भानुप्रतापपुर उपचुनाव था छत्तीसगढ़ की सत्ता का सेमीफाइनल ,दिवंगत पति की छाया बनी सावित्री मंडावी
छत्तीसगढ़ में कांग्रेस ने भानुप्रतापपुर विधानसभा उपचुनाव जीत लिया है। कांग्रेस कांग्रेस प्रत्याशी सावित्री मंडावी की जीत कई कारणों से हुई है।
Bhanupratappur By Election Result: छत्तीसगढ़ के कांकेर जिले की भानुप्रतापपुर विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी सावित्री मंडावी ने बड़ी जीत दर्ज की है। उन्होंने भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी ब्रह्मानंद नेताम को 21,171 मतों से परास्त किया है। इस बड़ी जीत के बाद भानुप्रतापपुर से लेकर रायपुर तक जश्न का माहौल है।सावित्री मंडावी को जनता ने उनके दिवंगत पति मनोज मंडावी की छाया के रूप में चुना है,लेकिन कांग्रेस के लिए यह जीत अहम है,क्योंकि भानुप्रतापपुर को 2023 में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले छत्तीसगढ़ की सत्ता का सेमीफाइनल माना जा रहा था।
भानुप्रतापपुर उपचुनाव था छत्तीसगढ़ की सत्ता का सेमीफानल,दिवंगत पति की छाया बनी सावित्री मंडावी
छत्तीसगढ़ के कांकेर जिले की भानुप्रतापपुर विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव में कांग्रेस कांग्रेस प्रत्याशी सावित्री मंडावी ने बड़ी जीत दर्ज की है। उन्होंने भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी ब्रह्मानंद नेताम को 21,171 मतों से परास्त किया है। इस बड़ी जीत के बाद भानुप्रतापपुर से लेकर रायपुर तक जश्न का माहौल है।सावित्री मांडवी को जनता ने उनके दिवंगत पति मनोज मंडावी की छाया के रूप में चुना है,लेकिन कांग्रेस के लिए यह जीत अहम् है,क्योंकि भानुप्रतापपुर को 2023 में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले छत्तीसगढ़ की सत्ता का सेमीफाइनल माना जा रहा था।
पति को याद करके भावुक हुई सावित्री मांडवी
भानुप्रतापपुर में उपचुनाव की नौबत वहां से कांग्रेस के विधायक रहे मनोज मांडवी के आकस्मिक निधन के बाद आई थी। कांग्रेस ने सहनुभूति की लहर के बीच सावित्री मांडवी को टिकट दिया था,जो दांव सफल साबित हुआ। सावित्री मंडावी अपनी जीत के बाद बेहद भावुक नजर आईं। रोड शो के दौरान वह जनता के अभिवादन के साथ आँखों में आंसू लिए अपने दिवंगत पति मनोज मांडवी को याद करती रहीं। पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कहा कि भानुप्रतापपुर की जनता ने मेरे पति मनोज मांडवी के 5 साल के लिए चुना था। वह क्षेत्र की जनता के लिए जो विकास कार्य करता चाहते थे,उन अधूरे कामों को मै पूरा करुँगी। उन्होंने अपनी जीत का श्रेय जनता और मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को दिया।
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सरकार पर जनता का भरोसा कायम है:भूपेश बघेल
भानुप्रतापपुर में मिली बड़ी जीत पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि भानुप्रतापपुर की जनता और मतदाताओ को बधाई देता देता हूं। पूर्व सीएम रमन सिंह जी मुझे कभी मुसवा बिलई बोलते रहे लेकिन असली बघवा जनता है. और जनता ने अपना फैसला सुना दिया है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा भानुप्रतापपुर में वोटिंग परसेंट की बात की जाए तो पिछले चुनाव में जोगी और आप खड़े थे,लेकिन इस बार दोनों नही थे।
सर्व आदिवासी समाज को कोई वोट नही मिला है,जो दूसरे दल को वोट देना चाह रहे थे,वही निर्दलीय को मिला है। उन्होंने कहा कि मनोज मंडावी के कामों पर जनता ने भरोसा जताया है। यहाँ जीत बताते है कि सरकार पर जनता का भरोसा कायम है। इसके अलावा उन्होंने कहा कि रमन सिंह मुझे मुसवा, कुकर बोलते रहे। लेकिन असली बघवा जनता है और उन्होंने अपना रूप दिखाया है। यही वजह है कि भाजपा दूसरे-तीसरे पद के लिए लड़ती नजर आई। बीजेपी ने भानुप्रतापपुर में सबसे चुनावी मैनेजर को झोंक दिया था। मगर नतीजा सामने है।
जीत का जश्न जारी,सावित्री की जीत में जमकर नाचे लखमा
भानुप्रतापपुर उपचुनाव में कुल 1,41,662 वोट दर्ज किये गए। जिसमे कांग्रेस प्रत्याशी सावित्री मंडावी को 65,479 , भाजपा प्रत्याशी को 44308 और सर्व आदिवासी समाज समर्थित निर्दलीय प्रत्याशी अकबर राम को 23,417 वोट प्राप्त हुए,जबकि नोटा को 4251 वोट मिले। कांग्रेस के पक्ष में परिणाम आते ही भानुप्रतापपुर से लेकर रायपुर तक कांग्रेस जश्न मना रही है। उद्योग मंत्री कवासी लखमा समेत सावित्री मंडावी खुद थिरकते हुए नजर आईं।
त्रिकोणीय संघर्ष का गवाह बना भानुप्रतापपुर
गौरतलब है कि 16 अक्टूबर की छत्तीसगढ़ की भानुप्रतापपुर विधानसभा सीट के कांग्रेस विधायक मनोज कुमार मंडावी की दिल का दौरा पड़ने से मृत्यु हो गई थी। उनके निधन के बाद खाली पड़ी सीट पर उपचुनाव हुआ है। भानुप्रतापपुर उपचुनाव में त्रिकोणीय मुकाबला देखने को मिल रहा था ।कांग्रेस ने दिवंगत विधायक मनोज मांडवी की पत्नी सावित्री मंडावी टिकट दिया है,तो वहीं भाजपा ने ब्रम्हानंद नेताम को चुनावी मैदान में उतारा था । वहीं सर्व आदिवासी समाज ने अकबर राम कोर्राम को अपना प्रत्याशी बनाया था । अकबर राम के चुनावी मैदान में उतरने से भानुप्रतापपुर उपचुनाव का मुकाबला त्रिकोणीय हो चुका था ।इस चुनाव में कुल 7 प्रत्याशी मैदान में थे।
इसलिए जीती सावित्री मांडवी
भानुप्रतापपुर उपचुनाव में 2023 को होने वाले छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव से ठीक एक साल पहले हुआ है,इसलिए इसे सत्ता का सेमीफाइनल माना जा रहा था। सावित्री मांडवी क्यों जीती, इसके कई कारण हैं। पहला कारण है सहानुभूति वोट का मिलना। उनके पति मनोज मांडवी इस सीट से कांग्रेस विधायक चुने गए थे। मनोज मंडावी के आकस्मिक निधन के बाद कांग्रेस ने सावित्री मंडावी को टिकट दिया था। दूसरा कारण रहा भाजपा प्रत्याशी पर रेप के आरोप लगना।
दरअसल कांग्रेस भाजपा प्रत्याशी ब्रम्हानंद नेताम पर नाबालिग से रेप का आरोप लगाकर उनसे जनसमर्थन छीन लिया। तीसरा फैक्टर रहा सर्व आदिवासी समाज का चुनावी मैदान में उतरना। आरक्षण खत्म होने के मुद्दे पर सरकार के प्रति नाराज़गी जताते हुए सर्व आदिवासी समाज ने अकबर राम कोर्राम को अपना उम्मीदवार बनाकर चुनावी मैदान में उतरा था,कोर्राम कांग्रेस के वोट तो नहीं काट सके,लेकिन भाजपा के वोट डायवर्ट करने में सफल रहे।
जनादेश का सम्मान,लेकिन कांग्रेस ने झूठे प्रचार के दम पर चुनाव जीता: अरुण साव
छत्तीसगढ़ प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सांसद अरुण साव ने भानुप्रतापपुर उपचुनाव परिणाम पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि यह कांग्रेस की अनैतिक जीत है। नैतिक तौर पर कांग्रेस हार गई है। कांग्रेस ने चरित्र हत्या और सरकारी तंत्र का दुरुपयोग कर उपचुनाव तो जीत लिया। लेकिन स्पष्ट हो गया कि आदिवासी समाज अब कांग्रेस का साथ छोड़ता जा रहा है। आदिवासी समाज ने कांग्रेस का दावा खोखला साबित कर दिया है। चुनाव में भाजपा और निर्दलीय आदिवासी प्रत्याशी को जितने वोट मिले उतने वोट कांग्रेस प्राप्त नहीं कर पाई। यह स्पष्ट करता है कि कांग्रेस के विकास के दावों में सच्चाई नही है।
प्रदेश भाजपा अध्यक्ष अरुण साव ने कहा कि कांग्रेस आदिवासी आरक्षण के नाम पर भ्रमित करने के बाद भी आदिवासी समाज का भरोसा नहीं जीत पाई। कांग्रेस की चारित्रिक हार तो प्रचार के दौरान ही हो गई थी। कांग्रेस ने काम के नाम पर नहीं, षड्यंत्र, सहानुभूति और सत्ता के दुरुपयोग के दम पर उपचुनाव जीता है।
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