'वो न होती तो आज हम जिंदा न होते...', पढ़ें 20 लोगों की जान बचाने वाली बहादुर महिला की कहानी
नई दिल्लीः दिल्ली के सुल्तानपुरी इलाके में एक फैक्ट्री में सोमवार को आग लग गई, जिसमें चार लोगों की मौत हो गई, वहीं कई लोग फैक्ट्री के अंदर फंस गए। फैक्ट्री के अंदर फंसे 20 लोगों को 58 साल की एक महिला ने अपनी जान पर खेलकर बचा लिया। इस बहादुर महिला का नाम ज्योति वर्मा है, जो सुल्तानपुरी में रहती हैं।
आग में फंसे लोगों के लिए आगे आई 58 साल की महिला
सोमवार की शाम करीब छह बजे फैक्ट्री में आग लग गई। जब आग लगी तो महिला अपने घर में थी। 58 साल की ज्योति वर्मा अपने घर में खाना खा रही थी, तभी उन्हें आवाज सुनाई दी। फैक्ट्री में फंसे लोग मदद के लिए चिल्ला रहे थे। लोगों की मदद के लिए महिला ने खिड़की से साड़ी दी । लेकिन आग में फंसे लोग इसका इस्तेमाल करने में घबरा रहे थे। जिसके बाद महिला खुद छत्त पर गई।
लोगों ने ज्योति और धर्मेंद्र को कहा शुक्रिया
इसी दौरान ज्योति की मदद के लिए धर्मेंद्र नाम का पड़ोसी भी आ गया। दोनों ने मिलकर योजना बनाई और फैक्ट्री में फंसे मजदूरों को सीढ़ी दी गई, जिसकी मदद से करीब 20 लोगों की जान बची। ज्योति ने बताया कि कई लोग आग के कारण इमारते से कूदने की सोच रहे थे तभी उन्होंने ऐसा करने से मना किया। इस पूरी घटना के बाद फैक्ट्री में काम करने वाले 21 साल के मजदूर मोहम्मद अली ने कहा कि ज्योति और धर्मेंद्र हमारे लिए भगवान हैं दोनों ने हमारे जान बचाई है। हमारे पास उनके लिए शब्द नहीं है।
पड़ोसियों ने लगाया कारखाने मालिक पर आरोप
बचाए गए एक कर्मचारियों ने बताया कि हर रात मालिक कारखाने से चोरी रोकने के लिए मुख्य द्वार को बंद कर देता है। इस वजह से वो बाहर नहीं निकल पाए। जब फैक्ट्री में आग लगने के बारे में बताया गया तो उसने तुंरत आकर ताला खोला। लेकिन उससे पहले ही फैक्ट्री में चार मजदूरों की मौत हो गई और 20 को बचा लिया गया। पड़ोसियों का कहना है कि ये कारखाने में पिछले 10 सालों से अवैध रूप से काम चल रहा है।
दिल्ली: सुल्तानपुरी में फैक्ट्री में आग लगने से 4 लोगों की मौत