दिल्ली: कोरोना के मरीज और रिश्तेदार 'मजबूर', ना बेड-ना ऑक्सीजन, आखिर कैसे हो इलाज?
नई दिल्ली, अप्रैल 24। देश के अंदर कोरोना संक्रमित मरीजों के लिए स्थिति बहुत भयावह हो चुकी है। राजधानी दिल्ली से लेकर यूपी तक संक्रमित मरीजों को ऑक्सीजन के लिए भटकना पड़ रहा है, लेकिन आखिर में लोगों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ रहा है। द इंडियन एक्सप्रेस ने ऐसे ही कुछ मरीजों के परिजनों की दास्तां को कवर किया है। रिपोर्ट के मुताबिक, कॉलेज प्रोफेसर सलमा खान (71) कोरोना संक्रमित होने के बाद दिल्ली से लेकर यूपी के मुरादाबाद तक ऑक्सीजन के लिए भटकी हैं। संक्रमित होने के बाद सलमा के परिवार ने दिल्ली में ICU बेड खोजना शुरू किया था। तीन दिन के अंदर सलमा के परिवार ने 300 से अधिक कॉल किए और कुल 25 अस्पतालों का दौरा किया है, लेकिन दिल्ली में जब कोई व्यवस्था नहीं हुई तो शुक्रवार को उन्हें स्थानीय अस्पताल से 170 किलोमीटर दूर मुरादाबाद ले जाया गया।
Recommended Video
सलमा के एक रिश्तेदार फरहान ने बताया कि मुरादाबाद में सलमा को कुछ घंटों के लिए ऑक्सीजन दी गई थी, लेकिन डॉक्टरों ने बताया कि वो काफी सीरियस हैं, उन्हें यहां से डिस्चार्ज करा लो। फरहान ने आगे बताया कि हम सभी सुबह से कैश भुगतान किए जा रहे हैं और अब हमारे पास से पैसे भी खत्म हो चुके हैं, हम बस चाहते हैं कि वो जीवित रहें। ऐसे कई मरीजों ने इंडियन एक्सप्रेस को अपनी आपबीती बताई है। मरीजों के परिजनों का कहना है कि इस वक्त ICU में बेड मिल पाना बहुत ही असंभव है, वहीं ऑक्सीजन मिल पाना तो बहुत बड़ी चुनौती साबित हो रहा है।
दिल्ली के एक और निवासी दिनेश सेठी की 73 वर्षीय माताजी लालवती कुछ दिन पहले कोरोना पॉजिटिव हुई थी। दिनेश सेठी लगातार अपनी माताजी के लिए दिल्ली में बेड खोजने में लगे हैं, लेकिन दिल्ली में बेड नहीं मिल रहे हैं। ऑक्सीजन बेड के लिए उन्होंने गाजियाबाद, हरियाणा और पंजाब के अस्पतालों में कॉल किया, लेकिन उन्होंने यही कहा कि आप दिल्ली में ही इंतजार कीजिए।
दिल्ली की एक और महिला सुरुचि अग्रवाल अपनी 78 साल की दादी के लिए अस्पतालों में ऑक्सीजन बेड के लिए संघर्ष कर रही हैं। सुरूचि ने बताया कि कुछ दिन पहले वो छतरपुर एक्सटेंशन स्थित अपने घर के बाथरूम में गिर गई थीं। इसके बाद परिजनों ने उनका कोरोना टेस्ट कराया जो पॉजिटिव निकला। इसके बाद से हम ऑक्सीजन सिलेंडर के लिए इधर से उधर भटक रहे हैं, जितने भी सोर्स हमारे हैं, हमने सभी लगा कर देख लिए हैं, लेकिन अब तक कुछ भी नहीं हुआ है।
ये भी पढ़ें: जयपुर गोल्डन अस्पताल में बीती रात ऑक्सीजन की कमी से 20 की मौत, 200 जिंदगियां खतरे में