बिटकॉइन पर सल्वाडोर की अपील विश्व बैंक ने की खारिज, मंजूरी देने वाला इकलौता देश
नई दिल्ली, 17 जून। विश्व बैंक ने बुधवार को कहा कि पर्यावरण और पारदर्शिता की कमियों को देखते हुए वह अल सल्वाडोर के बिटकॉइन कार्यान्वयन में मदद नहीं कर सकता। विश्व बैंक के प्रवक्ता ने ईमेल के माध्यम से कहा, "हम मुद्रा पारदर्शिता और नियामक प्रक्रियाओं सहित कई तरीकों से अल सल्वाडोर की मदद करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।"
हाल ही में मध्य अमेरिकी देश एल सल्वाडोर ने बिटकॉइन को वैध मुद्रा (लीगल टेंडर) के रूप में मान्यता की थी। ऐसा करने वाला एल सल्वाडोर पहला और इकलौता देश है।
विश्व
बैंक
का
मदद
से
इनकार
विश्व
बैंक
ने
कहा
"सल्वाडोर
सरकार
ने
बिटकॉइन
पर
सहायता
के
लिए
हमसे
संपर्क
किया
था
लेकिन
विश्व
बैंक
पर्यावरण
और
पारदर्शिता
की
कमियों
को
देखते
हुए
विश्वबैंक
इसका
समर्थन
नहीं
कर
सकता
है।"
बुधवार को सल्वाडोर के वित्त मंत्री एलेजांद्रो जेलया ने कहा कि सल्वाडोर ने बैंक से तकनीकी सहायता मांगी है क्योंकि वह बिटकॉइन को अमेरिकी डॉलर के साथ समानांतर वैध करेंसी के रूप में इस्तेमाल करना चाहता है।
मंत्री जेलया ने यह भी कहा कि अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष के साथ चल रही बातचीत सफल रही है, हालांकि आईएमएफ ने पिछले हफ्ते कहा था कि उसने देश में बिटकॉइन को अपनाने के साथ "व्यापक आर्थिक, वित्तीय और कानूनी मुद्दों" को देखा है।
ज़ेलया ने बुधवार को कहा कि आईएमएफ बिटकॉइन के कार्यान्वयन के "खिलाफ नहीं" था। रायटर्स की खबर के मुताबिक आईएमएफ ने इस टिप्पणी पर कोई जवाब नहीं दिया है।
एल
सल्वाडोर
ने
बिटकॉइन
को
दी
मान्यता
एल
सल्वाडोर
की
कांग्रेस
ने
9
जून
को
एक
बिल
को
मंजूरी
दी
थी
जिसके
बाद
बिटकॉइन
को
कानूनी
निविदा
के
रूप
में
मान्यता
मिल
गई
थी।
साथ
ही
राष्ट्रपति
नायब
बुकेले
ने
घोषणा
की
कि
अल
सल्वाडोर
में
बिटकॉइन
का
निवेश
करने
वाले
लोगों
को
देश
की
नागरिकता
मिलेगी।
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एल सल्वाडोर के बिटकॉइन को वैध मुद्रा का दर्जा देने के बाद ये माना जा रहा था कि इस लागू कर पाना आसान नहीं होगा। दरअसल एल सल्वाडोर की अपनी कोई करेंसी नहीं है। इस मध्य अमेरिकी देश में अमेरिकी डॉलर को आधिकारिक मुद्रा के रूप में इस्तेमाल किया जाता है।