एक हजार रुपये किलो बिकता है यह मुर्गा, फायदे इतने की जानकर रह जायेंगे दंग
रायपुर,11 जनवरी। बस्तर में मशहूर कड़कनाथ मुर्गे का लजीज स्वाद लेने के लिए रायपुरवासियों को अब बस्तर या अन्य राज्यों मे नहीं जाना पड़ेगा। बस्तर संभाग के दंतेवाड़ा मे कुदरती माहौल मे पलने वाले देसी कड़कनाथ मुर्गे का लुत्फ अब राजधानी रायपुर में भी मिलेगा। दरअसल रायपुर जिला पंचायत जल्द ही ग्रामीण महिलाओं को आत्मनिर्भर बनने के लिए कड़कनाथ मुर्गी पालन कार्य योजना की शुरुआत करने जा रहा है। प्रशासन की ओर से आर्थिक तौर पर कमजोर महिलाओं को मनरेगा के तहत कड़कनाथ पालने के लिए बाड़ा बनाकर दिया जाएगा। इसके लिए बकायदा महिलाओं को कृषि वैज्ञानिक ट्रेनिंग भी देंगे।
एक हजार रुपये किलो तक बिकता है कड़कनाथ,रायपुर में खुलेगा सरकारी आउटलेट
रायपुर जिला पंचायत प्रशासन को उम्मीद है कि महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए तैयार की गई इस अनूठी योजना से हर महिला माह दस हजार प्रति माह आसानी से कमा सकेंगी। योजना को जल्द शुरू करने के लिए रायपुर जिला पंचायत तिल्दा ब्लाक की कुछ महिलाओं का चयन भी कर लिया है, यानि वह दिन ज्यादा दूर नहीं है जब रायपुर के बाजार में देसी कड़कनाथ मिलने लगेगा।
दरअसल कि रायपुर शहर मे नॉनवेज खाने वालों के बीच देसी कड़कनाथ मुर्गे की मांग बेहद अधिक है ,लेकिन कड़कनाथ का शौक रखने वालों को वह आसानी से नहीं मिल पाता है। अगर कड़कनाथ खाना हो तो लोग बस्तर संभाग के दौरे पर निकल जाते हैं। बस्तर में आदिवासी ग्रामीणों के घरों में कड़कनाथ पाले जाते है। बाजार में अगर कोई कड़कनाथ खरीदने जाए तो वह उसे आठ सौ से एक हजार रुपये प्रति किलो की दर से मिलता है। रायपुर में कड़कनाथ पालने का काम शुरू होने के बाद उसे बेचने लिए रायपुर और तिल्दा में आउटलेट खोला जाएगा। जिला पंचायत ने इन्ही आउटलेट के ज़रिए से कड़कनाथ की बिक्री करने की योजना बनाई है।
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सेहत के लिए होता है फायदेमंद ,डॉक्टर भी देते है खाने की सलाह
कड़कनाथ मुर्गे का सेवन स्वास्थ्य के लिए बहुत ही फायदेमंद माना जाता है। इस मुर्गे में आयरन और प्रोटीन बहुत अधिक मात्रा में पाया जाता है। जबकि कोलेस्ट्रॉल की मात्रा को भी घटाता है। दिल के मरीज और डायबिटीज के रोगियों के लिए कड़कनाथ को बेहद फायदेमंद माना गया है। माना जाता है कि दुनिया के किसी भी खाये जाने वाले पक्षी के मांस मे देसी कड़कनाथ जितने पोषक तत्व नही होते हैं। यही वजह भी है कि महंगा होने के बावजूद नॉनवेज खाने वालों में सबसे ज्यादा मांग इस मुर्गे की है। कोरोना संक्रमण के दौर में लोग इसे इम्यूनिटी बूस्टर के तौर पर भी देखते हैं।
छत्तीसगढ़ सरकार दे रही है बढ़ावा
कड़कनाथ
बाहर
और
भीतर
दोनों
तरफ
से
पूरी
तरह
से
काला
होता
है
यही
नहीं,
इसका
मांस
काला
और
खून
भी
काला
होता
है।देखने
में
बहुत
ही
पुष्ट
होता
है।
कड़कनाथ
मुर्गे
की
खासियतों
को
देखते
हुए
अब
सरकार
भी
इसे
पालने
में
मदद
कर
रही
है।
छत्तीसगढ़
सरकार
ने
कड़कनाथ
मुर्गा
पालन
को
बढ़ावा
देने
के
मकसद
से
कई
योजनाएं
चला
रखी
हैं।
छत्तीसगढ़
में
53
हजार
रुपए
डिपॉजिट
करने
पर
सरकार
की
तरफ
से
चूजे,मुर्गियों
के
शेड
और
छह
महीने
तक
दाना
मुफ्त
में
दिया
जाता
है।
इतना
ही
नहीं
मुर्गियां
स्वस्थ
रहें
इसके
लिए
टीकाकरण
और
स्वास्थ्य
की
दूसरी
देखभाल
जिम्मा
भी
भी
सरकार
ही
उठाती
है।
मुनाफा इतना ही धोनी भी पाल रहे हैं कड़कनाथ
कड़कनाथ मुर्गे के फायदे जानकर आप सोच रहे होंगे कि इसे खाने के साथ ही इसे पालना भी फायदेमंद है तो क्यों ना एक स्टार्टअप लिया जाए। लेकिन आपको यह जानकर अचंभा होगा कि छोटे स्तर पर आम लोग ही नही , बल्कि पैसे वालों को भी कड़कनाथ का फायदा दिखने लगा है। भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी यानि माही ने साइड बिजनेस के तौर पर कड़कनाथ मुर्गा पालने का काम शुरू किया है और वह लाभ भी कमा रहे हैं।इस प्रकार देखा जाये तो कड़कनाथ मुर्गा अब छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश से निकलकर झारखंड और अन्य राज्यों में भी के कई राज्यों मे भी तेजी से अपनी जगह बना रहा है।
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