साइरस मिस्त्री विवाद पर रतन टाटा ने तोड़ी चुप्पी, दुख जताते हुए उन्होंने क्या-क्या कहा?
रतन टाटा ने जब इस विवाद पर बोलना शुरू किया तो वे भावुक हो गए और उन्होंने घटनाक्रम को दुखदायी बताया।
दिल्ली। साइरस मिस्त्री विवाद पर टाटा संस के अंतरिम चेयरमेन रतन टाटा ने अपनी चुप्पी तोड़ते हुए शेयरहोल्डर्स की मीटिंग में कहा कि पिछले दो महीने से उनकी प्रतिष्ठा को डैमेज करने की सोची-समझी कोशिश हो रही है। उन्होंने अपने और टाटा ग्रुप पर हुए हमलों पर दुख जताया है।
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'मुझपर लगाए गए आरोप आधारहीन और दुखदायी'
ईजीएम में शेयरहोल्डर्स को संबोधित करते रतन टाटा भावुक हो गए। उन्होंने कहा कि उन पर और टाटा ग्रुप पर जितने भी अटैक हुए हैं वे सभी आधारहीन व बहुत दुखदायी हैं। उन्होंने कहा कि पिछले दो महीने से उनकी प्रतिष्ठा का हनन करने की कोशिश हो रही है।
रतन टाटा ने कहा कि यह घटनाक्रम दुखद जरूर है लेकिन मैं सोचता हूं कि जो भी सच है, वह सबके सामने होगा।
साइरस मिस्त्री ने लगाए कमजोर कॉरपोरेट गवर्नेंस के आरोप
टाटा कंपनियों के सभी पदों पर से हटाए साइरस मिस्त्री लगातार ग्रुप और रतन टाटा के खिलाफ बोल रहे हैं। उन्होंने टाटा संस में कॉरपोरेट गवर्नेंस के कमजोर होने की बात भी कही थी।
रतन टाटा ने इसका भी जवाब दिया। उन्होंने कहा कि यह ग्रुप 150 सालों से बेहतर गवर्नेंस की वजह से ही चल रहा है। रतन टाटा ने मीटिंग में मौजूद शेयरहोल्डर्स को समर्थन के लिए धन्यवाद दिया।
एक दिन पहले ही नुस्ली वाडिया ने दर्ज कराया मानहानि का केस
एक दिन पहले बिजनेस टायकून और टाटा की तीन कंपनियों के बोर्ड के पूर्व इंडिपेंडेंट डायरेक्टर नुस्ली वाडिया ने टाटा संस और रतना टाटा के खिलाफ मानहानि का केस दर्ज कराया है। केस दर्ज कराने से कुछ घंटे पहले ही ईजीएम में टाटा मोटर्स के शेयरहोल्डर्स ने वोटिंग करके उनको पद से हटा दिया था।
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