दिल्ली की स्वास्थ्य व्यवस्था पर हाईकोर्ट नाराज, कहा- एक पोर्टल पर रखें जीवनरक्षक दवाइयों का ब्योरा
नई दिल्ली, मई 6: पूरा देश कोरोना महामारी की दूसरी लहर से परेशान है। एक्टिव केस इतने ज्यादा बढ़ गए हैं कि स्वास्थ्य व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गई है। पिछले एक महीने से राजधानी दिल्ली का भी हाल बहुत ज्यादा बुरा है, जिस वजह से कुछ लोगों ने हाईकोर्ट में इससे सबंधित याचिका दायर की थी, जिस पर गुरुवार को सुनवाई हुई। कोर्ट ने कोविड के बढ़ते मामलों के अलावा ऑक्सीजन, जीवन रक्षक दवाइयों और वेटिंलेटर की भी जानकारी सरकार से ली।
सुनवाई के दौरान दिल्ली हाईकोर्ट ने रेमेडिसविर के पोर्टल के बारे में जानना चाहा, इस पर प्रोफेसर संजय धीर ने बताया कि NIC स्वास्थ्य मंत्रालय के निर्देशों का इंतजार कर रहा है, जिसमें सभी दवाओं को पोर्टल पर जोड़ा जाना है। इस पर कोर्ट ने कहा कि टोसिलिजुमैब (Tocilizumab) दवा के बारे में जानकारी पारदर्शिता के साथ पोर्टल पर उपलब्ध कराई जानी चाहिए। ये सरकार और सिस्टम की विफलता है, जो ये अभी तक लागू नहीं हुआ।
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वहीं एक वकील ने कोर्ट को सूचित किया कि उन्होंने एक आरटीआई के जरिए जानकारी निकलवाई है, जिसमें पता चला कि दिल्ली सरकार ने पिछले 6 महीनों में वेंटिलेटर की खरीद नहीं की। इस पर हाईकोर्ट ने कहा कि अनुच्छेद 21 जीवन के अधिकार की गारंटी देता है। कोरोना वायरस काफी घातक है, जो फेफड़ों को नुकसान पहुंचा रहा है। इसके अलावा निमोनिया का कारण बन रहा। ऐसे ज्यादातर मामलों में मरीज को आईसीयू या फिर वेंटिलेटर की जरूरत पड़ती है। सरकार को इसके लिए पूरे इंतजाम करने चाहिए।