सेक्सुअल हरासमेंट केस का आरोपी करेगा अस्पताल में मरीजों की सेवा, दिल्ली हाईकोर्ट ने दी अनोखी सजा
दिल्ली। राजधानी के हाईकोर्ट में जज ने लड़की का पीछा करने और सेक्सुअल हरासमेट केस के आरोपी को अनोखी सजा सुनाई है। आरोपी का पीड़िता का साथ समझौता हो गया जिसके बाद उसने हाईकोर्ट में केस को खारिज करने की याचिका डाली थी। हाईकोर्ट में इस पर सुनवाई हुई और जज ने आरोपी पर से केस को हटाते हुए उसको लोकनायक जय प्रकाश अस्पताल में एक महीने तक सेवा देने को कहा है। इसके साथ ही हाईकोर्ट ने शख्स पर 35 हजार रु का जुर्माना भी लगाया है।
अदालत ने फैसले में लगाई यह शर्त
जस्टिस सुब्रमनियम प्रसाद ने लोकनायक जय प्रकाश नारायण अस्पताल के मेडिकल सुपरिंटेंडेट को भी आदेश दिया है कि जब याचिकाकर्ता यश कुमार चौहान एक महीने की अवधि पूरा कर ले तो इसका प्रमाण पत्र हाईकोर्ट के सामने पेश करें। अगर याचिकाकर्ता ड्यूटी से अनुपस्थित रहता है या कोई दुर्व्यवहार करता है तो इसको हाईकोर्ट के नोटिस में लाया जाय ताकि आज जो फैसला दिया गया है उसको वापस लेने की कार्यवाही हो सके। याचिकाकर्ता यश कुमार चौहान हाईकोर्ट के आदेश पर 15 अक्टूबर से अस्पताल में सेवा देगा। उसे कोर्ट ने दी हुई तारीख पर मेडिकल सुपरिंटेंडेट के सामने उपस्थिति दर्ज कराने को कहा है।
प्रीत विहार थाने में दर्ज हुआ था केस
याचिकाकर्ता यश कुमार चौहान के खिलाफ जून 2021 में प्रीत विहार थाने में भारतीय दंड संहिता की धारा 354, 354ए, 35डी, 506 के तहत केस दर्ज किया गया था। यश कुमार चौहान पर यह आरोप था कि उसने लंबे समय तक एक लड़की का पीछा किया और शादी से इनकार करने पर चेहरे को तेजाब से जलाने की धमकी दी। पुलिस को दी हुई शिकायत में यह भी आरोप लगाया गया था कि आरोपी ने पीड़िता पर हमला किया और उसके साथ बदसलूकी की जिस आधार पर मामला दर्ज किया गया।
आरोपी और पीड़िता के बीच हुआ समझौता
केस दर्ज होने के कुछ समय बाद ही आरोपी और शिकायतकर्ता पीड़िता के बीच समझौता हो गया। इसके बाद आरोपी यश कुमार चौहान ने केस को रफा-दफा करने के लिए हाईकोर्ट में याचिका डाली जिसमें उसने कहा कि पीड़िता से माफी मांग ली है और भविष्य में वह कभी भी उसको परेशान नहीं करेगा। याचिका पर सुनवाई करने के बाद जस्टिस सुब्रमनियम प्रसाद ने केस को रफा-दफा कर दिया और फैसले में कहा कि याचिकाकर्ता की उम्र और उसके आगे के जीवन को देखते हुए, साथ ही उसने शिकायतकर्ता महिला से माफी मांगी है और भविष्य में वैसी घटना न दोहराने की बात कही है, इसलिए दोनों पक्षों के बीच हुए समझौते पर गौर करते हुए अदालत इस नतीजे पर पहुंची है कि इस कार्यवाही को और आगे बढ़ाने का कोई औचित्य नहीं है।
फिर कोर्ट ने दिया अनोखा फैसला
जस्टिस प्रसाद ने कहा कि अदालत यह निर्देश देती है कि यश कुमार चौहान कुछ समाज सेवा करें और पाप का प्रायश्चित करें। अदालत ने यश कुमार चौहान को 15 अक्टूबर को लोकनायक जय प्रकाश नारायण अस्पताल के मेडिकल सुपरिंटेंडेंट को रिपोर्ट करने को कहा। जस्टिस प्रसाद ने फैसले में यश कुमार चौहान पर 35 हजार रुपया जुर्माना भी लगाया है। यह पैसा सैनिक कल्याण कोष (Army Welfare Fund Battle Casualties) में दिया जाएगा।
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