कोर्ट की फटकार के बाद दिल्ली पुलिस ने न्यूज चैनल के संपादक के खिलाफ दर्ज किया केस
नई दिल्ली, 08 मई। दिल्ली में आयोजित धर्म संसद में नफरती भाषण को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली पुलिस को फटकार लगाई थी, जिसके बाद आखिरकार पुलिस ने इस धर्म संसद के आयोजकों और नफरती भाषण देने वालों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है। पुलिस ने अब इस पूरे मामले में नया एफिडेविट दायर किया है और कोर्ट को इस बात की जानकारी दी है कि हेट स्पीच देने वालों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया गया है। दरअसल दिल्ली में हिंदू युवा वाहिनी की ओर से आयोजित कार्यक्रम में किसी भी कीमत पर हिंदू राष्ट्र की बात कही गई थी, जिसके बाद दिल्ली पुलिस ने इस मामले में केस दर्ज कर लिया है।
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रिपोर्ट के अनुसार इस कार्यक्रम में सुदर्शन न्यूज टीवी चैनल के एडिटर इन चीफ सुरेश चव्हाण के ने लोगों से अपील की थी कि वह शपथ लें और कहे हिंदू राष्ट्र के लिए लड़ेंगे, मरेंगे और जरूरत पड़ी तो मारेंगे। इस कार्यक्रम का आयोजन 19 दिसंबर 2021 में हुआ था, जिसे हिंदू युवा वाहिनी ने आयोजित किया था। पुलिस ने कोर्ट में जो ताया एफिडेविट दायर की है उसके अनुसार मामले की जांच के बाद एफआईआर दर्ज कर ली गई है, साथ ही इस पूरे मामले में जो भाषण दिया गया उसके वीडियो की हम जांच कर रहे हैं।
पुलिस ने बताया कि कार्यक्रम के वीडियो आदि की जांच के बाद 4 मई को ओखला इंडस्ट्रियल एरिया पुलिस स्टेशन में धारा 153ए, 295ए, 298, 34 के तहत केस दर्ज किया गया है। सभी चार्ज धार्मिक नफरत फैलाने के हैं। इससे पहले पुलिस ने कोर्ट में जो एफिडेविट दायर की थी उसमे कहा गया था कि किसी भी धर्म विशेष के खिलाफ कोई नफरती भाषण नहीं दिया गया है। पुलिस ने कहा था कि कार्यक्रम में किसी भी गलत शब्द का इस्तेमाल नहीं किया गया था, जिसे मुसलमानों के नरसंहार से जोड़ा जा सके।
दिल्ली पुलिस ने कोर्ट में कहा था कार्यक्रम के दौरान दिए गए भाषण के वीडियो की जांच की गई, जिसमे पाया गया कि कार्यक्रम में किसी धर्म विशेष के लोगों के नरसंहार को लेकर कोई बयान नहीं दिया गया। 22 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में फटकार लगाई थी और पुलिस से कहा था कि वह दोबारा इस मामले में एफिडेविट दायर करे। सुप्रीम कोर्ट इस पूरे मामले में दायर की गई याचिका पर सुनवाई कर रहीहै। बता दें कि 17 दिसंबर से 19 दिसंबर के बीच हिंदू युवा वाहिनी ने दिल्ली और हरिद्वार में दो कार्यक्रम का आयोजन किया, जिसमे मुसलमानों के खिलाफ हिंसा की बात कही गई।