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40 साल बाद विवाह के पंजीकरण के लिए दंपति को जाना पड़ा कोर्ट, दिलचस्प है मामला

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नई दिल्ली, 11 नवंबर: शादी के 40 साल बाद एक खुशहाल दंपति को अपनी शादी को कानूनी मान्यता दिलाने के लिए अदालत के चक्कर काटने पड़ रहे हैं। वजह ये है कि एक सॉफ्टवेयर की वजह से उनके विवाह का पंजीकरण नहीं हो पा रहा है, क्योंकि जब उनका विवाह हुआ था, उस वक्त पति-पत्नी दोनों की उम्र शादी के लिए निर्धारित आयु से कम थी। दिल्ली हाई कोर्ट ने इस मामले में दिल्ली सरकार को नोटिस जारी करके जवाब मांगा है। दंपति की इस शादी से चार बच्चे भी हैं, लेकिन उनके लिए इस उम्र में अपने विवाह का पंजीकरण करवाना भारी पड़ रहा है। दंपति की ओर से अपनी याचिका में वह रास्ता भी बताया गया है कि कैसे उनकी शादी पर वैद्यानिक मुहर लग सकती है। इस मामले में अगली सुनवाई की तारीख 23 दिसंबर को तय की गई है।

विवाह के 40 साल बाद पंजीकरण में पंगा

विवाह के 40 साल बाद पंजीकरण में पंगा

दिल्ली हाई कोर्ट में शादी के 40 साल बाद एक दंपति ने याचिका डाली है कि उनके विवाह का पंजीकरण खास सॉफ्टवेयर सिस्टम की वजह से नहीं हो पा रहा है। इस याचिका पर सुनवाई करते हुए दिल्ली हाई कोर्ट की जज जस्टिस रेखा पल्ली ने राज्य सरकार और अन्यों को याचिका पर जवाब दाखिल करने को कहा है और अगली सुनवाई की तारीख 23 दिसंबर तय कर दी है। दंपति ने अपने वकील जेएस मान के जरिए अपनी शादी को पंजीकृत कराने की गुहार लगाई है। याचिकाकर्ता ने कहा है कि उन्होंने अपने विवाह से संबंधित सभी जरूरी दस्तावेजों के साथ प्रतिवादी के पास आवेदन दिया है, लेकिन तकनीकी खामी की वजह से उनका आवेदन स्वीकार नहीं हो पा रहा है।

याचिककर्ता ने बताया पंजीकरण का रास्ता

याचिककर्ता ने बताया पंजीकरण का रास्ता

याचिका में कहा गया है कि विवाह पंजीकरण के लिए इस्तेमाल होने वाले सॉफ्टवेयर से उनके विवाह का पंजीकरण आवेदन इसलिए स्वीकार नहीं हो रहा है, क्योंकि विवाह के वक्त पति की उम्र 21 साल से कम और पत्नी की 18 साल से कम थी। उनकी शादी 28 मई, 1981 को ही परंपरागत तरीके से हुई थी। याचिकाकर्ता की ओर से अदालत से गुहार लगाई गई है कि प्रतिवादी को निर्देश दिया जाए कि उनके विवाह को स्पेशल मैरेज ऐक्ट, 1954 की पांचवींअनुसूची के मुताबिक पंजीकृत किया जाए और उन्हें यह भी निर्देश दिया जाए कि इसके लिए शादी से 30 दिन पहले नोटिस देने की आवश्यकता को भी समाप्त कर दें। याचिकाकर्ताओं की ओर से दलील दी गई है कि इन प्रवाधानों के तहत वह सारी शर्तें पूरी करते हैं।

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हिंदू रिवाज से हुई थी शादी

हिंदू रिवाज से हुई थी शादी

दंपति की ओर से याचिका में कहा गया है कि स्पेशल मैरेज ऐक्ट, 1954 की धारा 15 के मुताबिक पंजीकरण के समय उन्होंने 21 वर्ष की आयु पूरी कर ली है और यह विवाह हिंदू वैदिक ऋतियों और समारोहपूर्वक 28 मई, 1981 को संपन्न हुआ था। याचिका के अनुसार, 'विवाह के बाद से याचिकाकर्ता क्रमश: पत्नी और पति के तौर पारिवारिक जीवन जी रहे हैं और इस विवाह से उनके चार बच्चे भी हैं।' बहरहाल, दिसंबर में अगली तारीख पर ही यह पता चलने की उम्मीद है कि अदालत इस समस्या का क्या हल निकालती है ?

English summary
A petition has been filed in the Delhi HC for not getting the marriage registered after 40 years, which is getting stuck due to software.the age of husband and wife at the time of marriage was less
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