Chandigarh power strike: कर्मियों की हड़ताल पर 6 महीने तक रोक, अब दूर होगा बिजली संकट?
चंडीगढ़। केंद्र शासित प्रदेश चंडीगढ़ में बिजली की किल्लत मची हुई है। बिजली की यह किल्लत यूटी पावरमैन यूनियन की हड़ताल की वजह से है, जिसके लगभग 1 हजार कर्मचारी हड़ताल पर चले गए थे। मगर, चंडीगढ़ प्रशासन ने हड़ताल रुकवाने के लिए एक सख्त कदम उठाया है। प्रशासन ने इंजीनियरिंग विभाग (पावर विंग) के किसी भी कर्मचारी को 6 महीने की अवधि के लिए हड़ताल पर जाने से रोक लगा दी है। यह आदेश तत्काल प्रभाव से लागू कर दिया गया है।
बिजली के साथ पानी सप्लाई भी प्रभावित
बिजली की आपूर्ति का संचालन प्रभावित होने का असर शहरभर के कई इलाकों पर पड़ा है। यहां तक कि,शहर में बिजली के साथ पानी की सप्लाई भी प्रभावित हुई है। इंजीनियरिंग विभाग (पावर विंग) के कर्मचारियों ने गुरुवार रात तक कामकाज बंद रखने का फैसला किया था। जिसके चलते शहर अधेरे में डूब गया। रात के समय सड़कों पर तेज धूल वाली हवा और अंधेरे के बीच सड़कों पर ड्राइविंग करना मुश्किल हो गया। ट्रैफिक लाइट प्वांइट्स पर लाइटें बंद पड़ी थीं। बताया जा रहा है कि, ट्रैफिक कर्मी ज्यादातर लोकेशंस पर नहीं हैं।
हाईकोर्ट ने लिया संज्ञान
बिजली संकट के बीच पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने संज्ञान लिया। हाईकोर्ट ने कल बिजली विभाग के चीफ इंजीनियर को बुलाया। उनसे संकट से निपटने के लिए बात की गई, हालांकि, यह पेचीदा लगता है। खास बात यह है कि, जब चंडीगढ़ में बिजली संकट पैदा हुआ तो पड़ोसी राज्यों पंजाब और हरियाणा ने भी मदद नहीं की।
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पड़ोसी राज्यों से नहीं मिली बिजली!
बताया जा रहा है कि, पंजाब ने कर्मचारी भेजने से इनकार कर दिया। वहीं, हरियाणा का भी जवाब नहीं मिला। चंडीगढ़ में पैदा हुए बिजली संकट का असर इतना है कि, हाईकोर्ट ने सुओ-मोटो लिया। जिसके बाद प्रशासन ने 6 महीने तक बिजली कर्मियों की हड़ताल पर रोक लगा दी है। अब हाईकोर्ट में कल सुनवाई हो सकती है।