बंद होगी बैंकों की FREE सर्विस, ATM इस्तेमाल से लेकर चेकबुक , क्रेडिक कार्ड के लिए देना होगा टैक्स
नई दिल्ली। बैंकों में मिलने वाली फ्री सर्विस जल्द बंद हो सकती है। फिर चाहे एटीएम से कैश निकालना हो या चेकबुक हर सर्विस के लिए आपके भुगतान करना होगा। आने वाले दिनों में आपको ATM से लेकर क्रेडिट कार्ड, चेकबुक जैसी सेवाओं के लिए ज्यादा भुगतान करना होगा। ये बदलाव GST की वजह से होगा। बैंक मुफ्त सेवाओं पर जीएसटी लगाने की दिशा में काम कर रहा है। माना जा रहा है कि इसके बाद आपकी मुफ्त सर्विस खत्म हो जाएगी।
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बंद हो जाएगी बैंकों की मुफ्त सर्विस
इकनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक ग्राहकों को बैंकों से मिलने वाली फ्री सर्विस भी GST के दायरे में लाने की तैयारी की जा रही है। बैंक इस जीएसटी का बोझ अपने ग्राहकों पर डालेगा और आपके लिए ये सर्विस महंगी हो जाएगी। रिपोर्ट के मुताबिक एसबीआई,आईसीआईसीआई बैंक, एचडीएफसी बैंक, पीएनबी और एक्सिस बैंक इसका बोझ ग्राहकों पर डालने की तैयारी कर रहे हैं। इस टैक्स को अपने खाताधारकों से वसूलने की तैयारी कर रहे हैं। ऐसा होने के बाद आपको चेक बुक, एटीएम, फ्यूल चार्ज पर रिफंड और क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल आपके लिए महंगा हो जाएगा।
ग्राहकों पर बोझ डालने की तैयारी में बैंक
रिपोर्ट के मुताबिक देशभर के 19 बैंकों को नोटिस जारी कर खातादारकों को फ्री दी जाने वाली सर्विस पर टैक्स चुकाने के लिए कहा है। बैंको ने इसकी शिकायत वित्त मंत्रालय से की और सरकार से अपील की कि फ्री सर्विसेज पर लगाए गए टैक्स में उन्हें छूट दी जाए। बैंकों की ये सर्विस जीएसटी के दायरे में लाए जाने पर बैंक इसका बोझ अपने खाताधारकों पर डालने की तैयारी में हैं। ये टैक्स सीधा सरकार के खाते में जाएगा।
महंगी हो जाएगी सर्विसेज
कर विभाग ने बैंकों को प्रिलिमनरी नोटिस इश्यू कर उनसे सर्विस टैक्स और पेनेल्टी जोड़कर सभी बैंकों से 40 हजार करोड़ रुपए भरने को कहा। इसके बाद मामला वित्त मंत्रालय तक पहुंच गया। अब बैंक फ्री सर्विस की रकम ग्राहकों से वसूलगेंगे। जिससे बैंक चेक बुक, अडिशनल क्रेडिट कार्ड, अडिशनल एटीएम यूज, फ्यूल रिफंड सरचार्ज पर मंथली या तिमाही आधार पर 18 पर्सेंट का GST लगा सकते हैं। हालांकि इसके लिए बैंकों को अपने सॉफ्टवेयर में बदलाव करना होगा। उन्हें फ्री सेवाओं पर टैक्स लगाने के लिए आवश्यक बदलाव करने होंगे। वो तरीका तय करना होगा, जिससे बैंक खाताधारकों से रकम काटकर सीधे सरकार को सौंप सकेंगे।