मोदी जी धीरे बोलिए, ऐसे-ऐसे चाल-चलन के लोग पार्टी में आए हैं कि चेहरा बिल्कुल बदल गया
एनडी तिवारी भाजपा कार्यालय में आए तो जिसे देखिए खुसर-फुसर करता दिखा। यहां तक कि पीएम मोदी भी अमित शाह से ऐसा सवाल पूछ बैठे कि वो पिनक गए।
नई दिल्ली। चुनावों की घोषणा क्या हुई, नेताओं में ऐसी भगदड़ मची है जैसे पहली बरसात के बाद जमीन में बिल बनाकर रहने वाले जानवर भागते हैं। नेताओं का इधर से उधर कूदना लगातार जारी है। भाजपा में दूसरे दलों से कुछ ज्यादा ही बागी आ रहे हैं।
कई कांग्रेसियों के भगवा ओढ़ने के बाद आज उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री एनडी तिवारी एंड संस भी भाजपा में शामिल होने आ गए।
कई दशकों तक कांग्रेस में रहे तिवारी राजनीति के साथ अपने 'दूसरे मिजाज' के लिए भी खूब मशहूर रहे हैं। वो भाजपा कार्यालय में आए तो जिसे देखिए खुसर-फुसर करता दिखा।
यहां तक कि पीएम मोदी भी पार्टी अध्यक्ष अमित शाह से पूछ बैठे कि अब तो इत्ते बड़े-बड़े नेता पार्टी में आ गए हैं, क्या उत्तराखंड में जीत पक्की समझूं? अमित शाह वैसे ही दल-बदलुओं पर मीडिया के सवालों से परेशान थे.. बस पिनक गए और दिया मोदी को टका सा जवाब। अब आप खुद ही पढ़ लीजिए, मोदी और शाह के बीच एनडी तिवारी को लेकर क्या बातचीत हो रही थी।
मोदी- अमित जी भाई शाह, बड़े चुप-चुप से लग रहे हैं आप तो, कुछ बताओ तो सही, क्या चल रहा हैंए?
शाह- प्रधानमंत्री जी, मैं थोड़ी घबराहट में हूं अभी।
मोदी-ऐसा क्या हुआ है शाह जी?
शाह- आप जरा कान पास लाइए, एनडी तिवारी अपने बेटे के साथ कार्यालय में आ रहे हैं। मेरे तो माथे का पसीना नहीं सूख रहा। कहीं कोई ऐसी-वैसी हरकत कर बैठे तो...
मोदी- शाह जी, आप भी कहां 90 साल के आदमी पर शक कर रहे हैं। बेवजह पसीना-पसीना हो रहे हैं।
शाह- मोदी जी, 90 साल का हर आदमी अटल बिहारी नहीं होता वो एनडी तिवारी भी होता है। आप तो जानते ही हैं इनके किस्से। क्या सब फिर से दोहराऊं? कार्यालय में कोई सुन लेगा तो सोचेगा कि सीनियर लोग किस तरह की बातें कर रहे हैं।
मोदी- लेकिन यहां वो कोई अपने घर में थोड़े बैठे हैं, ये तो हमारा पार्टी कार्यालय है।
शाह- साहब, जिस आदमी ने राजभवन का ख्याल नहीं किया, वो भला हमारे पार्टी कार्यालय की क्या शर्म करेगा?
मोदी- तो फिर क्या प्रबंध किए हो, जिससे कार्यालय में सब ठीक से निपट जाए।
शाह जी- मैंने सब महिला कार्यकर्ताओं को कहा है कि वो उस कमरे में ना आएं जिसमें तिवारी जी का स्वागत होगा। साथ ही उनसे हाथ मिलाने में भी तीन फुट दूरी रखने की सलाह दी है। गुलदस्ते का भी एक कोना पकड़ के दूसरा तिवारी जी को पकड़ा देने को कहा है।
मोदी- वो सब तो ठीक है। ये बताओ, कि उत्तराखंड में तिवारी जी के आने से मुझे.. मेरा मतलब पार्टी को फायदा तो होगा ना?
शाह- पता नहीं क्या होगा। उत्तराखंड में तो कुछ समझ में ही नहीं आ रहा है कि हम कांग्रेस को इलेक्शन लड़ा रहे हैं कि भाजपा को? बहुगुणा, तिवारी, ये, वो... जिस सीट पर देखिए कांग्रेस का उम्मीदवार हमारे निशान पर लड़ रहा है।
मोदी- शाह जी, जनता तो हमारी पार्टी के निशान पर वोट देगी, आखिर हम चाल, चरित्र और चेहरे वाली पार्टी के लिए जाने जाते हैं।
शाह- मोदी जी धीरे बोलिए, ऐसे-ऐसे चाल-चलन वाले लोग पार्टी में आ गए हैं कि चेहरा बिल्कुल बदल गया है।
मोदी- तो फिर क्या किया जाए?
शाह- कोई पुराना रिश्ता-नाता निकालिए ना...
मोदी- एनडी तिवारी से?
शाह- अरे नहीं... आप नोटबंदी के बाद पता नहीं क्या-क्या कह जाते हैं। 8 नवंबर के बाद आपकी बातें और आरबीआई की पुराने नोटों की गिनती, दोनों एक जैसे हो गए हैं. क्या हैं, कितने हैं, कुछ पता नहीं। प्रधानमंत्री साहब, उत्तराखंड से अपना कोई ऐसा रिश्ता निकालिए कि लोग वोट दे दें।
मोदी- शाह जी, आप तो हमें डांट रहे हो। कोई सुन लेगा तो क्या कहेगा? सबके सामने इन बातों का थोड़ा ध्यान रखा करो, अकेले हों तो कोई बात नहीं। हां, तो फिर प्रदेश से जुड़ाव के लिए ऐसा कह देता हूं... मित्रों, मैं तो बचपन में उत्तराखंड में ही चाय बेचता था लेकिन यहां की सर्दी की वजह से चाय ठंडी हो जाती थी, तो मैं गुजरात चला गया लेकिन अब मैं फिर से आ गया हूं. भाइयो-भैनों...
शाह-अरे आप ये सब छोड़िए, वो देखो... एनडी तिवारी जी आ गए। पीएम साहब आप इनको संभालिए, मैं बाकी कार्यकर्ताओं पर निगाह रखता हूं। संभल कर...
(यह एक व्यंग्य लेख है)
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