कई किलोमीटर तक उलटी दौड़ी जनशताब्दी एक्सप्रेस, Video देखकर अटक जाएंगी आपकी भी सांसें
देहरादून। पूर्णागिरी-जनशताब्दी एक्सप्रेस में बुधवार (17 मार्च) को बड़ा हादसा होते-होते टल गया। दरअसल, दिल्ली से यात्रियों को लेकर पूर्णागिरी-जनशताब्दी एक्सप्रेस टनकपुर पहुंची। लेकिन कुछ तकनीकी खामियों के कारण ट्रेन अचानक से पटरी पर उल्टी दौड़ने लगी। ट्रेन के अचानक से उल्टा दौड़ने पर यात्रियों में हड़कंप मच गया। वहीं, घटना के बारे में पता चलते ही रेलवे विभाग के अधिकारियों के होश उड़ गए। आनन फानन में खटीमा चकरपुर के बीच अमांऊ में रेलवे ट्रैक पर पत्थर डालकर किसी तरह कर्मचारी ट्रेन रोकने में सफल रहे। वहीं, इस मामले में अब लोको पायलट, सहायक लोको पायलट और गार्ड को सस्पेंड कर दिया गया है।

पूर्णागिरी-जनशताब्दी एक्सप्रेस 17 मार्च को दिल्ली से टनकपुर के लिए चली थी। इस एक्सप्रेस ट्रेन में 10 बोगियां हैं, जिसमें दो ऐसी और आठ जनरल। ट्रेन में करीब 50 से 60 सवारियां बैठी थी। बताया जा रहा है कि टनकपुर स्टेशन से एक किमी पहले होम सिग्नल के पास गाय के ट्रेन की चपेट में आने के बाद ट्रेन रुकी। इसके बाद ट्रेन को आगे बढ़ाने के वैक्यून खींचा गया तो अचानक से ट्रेन पीछे की ओर दौड़ने लगी। ट्रेन में सवार सभी यात्री भी पीछे को जा रही ट्रेन को देखकर दंग रह गए। ट्रेन को बमुश्किल खटीमा में गेट संख्या 35 पर रोका जा सका।
#WATCH | Purnagiri Jansatabdi train runs backwards due to cattle run over b/w Khatima-Tanakpur section in Uttarakhand. Incident happened earlier today.
There was no derailment & passengers were transported to Tanakpur safely. Loco Pilot & Guard suspended: North Eastern Railway pic.twitter.com/808nBxgxsa
— ANI (@ANI) March 17, 2021
सीपीआरओ पंकज सिंह ने बताया कि तत्काल मामले की जांच शुरू कर दी गई। लोको पायलट, सहायक लोको पायलट और गार्ड पर को सस्पेंड किया गया है। बताया कि ट्रेन में घटना के वक्त सवार सभी यात्री सुरक्षित हैं और उन्हें सड़क मार्ग से गंतव्य को भेज दिया गया। घटना की जांच के लिए जेए ग्रेड के तीन अधिकारियोंकी कमेटी गठित की गई है।
ट्रैक पर छोटे-छोटे पत्थर डालकर रोकी ट्रेन
टनकपुर रेलवे स्टेशन के अधीक्षक डीएस दरियाल ने बताया कि ट्रेन रिवर्स होने की सूचना मिलते ही रेल कर्मियों को अलर्ट कर दिया गया था। ब्रेक फेल हो चुके थे। लिहाजा ट्रेक अवरुद्ध करके ही ट्रेन रोकना एकमात्र विकल्प रह गया था। बताया कि इसी के चलते रेलवे कर्मियों ने इस ट्रेक पर जगह-जगह छोटे-छोटे पत्थर बिछा दिए थे। इससे ट्रेन की रफ्तार धीरे-धीरे कम हो गई। रफ्तार कम होने पर ही ट्रेन रुक पाई।