लॉकडाउन का फायदा उठाते हुए भतीजे ने चाचा को उतारा मौत के घाट, ऐसे हुआ खुलासा
कोण्डागांव। छत्तीसगढ़ के कोण्डागांव जिले में लॉकडाउन का फायदा उठाते हुए एक भतीजे ने अपने चाचा को मौत के घाट उतार दिया। चाचा के शव को गांव के बाह जंगल में छिपा दिया था। हालांकि आरोपित की चालाकी काम नहीं आई और जगंल गई महिलाओं ने लाश को देख लिया।
कोंडागांव ब्लॉक के पल्ली गांव में मृतक बोड़कु उर्फ बोचा राम और उसके भतीजे हीरा सिंह के बीच जमीनी विवाद चल रहा था। लेकिन मृतक बोन्डकू ने अपने भतीजे आरोपित हरि सिंह को जमीन दे दी थी, लेकिन इससे वह संतुष्ट नहीं था। आरोपित भतीजे को चाचा की पूरी जमीन, खेत और घर चाहिए था। आरोपी की पत्नी और बच्चे घर पर नहीं थे। इसी दौरान उसे अपने चाचा के मर्डर का प्लान तैयार किया।
मृतक बोन्डकू एक दिन नहाने के लिए घर से निकला तभी हरि सिंह ने उसे अपने घर बुलाया और डंडे से पीट-पीट कर उसे मौत के घाट हत्या दिया। पूरे गांव में 21 दिन के लॉकडाउन के चलते कोई भी निकल नहीं रहा था। इसलिए किसी को कुछ भी पता नहीं चल पाया। हत्या के बाद आरोपित ने लाश को पूरे दिन अपने घर पर रखा और पुलिस से बचने के लिए घर से खून के धब्बे मिटाए। साथ ही हत्या के पूरे साक्ष्य सबूत को हटा दिया।
लॉकडाउन के चलते पूरे गांव में सन्नाटा पसरा था जिसका फायदा उठाते हुए आरोपी ने अपने कंधे में लाश उठाकर गांव से तीन किलोमीटर दूर सितली के जंगल में फेंक दिया। इसी दौरान सितली गांव में उस वक्त हड़कंप मच गया जब जंगल में महुआ बीनने गए महिलाओं ने शव को देखा। सूचना पर जंगल पहुंचे ग्रामीणों ने मृतक की पहचान छिंदभाटा गांव निवासी बोन्डकु मरकाम के रूप में की।
लाश देखकर गांव वालों के बीच सुगबुगाहट चालू हो गई। इसके बाद लोगों ने सिटी कोतवाली कोंडागांव में सूचना दी। सूचना मिलने के बाद पुलिस अधीक्षक बालाजी राव ने तुरंत एसडीओपी कपिल चंद्रा, टीआई राजेन्द्र मंडावी, एसआई मनोज नायक, एसआई विवेक सेंगर एवं अन्य स्टाप को तत्काल जांच करने भेजा।
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