Chhattisgarh का यह समुदाय, जो बेटी को उपहार में देता है 21 जहरीले सांप, अजब है इसकी मान्यता
Chhattisgarh
में
कई
धर्म
जनजाति
और
समुदाय
के
लोग
निवास
करते
हैं।
जिनकी
अपनी
अपनी
परंपराएं
और
रीति
रिवाज
हैं।
जन्म,
मृत्यु,
शादी,
त्योहारों
में
कई
परम्पराएं
प्रचलित
है।
लेकिन
आज
हम
आपको
छत्तीसगढ़
के
कोरबा
जिले
के
एक
अनोखे
परम्परा
के
बारे
में
बताने
जा
रहें
हैं।
जहाँ
शादी
में
बेटी
को
21
जहरीले
सांप
उपहार
में
दिए
जाते
हैं।
सवरा समाज सांप पकड़कर करता है जीवकोपार्जन
छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले के सोहागपुर गांव निवासरत सवरा समाज के लोगों द्वारा जीवन यापन के लिए गांव-गांव जाकर लोगों को सांप दिखाकर, उसकी जानकारी देकर अपना गुजारा करते हैं। इस समाज के लोग जंगल से व खेत खलिहानों से ज़हरीले सर्पों को पकड़कर उसका ज़हर निकाल लेते हैं और खेल दिखाकर ग्रामीणों से पैसे व अनाज लेते हैं। शिक्षा के अभाव में यह समुदाय 40 से 50 सालों से ही ऐसे ही जीवन यापन करते आ रहे हैं। कोरबा जिले में सांपों की संख्या पहले से बढ़ी है।
सवरा समाज में प्रचलित है सर्प दान की परम्परा
बता दें कि छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले के सोहागपुर गांव में सवरा समाज अनोखी परम्परा को कई सालों से निभाता आ रहा है। समाज में बेटी की शादी में दहेज़ के रूप में सोना, चांदी, बर्तन तो देता ही है लेकिन इसके साथ साथ दहेज़ के रूप में वर पक्ष को 21 सांप देने की परंपरा हैं। इसके पीछे मान्यता यह है कि इससे बेटी के ससुराल में सुख, समृद्धि और संपन्नता आती हैं। लेकिन सवरा समाज की यह परम्परा वन्य जीव संरक्षण कानून और वन विभाग की सख्ती से सांप दिखाकर अपना और परिवार का पेट चलाने वाले सवरा जाति के लोग परेशान हैं। कई बार वन विभाग द्वारा कार्रवाई कर सांप को आजाद कराया जा रहा है। ऐसे में 21 सांप शादी में देने की परंपरा कम हो कर 11 सांप की हो गई है।
सवरा समाज ने कई बार किया आंदोलन
छत्तीसगढ़ के सोहागपुर गांव को सर्पलोक कहा जाता हैं। इस गांव में ज्यादातर सवरा (सपेरा) समाज की लोग निवासरत हैं।गांव के सुनील ने बताया कि सरकारी मदद के रूप में राशन कार्ड बना है और राशन भी मिलता है। लेकिन लोगों के पास कोई जमीन-जायजाद नहीं होने और शिक्षा के अभाव में समाज के किसी भी सदस्य का जाति, निवासी, प्रमाण पत्र नहीं बन सका। समाज के लोगों ने इसके लिए कई बार आंदोलन किया लेकिन अब तक समाज मुख्यधारा में शामिल नहीं हो सका है।
सरकारी योजनाओं का नहीं मिल रहा लाभ
कोरबा जिले के सोहागपुर गांव में सर्पलोक तो जरूर है। लेकिन यहां के लगभग 120 परिवारों को सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा है। अब वन्य जीव संरक्षण के लिए वन विभाग की सख्ती और सरकारी योजनाओं के लाभ के लिए जाति, निवासी, जन्म प्रमाण पत्र जैसे दस्तावेज नहीं बनने से सवरा समाज को सरकारी लाभों से वंचित होना पड़ रहा है।
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