अगर आधार कार्ड नहीं है आपके पास तो यहां नहीं कर सकेंगे शादी
अल्मोड़ा। उत्तराखंड में अल्मोड़ा के पास चितई गोलू देवता मंदिर में शादी करने के लिए अब आधार कार्ड अनिवार्य कर दिया गया है। चितई गोलू देवता मंदिर में शादी करने के लिए दूर-दूर से लोग आते हैं।
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मंदिर में होती है हर साल 400 से ज्यादा शादियां
चितई गोलू देवता मंदिर में साल में लगभग 400 से ज्यादा शादियां होती हैं। यहां शादी करने के लिए देश विदेश से लोग आते हैं। शादी के सीजन में यहां रोज 4-5 शादियां होती हैं।
मंदिर के पुजारी का कहना है कि ज्यादा शादियां होने की वजह से वर वधू के नाम, पता और उम्र का वेरीफिकेशन संभव नहीं हो पा रहा था। कई लोग राज्य के बाहर से आते हैं, उस स्थिति में हम यह वेरीफिकेशन नहीं कर पाते थे कि शादी के लिए वर और वधू कानूनी तौर पर बालिग हैं कि नहीं।'
गैरकानूनी शादियों को रोकने के लिए उठाया कदम
पुजारी ने बताया कि जांच करने पर पता चला कि मंदिर में हुई कुछ ऐसी शादियां भी हुईं जिनमें वर-वधू कानूनी तौर पर बालिग नहीं थे और वे शादी करने के लिए घर से भागे हुए थे।
यह भी पता चला कि यहां कई नेपाली लड़कियों को शादी के लिए लाया गया था और मानव तस्करी के भी मामले सामने आए।
इस तरह की गैरकानूनी शादियों को रोकने के लिए मंदिर प्रशासन ने फैसला लिया है कि आधार कार्ड देखकर ही अब यहां शादी कराई जाएगी।
शादी के लिए आधार कार्ड ही क्यों?
मंदिर प्रशासन का कहना है कि आधार कार्ड में नाम, पता, उम्र सहित अन्य अहम जानकारियां होती हैं इसलिए शादी करने वालों से कहा गया है कि वो आधार कार्ड लेकर आएं।
गोलू देवता में हर तरफ घंटी ही घंटी
चितई गोलू देवता मंदिर पिथौरागढ़ हाईवे पर है। यह अल्मोड़ा से 8 किलोमीटर दूर है। गोलू देवता को न्याय का देवता माना जाता है और श्रद्धालु मनोकामना पूरी करने के लिए गोलू देवता को गंटी चढ़ाते हैं।
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