संघर्षविराम के बावजूद LAC के रास्ते भारत में घुसने की तैयारी कर रहे 140 आतंकी- सेना
भारत और पाकिस्तान के बीच फरवरी में हुई युद्धविराम की सहमति के बावजूद लगभग 140 आतंकी जम्मू और कश्मीर में घुसपैठ करने के लिए नियंत्रण रेखा (एलएसी) के पार बने लॉन्च पैड पर इंतजार कर रहे हैं।
नई दिल्ली, 5 अगस्त। भारत और पाकिस्तान के बीच फरवरी में हुई युद्धविराम की सहमति के बावजूद लगभग 140 आतंकी जम्मू और कश्मीर में घुसपैठ करने के लिए नियंत्रण रेखा (एलएसी) के पार बने लॉन्च पैड पर इंतजार कर रहे हैं। सेना के एक अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर कहा कि संघर्ष विराम समझौता पाकिस्तान के लिए ज्यादा महत्वपूर्ण था क्योंकि वह एफएटीएफ की 'ग्रे सूची' से बाहर आने की सख्त कोशिश कर रहा है। उन्होंने कहा कि इस्लामाबाद को इस समझौते के प्रति ईमानदार तब समझा जाता यदि उन्होंने सीमा पार बने आतंकी ढांचे को खत्म कर दिया होता।
अधिकारी ने आगे कहा कि भारतीय सेना लगातार एलओसी के पार बने लॉन्च पैड्स पर 140 आतंकवादियों की उपस्थिति पर नजर रखे हुए है, ये आतंकी जम्मू-कश्मीर में दाखिल होने की पूरी कोशिश कर रहे हैं, लेकिन सेना की मुस्तैदी ने उनकी घुसपैठ को नाकाम बना रखा है। अधिकारी ने कहा कि उन्होंने अतीत में भी घुसपैठ की कोशिश की, लेकिन सेना ने उनके नापाक मंसूबों को नाकाम कर दिया। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान संघर्ष विराम का उपयोग नियंत्रण रेखा के साथ अपने बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के लिए कर रहा है, जो पिछले साल सीमा पार से गोलाबारी में क्षतिग्रस्त हो गया था। केंद्र द्वारा जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म करने के बाद की स्थिति पर बताते हुए उन्होंने कहा कि, उसके बाद से विदेशी आतंकवादी अचानक घटनास्थल से गायब हो गए हैं और खुद को घनी आबादी वाले क्षेत्रों में या पहाड़ी गुफाओं में छिपा लिया है।
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स्थानीय लोगों के आतंकी संगठन में शामिल होने के प्रश्न पर उन्होंने कहा कि ऐसे लोगों को सख्त संदेश दे दिया गया है कि जो भी देश के खिलाफ गद्दारी करेगा उसको किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा। उन्होंने कहा कि सेना लगातार ऐसे परिवारों के संपर्क में है जिनके बच्चों का ब्रेनवॉश किए जाने की संभावना है। इस पहल के सकारात्मक परिणाम भी देखने को मिल रहे हैं। बता दें कि 25 फरवरी 2021 को भारत और पाकिस्तान के बीच नियंत्रण रेखा पर युद्ध विराम का समझौता हुआ था।