पीएम नरेंद्र मोदी की घोषणा के बाद भी उनकी बात नहीं मान रहा RBI, पुराने नोट नहीं कर रहा जमा
पीएम नरेंद्र मोदी ने 8 नवंबर को कहा था कि जो लोग 30 दिसंबर तक नोट नहीं बदल पाएंगे, वह 31 मार्च 2017 तक भारतीय रिजर्व बैंक में पैसे जमा कर सकते हैं, लेकिन ऐसा नहीं हो रहा है।
नई दिल्ली। जिन लोगों ने 30 दिसंबर तक पुराने 500 और 1000 रुपए के नोट नहीं बदले हैं, उनके लिए वादा किए जाने के बावजूद अब भारतीय रिजर्व बैंक के दरवाजे भी बंद हो चुके हैं। अब भारतीय रिजर्व बैक में सिर्फ वहीं लोग अपने पास पड़ी पुरानी करंसी बदल सकते हैं, जो नवंबर और दिसंबर में देश से बाहर थे। हालांकि, इसके लिए उन लोगों को एक उचित कारण भी बताना होगा। इस तरह से अब सरकार अपनी बात से मुकरती नजर आ रही है।
कुछ
लोग
कोलकाता,
अहमदाबाद
और
देश
के
कुछ
अन्य
हिस्सों
में
भारतीय
रिजर्व
बैंक
गए
और
वहां
जाकर
उन्होंने
पीएम
मोदी
द्वारा
की
गई
उस
घोषणा
की
याद
दिलाई
जिसमें
उन्होंने
कहा
था
कि
31
मार्च
तक
भारतीय
रिजर्व
बैंक
में
नोट
बदले
जा
सकते
हैं।
उन
लोगों
को
बैंक
की
तरफ
से
जवाब
मिला
है
कि
नोट
बदले
जाने
का
कोई
ग्रेस
पीरियड
नहीं
था।
भारतीय
रिजर्व
बैंक
के
एक
अधिकारी
के
अनुसार
यह
पॉलिसी
सरकार
के
अध्यादेश
और
नोटिफिकेशन
में
है।
ग्रेस
पीरियड
सिर्फ
उन
लोगों
के
लिए
है,
जो
इस
50
दिन
के
समय
के
दौरान
देश
से
बाहर
थे।
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ही
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है
आपके
बैंक
का
हाल
इससे
पहले
8
नवंबर
को
नोटबंदी
की
घोषणा
करते
वक्त
प्रधानमंत्री
नरेन्द्र
मोदी
ने
कहा
था
कि
जो
लोग
30
दिसंबर
तक
पैसे
जमा
नहीं
कर
पाएंगे,
उनके
पास
अपने
500
और
1000
रुपए
के
नोटों
को
भारतीय
रिजर्व
बैंक
से
बदलने
का
विकल्प
भी
होगा।
पीएम
मोदी
ने
अपने
भाषण
में
कहा
था
कि
जो
भी
लोग
किसी
भी
कारणवश
30
दिसंबर
तक
पुराने
नोट
बैंक
में
जमा
नहीं
करा
पाए,
वह
31
मार्च
2017
तक
भारतीय
रिजर्व
बैंक
में
अपने
पुराने
नोट
जमा
करा
सकते
हैं।
हालांकि,
अब
भारतीय
रिजर्व
बैंक
अध्यादेश
का
हवाला
देते
हुए
सिर्फ
उन
लोगों
के
ही
पुराने
नोट
जमा
कर
रहा
है,
जो
नवंबर
और
दिसंबर
में
देश
से
बाहर
थे।