मोहन भागवत ने दिलाया हिंदू धर्म छोड़ने वालों की घर वापसी का संकल्प, कहा- डर ज्यादा दिन बांध नहीं सकता
चित्रकूट, 15 दिसंबर: चित्रकूट में चल रहे तीन दिवसीय 'हिंदू एकता महाकुंभ' में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख मोहन भागवत ने हिंदू संस्कृति के संरक्षण और हिंदू धर्म से गए लोगों की घरवापसी के लिए लिए संकल्प दिलाया। मोहन भागवत ने हिंदू एकता महाकुंभ को संबोधित करते हुए कहा कि कलयुग में एकता की शक्ति है, इसलिए हमें अहंकार, स्वार्थ छोड़कर काम करना पड़ेगा।
'हिंदू एकता महाकुंभ' में शामिल हुए लोगों ने संकल्प लेते हुए आरएसएस प्रमुख के साथ कहा, 'मैं हिन्दू संस्कृति का धर्मयोद्धा मर्यादा पुरुषोत्तम प्रभु श्री राम की संकल्प स्थली पर सर्वशक्तिमान परमेश्वर को साक्षी मानकर संकल्प लेता हूं कि मैं अपने पवित्र हिन्दू धर्म, हिन्दू संस्कृति और हिन्दू समाज के संरक्षण संवर्धन और सुरक्षा के लिए आजीवन कार्य करूंगा। मैं प्रतिज्ञा करता हूं कि किसी भी हिन्दू भाई को हिन्दू धर्म से विमुख नहीं होने दूंगा। जो भाई धर्म छोड़ कर चले गए हैं, उनकी भी घर वापसी के लिए कार्य करूंगा। उन्हें परिवार का हिस्सा बनाऊंगा। मैं प्रतिज्ञा करता हूं कि हिन्दू बहनों की अस्मिता, सम्मान व शील की रक्षा के लिए सर्वस्व अर्पण करूंगा। जाति, वर्ग, भाषा, पंथ के भेद से ऊपर उठ कर हिन्दू समाज को समरस सशक्त अभेद्य बनाने के लिए पूरी शक्ति से कार्य करूंगा।'
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रामभद्राचार्य महाराज बोले- काशी के बाद मथुरा की बारी है
अपने संबोधन में भागवत ने कहा कि हिंदू एकता के लिए अहंकार को तोड़ना होगा। अहंकार और स्वार्थ का विचार खत्म करने से ही कार्य बेहतर होंगे। लगातार प्रयास करने से ही सफलता मिलेगी। उन्होंने कहा कि इस बार अधर्म की लड़ाई धर्म से है। धर्म को अपनी जीत के लिए धर्म का रास्ता नहीं छोड़ना चाहिए। भागवत ने प्रतिज्ञा लेते हुए कहा, 'मैं हिंदू संस्कृति का मर्यादापूर्वक सबकी राजी से संकलप लेता हूं। सर्व समाज मैं अपने पवित्र हिंदू धर्म, संस्कृति, समाज के संरक्षण, संवर्धन, सुरक्ष के लिए आजीवन कार्य करूंगा। हिंदू एकता महाकुंभ को संबोधित करते हुए जगदगुरू रामभद्राचार्य महाराज ने कहा, 'हमने हिंदुओं के हितों की शुरुआत कर दी है। A से अयोध्या, K से काशी के बाद अब M से मथुरा की बारी है।