दिल्ली के एलजी ने केजरीवाल की कार्यप्रणाली पर उठाए सवाल, पत्र लिखकर कही ये बड़ी बात
नई दिल्ली, 23 अगस्त: दिल्ली के उपराज्यपाल वी के सक्सेना ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को पत्र लिखकर कहा है कि, सीएमओ द्वारा उनके हस्ताक्षर के बिना फाइलें उनकी राय और अनुमोदन के लिए भेजी जा रही हैं। एलजी ने स्पष्ट कहा है कि प्रस्तावों पर अधिकारी के नहीं सीएम के साइन जरूरी हैं। पत्र के बाद एक बार फिर से अरविंद केजरीवाल और दिल्ली के उपराज्यपाल के बीच चल रही खींचतान सामने आ गई है।
बताया जा रहा है कि, मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के हस्ताक्षर किए बिना एलजी के विचार, राय और अनुमोदन के लिए फाइलें सीएमओ द्वारा भेजी जा रही थीं। उपराज्यपाल ने अपने पत्र में उल्लेख किया है कि केजरीवाल का कार्यालय अधिकारियों द्वारा हस्ताक्षरित प्रस्तावों को इस टिप्पणी के साथ भेज रहा है कि उन्हें मुख्यमंत्री द्वारा "देखा और अनुमोदित" किया गया है। इस तरह के प्रपोजल में अर्जेंसी का भी जिक्र नहीं होता...यह सुनिश्चित किया जाए कि प्रपोजल पर आपके हस्ताक्षर हों।
पत्र में एलजी ने लिखा कि, हाल के महीनों में नियमित रूप से आपके कार्यालय द्वारा मेरे अनुमोदन के लिए या मेरी राय के लिए कई प्रस्ताव आए हैं। यह प्रस्ताव सचिव या अतिरिक्त सचिव द्वारा भेजे गए हैं। इस संबंध में आपका ध्यान कार्यालय प्रक्रिया नियमावली 2022 के पैरा 7.1 I (iv) की ओर आकर्षित किया जाता है। इसमें प्रावधान है कि अत्यावश्यक मामलों में जब सीएम दौरे पर हों या बीमार हों तो इस दौरान उनकी स्वीकृति टेलीफोन पर लिए जाने के लिए उनके निजी सचिव द्वारा लिखित में सूचित किया जाएगा। इसके साथ ही ऐसे मामलों में कार्यलाय लौटने पर फाइल की पुष्टि प्राप्त की जाएगी।
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एलजी ने लिखा कि उपरोक्त के मद्देनजर, आपके अधिकारियों के हस्ताक्षर के तहत नियमित आधार पर फाइलें जमा करने की वर्तमान प्रथा को हतोत्साहित / टालने की आवश्यकता है, क्योंकि आपके हस्ताक्षर के बिना यह स्पष्ट नहीं होता है कि प्रस्ताव आपके द्वारा देखा गया है और आपके द्वारा स्वीकृत है या नहीं। इसलिए प्रभावी शासन के हित में यह सुनिश्चित किया जाए कि आपके कार्यालय द्वारा मेरी राय या अनुमोदन के लिए भेजे गए प्रस्ताव पर आपके विधिवत हस्ताक्षरित हों। मैं यह भी सुझाव देना चाहूंगा कि आपका कार्यालय जल्द से जल्द ई-ऑफिस प्रणाली शुरू करने पर विचार करे ताकि फाइलों की निर्बाध आवाजाही को सक्षम बनाया जा सके।