आशीष
को
रोहित
टंडन
ने
51
करोड़
रुपए
दिए
थे।।
बता
दें
कि
6
अक्टूबर
को
आयकर
विभाग
की
छापेमारी
के
बाद
रोहित
ने
125
करोड
रुपये
की
संपत्ति
घोषित
की
थी।
इतना
ही
नहीं
कुछ
दिन
पहले
विभाग
ने
छापा
मार
कर
1
करोड
25
लाख
की
नई
करेंसी
बरामद
की
थी।
जानकारी
के
मुताबिक
रोहित
टंडन
ने
2014
में
दिल्ली
के
पॉश
जोरबाग
इलाके
में
100
करोड़
में
कोठी
खरीदी
थी।
इस
बीच
ईडी
की
दिल्ली
और
कोलकाता
की
टीम
ने
पारसमल
लोढ़ा
के
अलीपोर
में
इलाहाबाद
बैंक
के
लॉकर
को
खंगाला।
लोढ़ा
को
कुछ
दिन
पहले
ही
25
करोड़
रुपये
के
पुराने
नोटों
को
नए
नोटों
से
बदलने
के
आरोप
में
गिरफ्तार
किया
गया
था।
वहीं
बीते
इसी
महीने
चेन्नई
में
शेखर
रेड्डी
के
घर
पर
छापेमारी
की
कार्रवाई
में
नई
और
पुरानी
करेंसी
में
170
करोड़
की
नकदी
और
130
किलोग्राम
सोना
जब्त
किया
था।
रोहित,
शेखर
और
पारसमल
के
व्यापारिक
संबंध
हैं।
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पारसमल
लोढ़ा
के
बैंक
लॉकर
में
ईडी
की
छापेमारी,
सियासी
कनेक्शन
भी
सामने
आया