Delhi Mayor Polls: सुप्रीम कोर्ट पहुंची AAP, दायर की याचिका
दिल्ली मेयर चुनाव को लेकर आम आदमी पार्टी सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई है। पार्टी की तरफ से दो याचिकाएं दायर की गईं हैं।
दिल्ली मेयर चुनाव को लेकर घमासान खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है। इसी बीच आम आदमी पार्टी मेयर चुनाव को लेकर सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई है। पार्टी की तरफ से दो याचिकाएं दायर की गई है। आम आदमी पार्टी (आप) की दिल्ली मेयर पद की उम्मीदवार शैली ओबेरॉय ने गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट जाकर मांग की कि नगर निकाय के शीर्ष पद के चुनाव "समयबद्ध तरीके से" कराए जाएं। पार्टी ने यह भी तर्क दिया है कि 10 मनोनीत पार्षदों को मतदान की अनुमति नहीं देने के लिए कानून का पालन किया जाना चाहिए। आपको बता दें कि दिल्ली में मेयर पद के लिए चुनाव शुक्रवार को संभावित है।
आप की तरफ से दिल्ली के नव-निर्वाचित नगर निगम (MCD) की बैठक में हंगामे के बीच इस महीने दूसरी बार मेयर का चुनाव ठप होने के दो दिन बाद यह कदम उठाया गया है। पिछले महीने एमसीडी चुनावों में बहुमत हासिल करने वाली आप ने स्टैंड-इन पीठासीन अधिकारी एक भाजपा पार्षद की तरफ से पक्षपात का आरोप लगाया है। पार्टी ने कहा कि भाजपा मेयर के चुनावों में "अवैध साधनों" का उपयोग करना चाहती है। भाजपा की तरफ से उपराज्यपाल के ताकतों का भी दुर्व्यपयोग करने का आरोप पार्टी की तरफ से लगाया गया है।
वहीं, 15 साल बाद एमसीडी से बाहर हुई भाजपा का दावा है कि आप "डर गई" है, क्योंकि उसके पार्षद उसके उम्मीदवार को वोट नहीं दे सकते हैं। मंगलवार को स्थगन के बाद - भाजपा पार्षदों ने आप पर महापौर चुनाव से "भागने" का आरोप लगाते हुए तख्तियों के साथ विरोध प्रदर्शन किया।
इधर आप के पार्षदों ने भाजपा पर ताकत का दुर्व्यपयोग करने का आरोप लगाया। आप के सदस्य स्थगन के बाद भी बैठे रहे। इससे पहले छह जनवरी को नए सदन की पहली बैठक भी स्थगित कर दी गई थी जब आप और भाजपा दोनों सदस्यों ने इसका विरोध किया था। उस दिन आप के विरोध के बीच नामित पार्षदों ('एल्डरमेन') को निर्वाचित सदस्यों के सामने सदस्यता की शपथ दिलाई गई थी।
दिसंबर में हुए एमसीडी चुनावों में आप ने 250 वार्डों में से 134 पर जीत हासिल की थी और भाजपा को 104 सीटें मिली थीं। आप के मेयर पद के उम्मीदवार शैली ओबेरॉय और पार्टी नेता मुकेश गोयल द्वारा सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका में दो मुख्य बिंदु हैं। पहला यहा कि नए सेटअप को समयबद्ध तरीके से चुना जाना चाहिए। वहीं, दूसरा यह है कि एल्डरमेन को वोट देने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए क्योंकि "कानून इसकी अनुमति नहीं देता है"।
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